नानक वाणी 31, Guru Seva kise praapt hota hai? ।। गुर की सेवा करि पिरा ।। भजन भावार्थ सहित

गुरु नानक साहब की वाणी / 31

प्रभु प्रेमियों ! संतमत सत्संग के महान प्रचारक सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज की भारती (हिंदी) पुस्तक "संतवाणी सटीक" एक अनमोल कृति है। इस कृति में बहुत से संतवाणीयों को एकत्रित करके सिद्ध किया गया है कि सभी संतों का एक ही मत है।  इसी हेतु सत्संग योग एवं अन्य ग्रंथों में भी संतवाणीयों का संग्रह किया गया है। जिसका शब्दार्थ, भावार्थ और टिप्पणी अन्य महापुरुषों के द्वारा किया गया हैै। यहां संतवाणी-सुधा सटीक से संत सद्गरु बाबा  श्री गुरु नानक साहब जी महाराज   की वाणी का शब्दार्थ, भावार्थ और टिप्पणी बारे मेंं जानकारी दी जाएगी। जिसे पूज्यपाद  छोटेलाल दास जी महाराज ने लिखा है। 

इस भजन (कविता, गीत, भक्ति भजन, पद्य, वाणी, छंद)  में बताया गया है किईश्वर प्राप्ति के लिए क्या-क्या करना चाहिए? क्या ईश्वर बाहर में मिलेंगे? गुरु सेवा के बारे में बाबा नानक क्या कहते हैं? शरीर के अंदर परमात्मा कैसे मिलते हैं? गुरु सेवा किस तरह सुखदाई है? गुरु सेवा किसे प्राप्त होता है? सतनाम का सुमिरन कौन पाता है?  इन बातों की जानकारी  के साथ-साथ निम्नलिखित प्रश्नों के भी कुछ-न-कुछ समाधान पायेंगे। जैसे कि- सच्चा गुरु किसे कहते हैं, गुरु की उत्पत्ति, गुरु कितने होते हैं, गुरु किसे बनाए, गुरु अर्थ,पूर्ण सतगुरु कौन है, मानव जीवन में गुरु की आवश्यकता, सतगुरु किसे कहते हैं, प्राचीन गुरु के गुणों, गुरु की परिभाषा, गुरु और सतगुरु में क्या अंतर है, सद्गुरु की परिभाषा, सिख धर्म में राम, सिख धर्म की आलोचना, ब्राह्मण को दक्षिणा, सिख धर्म के नियम, सिख धर्म के बुनियादी सिद्धांत क्या है, सिख धर्म का अर्थ, सिख धर्म की जातियां, सिख धर्म की विशेषता, आदि बातें। इन बातों को जानने के पहले, आइए !  सदगुरु बाबा नानक साहब जी महाराज का दर्शन करें-


इस भजन के पहले वाले भजन ''इस गुफा महि अखुट भंडारा ,......'' को भावार्थ सहित पढ़ने के लिए   यहां दबाएं। 


गुरु भक्ति की महिमा का बखान करते सतगुरु बाबा नानक साहब

गुरु सेवा किसे प्राप्त होता है? Who receives Guru service?

सदगुरु बाबा नानक साहब जी महाराज कहते हैं कि- "What should be done to attain God?  Will God meet outside?  What does Baba Nanak say about Guru Seva?  How does God get inside the body?  How is Guru Seva happy?  Who receives Guru service?  Who gets the Satiram Sumniran? " इसे अच्छी तरह समझने के लिए गुरु वाणी का शब्दार्थ, भावार्थ और टिप्पणी किया गया है; उसे पढ़ें- 


॥ गउड़ी , महला ३॥ ( शब्द ३ ) 


गुर की सेवा करि पिरा , जीउ हरि नाम धिआए । मंजहु दूरि न जाहि पिरा , जीउ घरि बैठिआ हरि पाए । घरि बैठिआ हरि पाए सदा , चितु लाए सहजे सति सुभाए । गुर की सेव खरी सुखाली , जिसनो आपि कराए । नामो बीजे नामो जंमै , नामो मंनि बसाए । नानक सचि नाम बडिआई , पूरबि लिखिआ पाए । 


शब्दार्थ - पिरा - प्यारे । जीउ - हृदय । मंबहु - माँगने के लिए । सहजे सति - सहज रूप से । सुभाए - अच्छा लगे । खरी - अच्छी । सुखाली - सुखदायी । जिसनो जिसको , जिससे । आपि - आप , स्वयं । जमै जन्म लेता है , उत्पन्न होता है । मंनि बसाए - मन वश होता है । सचि नाम - सच्चा नाम , सत्नाम , ओंकार । बडिआई - बड़प्पन , महिमा । पूरबि लिखिआ पहले का लिखा हुआ , प्रारब्ध का लिखा हुआ , प्रारब्ध ।


Tikakar Swami Lal Das Ji Maharaj
भावार्थकार- बाबा लालदास

भावार्थ - हे प्यारे ! गुरु की सेवा करो । हृदय में हरिनाम ( ओंकार ) का ध्यान करो । परमात्मा से उसके साक्षात्कार या प्राप्ति की माँग के लिए कहीं दूर ( बाहर ) मत जाओ । हृदयरूपी घर में ही बैठे हुए युक्ति से हरि को पा सकते हो अथवा जीव संंसार की ओर सेेेे मुड़कर अपने शरीर के ही अंदर हरिि को पा सकता है।। सहज रूप से परमात्मा अच्छा लगेे; सदा उसकी ओर चित्त ( ख्याल ) लगा रहे , तो शरीर के अंदर अवस्थित रहते हुए ही हरि प्राप्त हो जाता है । गुरु की सेवा अच्छी और सुखदायी है । परमात्मा स्वयं जिससे कराना चाहता है , वही गुरु - सेवा करता है । परमात्मा का आदिनाम सृष्टि का बीज है , उसी नाम से सब उत्पन्न होते हैं ; उसी नाम से मन वश ( स्थिर ) होता है । गुरु नानकदेवजी महाराज कहते हैं कि उस सत्नाम की बड़ी महिमा है । पहले का लिखा हुआ ही कोई पाता है अर्थात् प्रारब्ध कर्म के अनुसार ही कोई कुछ पाता है।।

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इस भजन के बाद वाले भजन  ''घर ही महि अंम्रित भरपूर है ,....''   को भावार्थ सहित पढ़ने के लिए   यहां दबाएं।

प्रभु प्रेमियों ! गुरु महाराज के भारती पुस्तक "संतवाणी सटीक" के इस लेख का पाठ करके आपलोगों ने जाना कि Eeshvar praapti ke lie kya-kya karana chaahie? kya eeshvar baahar mein milenge? guru seva ke baare mein baaba naanak kya kahate hain? shareer ke andar paramaatma kaise milate hain? guru seva kis tarah sukhadaee hai? guru seva kise praapt hota hai? satanaam ka sumiran kaun paata hai?  इतनी जानकारी के बाद भी अगर आपके मन में किसी प्रकार का शंका या कोई प्रश्न है, तो हमें कमेंट करें। इस लेख के बारे में अपने इष्ट मित्रों को भी बता दें, जिससे वे भी इससे लाभ उठा सकें। सत्संग ध्यान ब्लॉग का सदस्य बने। इससे आपको आने वाले पोस्ट की सूचना नि:शुल्क मिलती रहेगी। निम्न वीडियो में उपर्युक्त लेख का पाठ करके सुनाया गया है।


नानक वाणी भावार्थ सहित

संतवाणी-सुधा सटीक, पुस्तक, स्वामी लाल दास जी महाराज टीकाकृत
संतवाणी-सुधा सटीक
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नानक वाणी 31, Guru Seva kise praapt hota hai? ।। गुर की सेवा करि पिरा ।। भजन भावार्थ सहित नानक वाणी 31, Guru Seva kise praapt hota hai? ।। गुर की सेवा करि पिरा ।। भजन भावार्थ सहित Reviewed by सत्संग ध्यान on 1/27/2021 Rating: 5

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