नानक वाणी 33, Bhaagyashaalee banaane vaala 5 Anahad Naad ।। बाजे पंच शबद तितु घरि ।। भजन भावार्थ सहित
गुरु नानक साहब की वाणी / 33
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भाग्यशाली बनाने वाला 5 अनहद नाद Lucky Creator 5 Anhad Naad
सदगुरु बाबा नानक साहब जी महाराज कहते हैं कि- "Who's lucky? How to be lucky? What happens in Lucky's body? What is the special art of God? What are the five messengers? Who can settle the five messengers? Who receives the greatest mercy of God? Who can get Paramsukh? What are the different types of sound? What is the significance of Anhad Naad? " इसे अच्छी तरह समझने के लिए गुरु वाणी का शब्दार्थ, भावार्थ और टिप्पणी किया गया है; उसे पढ़ें-
॥ रामकली , महला ३ , अनंदु ॥
( शब्द 5 )
बाजे पंच शबद तितु घरि सभागै ।
घरि सभागै शबद बाजे , कला जितु घरि धारिआ ।
पंच दूत तुधु वसि कीते , कालु कंटकु मारिआ ॥
धुरि करमि पाइआ तुधु जिन कउ सि , नामि हरि कै लागे ।
कहै नानक तह सुखु होआ , तितु घरि अनहद बाजे ॥
शब्दार्थ- तितु घरि - उसके घर ( शरीर ) में । सभागै - सभागा , भाग्यशाली । कला - अंश , शक्ति , तेज । जितु घरि - जिसके घर शरीर में । धारिआ - धर दिया है , रख दिया है । पंच दूत - पाँचो ज्ञानेन्द्रियाँ या काम , क्रोध , लोभ , अहंकार और मोह -- ये पाँच विकार । तुधु - उसने , वह । कंटकु - कंटक , काँटा , दुःख देनेवाला । धुरि - धुर , सबसे पहले का , सबसे ऊँचा , सबसे बड़ा । करमि - करम , दया ।
भावार्थकार- बाबा लालदास |
भावार्थ - पाँच शब्द उसके घर ( शरीर के अंदर ) बजते हैं , जो बड़े भाग्य- शाली हैं अर्थात् जो अपने शरीर के अंदर पाँच केन्द्रीय नादों को सुनते हैं , वे बड़े भाग्यशाली हैं । उसी भाग्यशाली के शरीर में पाँच नाद बजते हैं , जिसके शरीर में परमात्मा ने अपनी विशेष कला ( शक्ति , तेज ) दे रखी है । उसने ( शरीर के अंदर नाद सुननेवाले ने ) पंच दूतों ( पाँचो ज्ञानेन्द्रियों या पंच विकारों ) को वश कर लिया और दुःखदायी काल को मार दिया । जिनका हरि के उस नाम से लगाव हो गया , उसने परमात्मा की सबसे ऊँची ( बड़ी ) दया प्राप्त कर ली । गुरु नानकदेवजी महाराज कहते हैं कि उसे परम सुख प्राप्त हो गया , जिसके शरीर में अनहद ध्वनियाँ बजती हैं अर्थात् जो अपने शरीर के अंदर बजती हुई अनहद ध्वनियों को सुनता है ।।
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प्रभु प्रेमियों ! गुरु महाराज के भारती पुस्तक "संतवाणी सटीक" के इस लेख का पाठ करके आपलोगों ने जाना कि Amrt kahaan hai? amrt kee jaanakaaree manushy ko kyon nahin hai? manushy amrt ko kyon bhool gaya hai? paramaatma ka sachcha gyaan kaun paata hai? mrga ko kastooree ka gyaan kyon nahin hota hai? paramaatma se mel kaun karaata hai? log apana jeevan kis tarah gava rahe hain? amrt kya hai aur ise kaun pa sakata hai? इतनी जानकारी के बाद भी अगर आपके मन में किसी प्रकार का शंका या कोई प्रश्न है, तो हमें कमेंट करें। इस लेख के बारे में अपने इष्ट मित्रों को भी बता दें, जिससे वे भी इससे लाभ उठा सकें। सत्संग ध्यान ब्लॉग का सदस्य बने। इससे आपको आने वाले पोस्ट की सूचना नि:शुल्क मिलती रहेगी। निम्न वीडियो में उपर्युक्त लेख का पाठ करके सुनाया गया है।
संतवाणी-सुधा सटीक |
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