P112क गऊपदावली भजन-"करिये भाई सतगुरू गुरु पद सेवा.../अर्थ, भावार्थ और टिप्पणी सहित

महर्षि मेंहीं पदावली /112

      प्रभु प्रेमियों ! संतवाणी अर्थ सहित में आज हम लोग जानेंगे- संतमत सत्संग के महान प्रचारक सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज के भारती (हिंदी) पुस्तक "महर्षि मेंहीं पदावली" के पद्य- 112 'करिये भाई सतगुरू गुरु पद सेवा...'का शब्दार्थ भावार्थ और टिप्पणी जिसे पूज्य पाद संतसेवी जी महाराज ने लिखा है।

गुरु सेवा की महिमा का वर्णन करते हुए, गुरु महाराज का यह भजन बहुत ही प्रेरणादायक है। गुरु की सेवा भक्ति, अर्चन, गुरु-पूजा, भक्तिभाव से सेवा, कमाई, गुरु सेवायुक्त सुमिरन का महत्व बहुत ज्यादा है। इन्हीं सेवा के बल पर बहुत छोटे-से-छोटे लोग बहुत बड़े-बड़े पद को प्राप्त कर लिए हैं।

इस भजन का शब्दार्थ, भावार्थ पूज्यपाद श्रीधर दास जी महाराज ने भी किया है, उसे पढ़ने के लिए    यहां दबाएं।

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महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज जी  कहते हैं-यमपुरी के दुख से बचाने के लिए कोई सहायक नहीं है । अतः हे भाइयों ! सद्गुरु के चरणों की सेवा करो... । इसके बारे में अच्छी तरह जानने के लिए इस भजन के शब्दार्थ, पदार्थ और टिप्पणी  को पूरे मन से पढ़ें-


पदावली पद 112, शब्दार्थ
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पदावली पद 112 भावार्थ
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पदावली पद 112 टिप्पणी
पदावली पद्य 112 टिप्पणी

शब्दार्थ भावार्थ टिप्पणी समाप्त
शब्दार्थ भावार्थ टिप्पणी समाप्त

इस भजन के बाद वाले भजन (पद्य) को पढ़ने के लिए    यहां दबाएं।

     प्रभु प्रेमियों ! गुरु महाराज के भारती पुस्तक "महर्षि मेंहीं पदावली" के इस भजन का शब्दार्थ भावार्थ का पाठ करके जाना कि यमपुरी के दुख से बचने के लिए सतगुरु की सेवा करना चाहिए। इतनी जानकारी के बाद भी अगर आपके मन में किसी प्रकार का शंका या कोई प्रश्न है, तो हमें कमेंट करें। इस लेख के बारे में अपने इष्ट मित्रों को भी बता दें, जिससे वे भी इससे लाभ उठा सकें। सत्संग ध्यान ब्लॉग का सदस्य बने। इससे आपको आने वाले  पोस्ट की सूचना नि:शुल्क मिलती रहेगी।



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P112क गऊपदावली भजन-"करिये भाई सतगुरू गुरु पद सेवा.../अर्थ, भावार्थ और टिप्पणी सहित P112क  गऊपदावली भजन-"करिये भाई सतगुरू गुरु पद सेवा.../अर्थ, भावार्थ और टिप्पणी सहित Reviewed by सत्संग ध्यान on 11/13/2018 Rating: 5

1 टिप्पणी:

  1. जय गुरु महाराज ! इस भजन का गायन पूज्य रविंद्र बाबा भी किए हैं। जिस का भावार्थ पूज्यपाद लाल दास जी महाराज ने किया है । उसे पढ़ने के लिए निम्नलिखित लिंक पर जाएं-
    https://satsangdhyansantvani.blogspot.com/2019/01/p112-guru-bhajan-guru-bhakti-geet.html

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