महर्षि मेंहीं पदावली / 100
प्रभु प्रेमियों ! संतवाणी अर्थ सहित में आज हम लोग जानेंगे- संतमत सत्संग के महान प्रचारक सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज के भारती (हिंदी) पुस्तक "महर्षि मेंहीं पदावली" जो हम संतमतानुयाइयों के लिए गुरु-गीता के समान अनमोल कृति है। इस कृति के 100वां पद्य "सतगुरु सत परमारथ रूपा...' का शब्दार्थ, भावार्थ और टिप्पणी के बारे में। जिसे पूज्यपाद लालदास जी महाराज नेे किया है।
प्रभु प्रेमियों ! संतवाणी अर्थ सहित में आज हम लोग जानेंगे- संतमत सत्संग के महान प्रचारक सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज के भारती (हिंदी) पुस्तक "महर्षि मेंहीं पदावली" जो हम संतमतानुयाइयों के लिए गुरु-गीता के समान अनमोल कृति है। इस कृति के 100वां पद्य "सतगुरु सत परमारथ रूपा...' का शब्दार्थ, भावार्थ और टिप्पणी के बारे में। जिसे पूज्यपाद लालदास जी महाराज नेे किया है।
इस Santmat meditations भजन (कविता, पद्य, वाणी, छंद) "सतगुरु सत परमारथ रूपा,..." में बताया गया है कि- क्या मनुष्य के लिये गुरुमुख या गुरुदिछा ग्रहण करना आवश्यक है? गुरु बनाने से क्या क्या लाभ होते हैं? मनुष्य जीवन में गुरु दीक्षा की आवश्यकता क्यों है?मनुष्य गुरु दीक्षा क्यों ले? इत्यादि बातों के साथ-साथ निम्नलिखित प्रश्नें भी विचारनीय हैं- भजन अर्थ सहित, कुप्पाघाट का भजन, क्या मनुष्य के लिये गुरुमुख या गुरुदिछा ग्रहण करना आवश्यक है, गुरु बनाने के लाभ, गुरु दीक्षा ग्रहण करने के लाभ, गुरु दीक्षा क्यों ले, मनुष्य जीवन में गुरु दीक्षा की आवश्यकता, गुरु और गुरु दीक्षा,गुरु दीक्षा के प्रकार,गुरु दीक्षा मंत्र,गुरु दीक्षा के नियम,गुरु दीक्षा मुहूर्त,गुरु दीक्षा कैसे दी जाती है,गुरु मंत्र दीक्षा विधि,दीक्षा देने की विधि,गुरु मंत्र क्या है,गुरु बनाने की विधि,गुरु बनाने के नियम,गुरु दीक्षा देने की विधि,गुरु दीक्षा के बारे में बताएं?
इस पद्य के पहले वाले पद्य को पढ़ने के लिए
यहां दबाएं।
संत सद्गुरु से दीक्षा लेने के लाभ. विषय पर चर्चा करते गुरुदेव।
Benefits of making a guru
सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज जी कहते हैं- "सद्गुरु मूल रूप में परम अविनाशी और परमतत्व रूपी है। वह अत्यंत ही दयालु हैं, मानो दया के ही स्वरुप हों।...." इस विषय में पूरी जानकारी के लिए इस भजन का शब्दार्थ, भावार्थ और टिप्पणी किया गया है। उसे पढ़ें-
पदावली भजन नंबर 100 और शब्दार्थ।
पदावली भजन नंबर एक सौ का भावार्थ और टिप्पणी।
इस Santmat meditations भजन (कविता, पद्य, वाणी, छंद) "सतगुरु सत परमारथ रूपा,..." में बताया गया है कि- क्या मनुष्य के लिये गुरुमुख या गुरुदिछा ग्रहण करना आवश्यक है? गुरु बनाने से क्या क्या लाभ होते हैं? मनुष्य जीवन में गुरु दीक्षा की आवश्यकता क्यों है?मनुष्य गुरु दीक्षा क्यों ले? इत्यादि बातों के साथ-साथ निम्नलिखित प्रश्नें भी विचारनीय हैं- भजन अर्थ सहित, कुप्पाघाट का भजन, क्या मनुष्य के लिये गुरुमुख या गुरुदिछा ग्रहण करना आवश्यक है, गुरु बनाने के लाभ, गुरु दीक्षा ग्रहण करने के लाभ, गुरु दीक्षा क्यों ले, मनुष्य जीवन में गुरु दीक्षा की आवश्यकता, गुरु और गुरु दीक्षा,गुरु दीक्षा के प्रकार,गुरु दीक्षा मंत्र,गुरु दीक्षा के नियम,गुरु दीक्षा मुहूर्त,गुरु दीक्षा कैसे दी जाती है,गुरु मंत्र दीक्षा विधि,दीक्षा देने की विधि,गुरु मंत्र क्या है,गुरु बनाने की विधि,गुरु बनाने के नियम,गुरु दीक्षा देने की विधि,गुरु दीक्षा के बारे में बताएं?
इस पद्य के पहले वाले पद्य को पढ़ने के लिए
यहां दबाएं।संत सद्गुरु से दीक्षा लेने के लाभ. विषय पर चर्चा करते गुरुदेव। |
Benefits of making a guru
सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज जी कहते हैं- "सद्गुरु मूल रूप में परम अविनाशी और परमतत्व रूपी है। वह अत्यंत ही दयालु हैं, मानो दया के ही स्वरुप हों।...." इस विषय में पूरी जानकारी के लिए इस भजन का शब्दार्थ, भावार्थ और टिप्पणी किया गया है। उसे पढ़ें-
पदावली भजन नंबर 100 और शब्दार्थ। |
पदावली भजन नंबर एक सौ का भावार्थ और टिप्पणी। |
प्रभु प्रेमियों ! गुरु महाराज के भारती पुस्तक "महर्षि मेंहीं पदावली" के भजन नं. 100 का शब्दार्थ, भावार्थ और टिप्पणी के द्वारा आपने जाना कि क्या मनुष्य के लिये गुरुमुख या गुरुदिछा ग्रहण करना आवश्यक है? गुरु बनाने से क्या क्या लाभ होते हैं? मनुष्य जीवन में गुरु दीक्षा की आवश्यकता क्यों है?मनुष्य गुरु दीक्षा क्यों ले? इतनी जानकारी के बाद भी अगर आपके मन में किसी प्रकार का शंका या कोई प्रश्न है, तो हमें कमेंट करें। इस लेख के बारे में अपने इष्ट मित्रों को भी बता दें, जिससे वे भी इससे लाभ उठा सकें। सत्संग ध्यान ब्लॉग का सदस्य बने। इससे आपको आने वाले पोस्ट की सूचना नि:शुल्क मिलती रहेगी। इस पद का पाठ किया गया है उसे सुननेे के लिए निम्नलिखित वीडियो देखें।
महर्षि मेँहीँ पदावली.. |
अगर आप 'महर्षि मेँहीँ पदावली' पुस्तक के अन्य पद्यों के अर्थों के बारे में जानना चाहते हैं या इस पुस्तक के बारे में विशेष रूप से समझना चाहते हैं तो
सद्गुरु महर्षि मेँहीँ परमहंस जी महाराज की पुस्तकें मुफ्त में पाने के लिए शर्तों के बारे में जानने के लिए 👉 यहां दवाए।
---×---
P100, Benefits of making a guru "सतगुरु सत परमारथ रूपा।,..." महर्षि मेंहीं पदावली अर्थ सहित।
Reviewed by सत्संग ध्यान
on
2/28/2020
Rating:
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
कृपया सत्संग ध्यान से संबंधित किसी विषय पर जानकारी या अन्य सहायता के लिए टिप्पणी करें।