P97, (ख) Mantra chant secrets, "अति पावन गुरु मंत्र,...'' महर्षि मेंहीं पदावली भजन अर्थ सहित

महर्षि मेंहीं पदावली / 97

      प्रभु प्रेमियों ! संतवाणी अर्थ सहित में आज हम लोग जानेंगे- संतमत सत्संग के महान प्रचारक सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज के भारती (हिंदी) पुस्तक "महर्षि मेंहीं पदावली" जो हम संतमतानुयाइयों के लिए गुरु-गीता के समान अनमोल कृति है। इस कृति के 97 वां पद्य  "अति पावन गुरु मंत्र.....''  का शब्दार्थ, भावार्थ और टिप्पणी के  बारे में। जिसे पूज्यपाद लालदास जी महाराज नेे किया है।
इस गुरु और गुरु-मंत्र का रहस्य की विषेतावाले  ( कविता, पद्य, वाणी ) में  गुरु मंत्र साधना,गुरु मंत्र अनुष्ठान, गुरु मंत्र की शक्ति,गुरु मंत्र दीक्षा,गुरु मंत्र की महिमा,guru mantra in hindi,गुरु सिद्धि मंत्र,  आदि पर चर्चा हुई है ।

P97, (ख) Mantra chant secrets, "अति पावन गुरु मंत्र,...''  महर्षि मेंहीं पदावली भजन अर्थ सहित। ध्यान मुद्रा में जाप करते गुरुदेव।
ध्यान मुद्रा में जाप करते गुरुदेव


Mantra chant secrets, "अति पावन गुरु मंत्र,.

सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज जी  कहते हैं- "अत्यंत पवित्र गुरुमंत्र (गुरु-प्रदत मंत्र अथवा 'गुरु' शब्द रुपी मंत्र) का मन-ही-मन जप करो और सबसे बढ़कर उपकार करने वाले गुरु के ही देखे हुए स्थल रूप को मानस ध्यान में स्थिर करो या  उगाओ।.Mantra chant secrets, "अति पावन गुरु मंत्र,..... इस विषय में पूरी जानकारी के लिए इस भजन का शब्दार्थ, भावार्थ और टिप्पणी किया गया है। उसे पढ़े-
"अति पावन गुरु मंत्र, मन ही मन जाप जपो ।" भजन का शेष टिप्पणी यहां पर पढ़ेंगे। इसके प्रथम भाग को पढ़ने के लिए   यहां दबाएं।

P97, (ख) Mantra chant secrets, "अति पावन गुरु मंत्र,...''  महर्षि मेंहीं पदावली भजन अर्थ सहित। पदावली भजन 97 का शेष टिप्पणी।
पदावली भजन 97 का शेष टिप्पणी।

P97, (ख) Mantra chant secrets, "अति पावन गुरु मंत्र,...''  महर्षि मेंहीं पदावली भजन अर्थ सहित। पदावली भजन 97 का शेष टिप्पणी।
पदावली भजन 97 का शेष टिप्पणी।

P97, (ख) Mantra chant secrets, "अति पावन गुरु मंत्र,...''  महर्षि मेंहीं पदावली भजन अर्थ सहित। पदावली भजन 97 का शेष टिप्पणी।
पदावली भजन 97 का शेष टिप्पणी।

इस भजन के  बाद वाले पद्य को पढ़ने के लिए    यहां दबाएं।

प्रभु प्रेमियों ! गुरु महाराज के भारती पुस्तक "महर्षि मेंहीं पदावली" के भजन नं. 96 का शब्दार्थ, भावार्थ और टिप्पणी के द्वारा आपने जाना कि गुरु मंत्र साधना,गुरु मंत्र अनुष्ठान, गुरु मंत्र की शक्ति,गुरु मंत्र दीक्षा,गुरु मंत्र की महिमा, गुरु भक्ति कैसे करना चाहिए? इतनी जानकारी के बाद भी अगर आपके मन में किसी प्रकार का शंका या कोई प्रश्न है, तो हमें कमेंट करें। इस लेख के बारे में अपने इष्ट मित्रों को भी बता दें, जिससे वे भी इससे लाभ उठा सकें। सत्संग ध्यान ब्लॉग का सदस्य बने। इससे आपको आने वाले  पोस्ट की सूचना नि:शुल्क मिलती रहेगी। इस पद का पाठ किया गया है उसे सुननेे के लिए निम्नलिखित वीडियो देखें।





महर्षि मेंहीं पदावली, शब्दार्थ, भावार्थ और टिप्पणी सहित।
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