महर्षि मेंहीं पदावली / 31
प्रभु प्रेमियों ! संतवाणी अर्थ सहित में आज हम लोग जानेंगे- संतमत सत्संग के महान प्रचारक सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज के भारती (हिंदी) पुस्तक "महर्षि मेंहीं पदावली" जो हम संतमतानुयाइयों के लिए गुरु-गीता के समान अनमोल कृति है। इस कृति के 31वां, पद्य- "सतगुरु जी से अरज हमारी,..." का शब्दार्थ, भावार्थ और टिप्पणी के बारे में। जिसे पूज्यपाद लालदास जी महाराज नेे किया है।
इस सद्गुरु भजन (कविता, पद्य, वाणी, छंद, भजन) "सतगुरु जी से अरज हमारी,..." में बताया गया है कि- अरदास मालका चरना विच,अपने सतगुरु परमेश्वर से क्या अर्ज करें,हिंदी अर्ज,HATH JOD KE ARJ KRU,अर्ज करू गुरु,सतगुरु दाता आफ विधाता,सद्गुरु से अर्जी हमारी,एक अर्ज करे हम सतगुरु,प्रभु जी सतगुरु प्यारे अर्जी करू मैं,सतगुरु के प्यारो सुबह शाम अरदास जरुरी,Satguru ke agge ARDAAS,ये अरदास सब करेंगे,धन धन सतगुरु की अरदास,धन धन सतगुरु तेरा ही आसरा,अरदास गुरबाणी,अरदास करा,Satguru Baksh Do, आदि।
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सद्गुरु महर्षि मेंहीं और टीकाकार
Satguru to Ardas
सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज जी कहते हैं- "श्री सतगुरु महाराज से मैं एक प्रार्थना (अर्ज) करता हूं। वह यह कि मैं एक अत्यंत दयनीय दशा वाला, अपवित्र, कपटी और दुष्ट व्यक्ति हूं। मेरे सिर पर पाप कर्मों की बड़ी भारी पोटली पड़ी हुई है। मैं बड़ा कामी, क्रोधी और अत्यंत बुरे चाल-चलनवाला भी हूं। अधिक क्या कहूं, मैं समस्त पाप कर्मों को रुचि पूर्वक करने वाला हूं; अधिक क्या कहूं, मैं समस्त पाप कर्मों को रुचि पूर्वक करने वाला हूं; मुझसे बड़ा पापी या नीच व्यक्ति दूसरा कोई नहीं होगा।..." इस विषय में पूरी जानकारी के लिए इस भजन का शब्दार्थ, भावार्थ और टिप्पणी किया गया है। उसे पढ़ें-
पदावली भजन 31, महर्षि मेंहीं अरदास
पदावली भजन 31, शब्दार्थ भावार्थ।
पदावली भजन 31 टिप्पणी।
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प्रभु प्रेमियों ! "महर्षि मेंहीं पदावली शब्दार्थ, भावार्थ और टिप्पणी सहित" नामक पुस्तक से इस भजन के शब्दार्थ, भावार्थ और टिप्पणी द्वारा आपने जाना किअरदास मालका चरना विच,अपने सतगुरु परमेश्वर से क्या अर्ज करें,हिंदी अर्ज,HATH JOD KE ARJ KRU,अर्ज करू गुरु, इतनी जानकारी के बाद भी अगर आपके मन में किसी प्रकार का शंका या कोई प्रश्न है, तो हमें कमेंट करें। इस लेख के बारे में अपने इष्ट-मित्रों को भी बता दें, जिससे वे भी इससे लाभ उठा सकें। सत्संग ध्यान ब्लॉग का सदस्य बने। इससे आपको आने वाले पोस्ट की सूचना नि:शुल्क मिलती रहेगी। इस पद्य का पाठ किया गया है उसे सुननेे के लिए निम्नांकित वीडियो देखें।
महर्षि मेँहीँ पदावली..
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सद्गुरु महर्षि मेंहीं और टीकाकार |
Satguru to Ardas
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पदावली भजन 31, शब्दार्थ भावार्थ। |
पदावली भजन 31 टिप्पणी। |
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P31, Satguru to Ardas "सतगुरु जी से अरज हमारी,..." महर्षि मेंहीं पदावली अर्थ सहित/सत्संग ध्यान
Reviewed by सत्संग ध्यान
on
12/17/2019
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