P50, Benefits of Being Gurmukhi, "गुरु के शरण गहु, धन धन गुरु कहु,...'' महर्षि मेंहीं पदावली भजन अर्थ सहित
महर्षि मेंहीं पदावली / 50
प्रभु प्रेमियों ! संतवाणी अर्थ सहित में आज हम लोग जानेंगे- संतमत सत्संग के महान प्रचारक सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज के भारती (हिंदी) पुस्तक "महर्षि मेंहीं पदावली" जो हम संतमतानुयाइयों के लिए गुरु-गीता के समान अनमोल कृति है। इस कृति के 50 वें पद्य "गुरु के शरण गहु, धन धन गुरु कहु....'' का शब्दार्थ, भावार्थ और टिप्पणी के बारे में। जिसे पूज्यपाद लालदास जी महाराज नेे किया है।
इसमें बताया गया है-जल्दी-से-जल्दी गुरुमुखी होकर ध्यान-भजन में लग जाओ।म 'गुरमुखी' होने के बहुत फायदे है। गुरमुखी व्यक्ति सत्संग, ध्यान, संतवाणी, वचन, भजन, योग, दृष्टि योग, नादानुसंधान आदि क्रियाओं को अच्छी तरह समझ सकता है। वह गुरुमुख सम्मेलन, गुरुमुखी होने के बाद की सभी प्रक्रियाओं में भाग लेने का अधिकारी हो जाता है। गुरुमुखी वही व्यक्ति होता है जो गुरु के द्वारा दीक्षा लेने की प्रक्रिया को पूरा करता है।'
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इसमें बताया गया है-जल्दी-से-जल्दी गुरुमुखी होकर ध्यान-भजन में लग जाओ।म 'गुरमुखी' होने के बहुत फायदे है। गुरमुखी व्यक्ति सत्संग, ध्यान, संतवाणी, वचन, भजन, योग, दृष्टि योग, नादानुसंधान आदि क्रियाओं को अच्छी तरह समझ सकता है। वह गुरुमुख सम्मेलन, गुरुमुखी होने के बाद की सभी प्रक्रियाओं में भाग लेने का अधिकारी हो जाता है। गुरुमुखी वही व्यक्ति होता है जो गुरु के द्वारा दीक्षा लेने की प्रक्रिया को पूरा करता है।'
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गुरुमुखी कौन है? पर बातचीत करते हुए गुरुदेव। |
Benefits of Being Gurmukhi, "गुरु के शरण गहु, धन धन गुरु कहु,..
सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज जी कहते हैं- जल्दी-से-जल्दी गुरुमुखी होकर दृष्टि योग और नादानुसंधान की साधना करके संसारी दुखों के चक्र से छुटकारा प्राप्त कर लो।.Benefits of Being Gurmukhi, "गुरु के शरण गहु, धन धन गुरु कहु.. इस विषय में पूरी जानकारी के लिए इस पद का शब्दार्थ, भावार्थ और टिप्पणी किया गया है । उसे पढ़ने के लिए-
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प्रभु प्रेमियों ! "महर्षि मेंहीं पदावली शब्दार्थ, भावार्थ और टिप्पणी सहित" नामक पुस्तक से इस भजन के शब्दार्थ, भावार्थ और टिप्पणी द्वारा आपने जाना कि जल्दी-से-जल्दी गुरुमुखी होकर ध्यान-भजन में लग जाना चाहिए। इतनी जानकारी के बाद भी अगर आपके मन में किसी प्रकार का शंका या कोई प्रश्न है, तो हमें कमेंट करें। इस लेख के बारे में अपने इष्ट-मित्रों को भी बता दें, जिससे वे भी इससे लाभ उठा सकें। सत्संग ध्यान ब्लॉग का सदस्य बने। इससे आपको आने वाले पोस्ट की सूचना नि:शुल्क मिलती रहेगी। इस पद्य का पाठ किया गया है उसे सुननेे के लिए निम्नांकित वीडियो देखें।
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पदावली भजन 50 और शब्दार्थ। गुरुमुखी के लिए |
पदावली भजन 50 भावार्थ और टिप्पणी। गुरुमुखी भक्त कौन? |
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पदावली भजन 50 का शेष टिप्पणी। संतवाणी सटीक। |
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महर्षि मेँहीँ पदावली.. |
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P50, Benefits of Being Gurmukhi, "गुरु के शरण गहु, धन धन गुरु कहु,...'' महर्षि मेंहीं पदावली भजन अर्थ सहित
Reviewed by सत्संग ध्यान
on
6/28/2019
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