गुलाल साहब 02, Saint's trade "करु मन सहज नाम व्यौपार,..."भजन टीकाकार- पूज्यपाद लालदास जी

संत गुलाल साहब की वाणी  / 02

प्रभु प्रेमियों ! संतमत सत्संग के महान प्रचारक सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज के भारती (हिंदी) पुस्तक "संतवाणी सटीकअनमोल कृति है। इस कृति में बहुत से संतवाणीयों को एकत्रित करके सिद्ध किया गया है कि सभी संतों का एक ही मत है। इसी कृति के संत गुलाल साहब की बाणी- 'करु मन सहज नाम व्यौपार'...' भजन का शब्दार्थ, भावार्थ और टिप्पणी पढेंगे। जिसे पूज्यपाद लालदास जी महाराज ने लिखा है। इसमें बताया गया है कि संतो का व्यापार बहुत निराला है । भागवत् नाम का स्मरण करना, उनका जप करना, ध्यान करना और संसारी इच्छाओं से दूर रहना, यही संतो का असली व्यापार है।....

 गुलाल साहब 02,  Saint's trade "करु मन सहज नाम व्यौपार,..."भजन टीकाकार- पूज्यपाद लालदास जी। संत गुलाल साहब और टीकाकार
संत गुलाल साहब और टीकाकार



Saint's trade "करु मन सहज नाम व्यौपार

संत गुलाल साहब जी महाराज कहते हैं कि संतो का व्यापार बहुत निराला है । भागवत् नाम का स्मरण करना, उनका जप करना, ध्यान करना और संसारी इच्छाओं से दूर रहना । यही संतों का असली व्यापार है।Saint's trade "करु मन सहज नाम व्यौपार.." इसे अच्छी तरह समझने के लिए इस  शब्द का शब्दार्थ, भावार्थ  और टिप्पणी किया गया है, उसे पढ़ें-

 गुलाल साहब 02,  Saint's trade "करु मन सहज नाम व्यौपार,..."भजन टीकाकार- पूज्यपाद लालदास जी। संत गुलाल साहब की वाणी भावार्थ सहित
संत गुलाल साहब की वाणी भावार्थ सहित

प्रभु प्रेमियों ! गुरु महाराज के भारती पुस्तक "संतवाणी सटीक" के इस लेख का पाठ करके आपलोगों ने जाना कि भागवत् नाम का स्मरण करना, उनका जप करना, ध्यान करना और संसारी इच्छाओं से दूर रहना । यही संतो का असली व्यापार है। इतनी जानकारी के बाद भी अगर आपके मन में किसी प्रकार का शंका या कोई प्रश्न है, तो हमें कमेंट करें। इस लेख के बारे में अपने इष्ट मित्रों को भी बता दें, जिससे वे भी इससे लाभ उठा सकें। सत्संग ध्यान ब्लॉग का सदस्य बने। इससे आपको आने वाले  पोस्ट की सूचना नि:शुल्क मिलती रहेगी। निम्न वीडियो में उपर्युक्त लेख का पाठ करके सुनाया गया है।


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गुलाल साहब 02, Saint's trade "करु मन सहज नाम व्यौपार,..."भजन टीकाकार- पूज्यपाद लालदास जी  गुलाल साहब 02,  Saint's trade "करु मन सहज नाम व्यौपार,..."भजन टीकाकार- पूज्यपाद लालदास जी Reviewed by सत्संग ध्यान on 6/25/2019 Rating: 5

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