P24, Hindi Bhakti Bhajan Sadguru ki vinti, "दया प्रेम स्वरूप सद्गुरु,..." महर्षि मेंहीं पदावली अर्थ सहित
महर्षि मेंहीं पदावली / 24
प्रभु प्रेमियों ! संतवाणी अर्थ सहित में आज हम लोग जानेंगे- संतमत सत्संग के महान प्रचारक सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज के भारती (हिंदी) पुस्तक "महर्षि मेंहीं पदावली" जो हम संतमतानुयाइयों के लिए गुरु-गीता के समान अनमोल कृति है। इस कृति के 24वां, पद्य- "गुरु कीजै भवनिधि पार,..." का शब्दार्थ, भावार्थ और टिप्पणी के बारे में। जिसे पूज्यपाद लालदास जी महाराज नेे किया है।
इस सद्गुरु भजन (कविता, पद्य, वाणी, छंद, भजन) "दया प्रेम स्वरूप सद्गुरु,..." में बताया गया है कि- विनती,मेरी विनती यही है,मेरी विनती यही- सद्गुरु कृपा बरसाए रखना,YAHI VINTI H MERE SATGURU,सतगुरु भजन,Karu vinti dou kar jodi,SATGURU VINTI,करू विनती,करो विनती सद्गुरु स्वामी,Maharshi Mehi Paramhans Stuti,संत सद्गुरु महर्षि मेँहीँ,महर्षि मेंही भजन,महर्षि मेंही का स्तुति विनती,कुप्पाघाट का भजन,कुप्पाघाट महर्षि मेंही का भजन,दया प्रेम स्वरूप सद्गुरु, आदि।
पदावली भजन के रचयिता और टीकाकार
HindiBhajan babaji ki vinti "दया प्रेम स्वरूप सद्गुरु,..."
सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज इस भजन में कहते हैं- "हे दया और प्रेम की मूर्ति सद्गुरु! आप मेरी प्रार्थना पर ध्यान दीजिए । मैं नीच, कामी और कुचाली हूं; मुझे आप अपवित्र बुद्धि का भी जानिए।..." इस विषय में पूरी जानकारी के लिए इस भजन का शब्दार्थ, भावार्थ और टिप्पणी किया गया है। उसे पढ़ें-
महर्षि मेंहीं पदावली भजन नंबर 24
पदावली भजन 24 शब्दार्थ।
पदावली भजन 24 के कठिन शब्दों के अर्थ
पदावली भजन 24 के भावार्थ।
पदावली भजन 24, भावार्थ टिप्पणी।
पदावली भजन 24, पर विशेष
पदावली भजन 24, पर विशेष टिप्पणी।
पदावली भजन 24 के छंद वर्णन।
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प्रभु प्रेमियों ! "महर्षि मेंहीं पदावली शब्दार्थ, भावार्थ और टिप्पणी सहित" नामक पुस्तक से इस भजन के शब्दार्थ, भावार्थ और टिप्पणी द्वारा आपने जाना कि संसार-समुद्र से पार होने की प्रार्थना,सामुदायिक प्रार्थना,Prayer to cross the world,What are the basic prayers । इतनी जानकारी के बाद भी अगर आपके मन में किसी प्रकार का शंका या कोई प्रश्न है, तो हमें कमेंट करें। इस लेख के बारे में अपने इष्ट-मित्रों को भी बता दें, जिससे वे भी इससे लाभ उठा सकें। सत्संग ध्यान ब्लॉग का सदस्य बने। इससे आपको आने वाले पोस्ट की सूचना नि:शुल्क मिलती रहेगी। इस पद्य का पाठ किया गया है उसे सुननेे के लिए निम्नांकित वीडियो देखें।
महर्षि मेँहीँ पदावली..
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इस सद्गुरु भजन (कविता, पद्य, वाणी, छंद, भजन) "दया प्रेम स्वरूप सद्गुरु,..." में बताया गया है कि- विनती,मेरी विनती यही है,मेरी विनती यही- सद्गुरु कृपा बरसाए रखना,YAHI VINTI H MERE SATGURU,सतगुरु भजन,Karu vinti dou kar jodi,SATGURU VINTI,करू विनती,करो विनती सद्गुरु स्वामी,Maharshi Mehi Paramhans Stuti,संत सद्गुरु महर्षि मेँहीँ,महर्षि मेंही भजन,महर्षि मेंही का स्तुति विनती,कुप्पाघाट का भजन,कुप्पाघाट महर्षि मेंही का भजन,दया प्रेम स्वरूप सद्गुरु, आदि।
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HindiBhajan babaji ki vinti "दया प्रेम स्वरूप सद्गुरु,..."
सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज इस भजन में कहते हैं- "हे दया और प्रेम की मूर्ति सद्गुरु! आप मेरी प्रार्थना पर ध्यान दीजिए । मैं नीच, कामी और कुचाली हूं; मुझे आप अपवित्र बुद्धि का भी जानिए।..." इस विषय में पूरी जानकारी के लिए इस भजन का शब्दार्थ, भावार्थ और टिप्पणी किया गया है। उसे पढ़ें-
महर्षि मेंहीं पदावली भजन नंबर 24 |
पदावली भजन 24 शब्दार्थ। |
पदावली भजन 24 के कठिन शब्दों के अर्थ |
पदावली भजन 24 के भावार्थ। |
पदावली भजन 24, भावार्थ टिप्पणी। |
पदावली भजन 24, पर विशेष |
पदावली भजन 24, पर विशेष टिप्पणी। |
पदावली भजन 24 के छंद वर्णन। |
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महर्षि मेँहीँ पदावली.. |
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P24, Hindi Bhakti Bhajan Sadguru ki vinti, "दया प्रेम स्वरूप सद्गुरु,..." महर्षि मेंहीं पदावली अर्थ सहित
Reviewed by सत्संग ध्यान
on
12/15/2019
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