P108, The significance of human birth from Guru Bhajan "गुरु को सुमिरो मीत,..." महर्षि मेंहीं पदावली अर्थ सहित।
महर्षि मेंहीं पदावली / 108
प्रभु प्रेमियों ! संतवाणी अर्थ सहित में आज हम लोग जानेंगे- संतमत सत्संग के महान प्रचारक सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज के भारती (हिंदी) पुस्तक "महर्षि मेंहीं पदावली" जो हम संतमतानुयाइयों के लिए गुरु-गीता के समान अनमोल कृति है। इस कृति के 108 वां पद्य "गुरु को सुमिरो मीत....'' का शब्दार्थ, भावार्थ और टिप्पणी के बारे में। जिसे पूज्यपाद लालदास जी महाराज नेे किया है।
इस भजन (कविता, पद्य, वाणी, छंद) "गुरु को सुमिरो मीत,..." में बताया गया है कि- मनुष्य जन्म की सार्थकता ईश्वर भजन करने से है। ईश्वर भजन से सभी दु:खों से मुक्ति प्राप्त होती है । इत्यादि बातों के साथ-साथ निम्नलिखित प्रश्नें भी विचारनीय हैं- भजन अर्थ सहित, कुप्पाघाट का भजन, मनुष्य जन्म की सार्थकता, समय का सदुपयोग,मानव जीवन की सार्थकता पर निबंध,मनुष्य जन्म क्यों मिला है,मनुष्य का जन्म क्यों हुआ है,मनुष्य जन्म क्यों लेता है,हमारा जन्म किसलिए हुआ है,मेरा जन्म क्यों हुआ,जन्म क्या है,स्त्री जीवन की सार्थकता,मनुष्य के जन्म की कहानी ।
इस भजन (कविता, पद्य, वाणी, छंद) "गुरु को सुमिरो मीत,..." में बताया गया है कि- मनुष्य जन्म की सार्थकता ईश्वर भजन करने से है। ईश्वर भजन से सभी दु:खों से मुक्ति प्राप्त होती है । इत्यादि बातों के साथ-साथ निम्नलिखित प्रश्नें भी विचारनीय हैं- भजन अर्थ सहित, कुप्पाघाट का भजन, मनुष्य जन्म की सार्थकता, समय का सदुपयोग,मानव जीवन की सार्थकता पर निबंध,मनुष्य जन्म क्यों मिला है,मनुष्य का जन्म क्यों हुआ है,मनुष्य जन्म क्यों लेता है,हमारा जन्म किसलिए हुआ है,मेरा जन्म क्यों हुआ,जन्म क्या है,स्त्री जीवन की सार्थकता,मनुष्य के जन्म की कहानी ।
इस पद्य के पहले वाले पद्य को पढ़ने के लिए
यहां दबाएं।मनुष्य जन्म की सार्थकता पर चर्चा करते गुरुदेव। |
The significance of human birth from Guru Bhajan
सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज जी कहते हैं- "हे भाई ! गुरु का सदा सुमिरन करो। मनुष्य-जन्मरूपी सुंदर अवसर हाथ लगा है, इसे व्यर्थ क्यों नष्ट कर रहे हो? संसार में बहुत से दुख हैं।यदि तुम गुरु का सिमरन नहीं करोगे, तो इसी तरह युग-युगों तक दुखित होते हुए रोते रहोगे।...." इस विषय में पूरी जानकारी के लिए इस भजन का शब्दार्थ, भावार्थ और टिप्पणी किया गया है। उसे पढ़ें-
पदावली भजन नंबर 108 और शब्दार्थ। |
पदावली भजन नंबर 108 का भावार्थ और टिप्पणी। |
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प्रभु प्रेमियों ! "महर्षि मेंहीं पदावली शब्दार्थ, भावार्थ और टिप्पणी सहित" नामक पुस्तक से इस भजन के शब्दार्थ, भावार्थ और टिप्पणी द्वारा आपने जाना कि मनुष्य जन्म की सार्थकता ईश्वर भजन करने से है। ईश्वर भजन से सभी दु:खों से मुक्ति प्राप्त होती है । इतनी जानकारी के बाद भी अगर आपके मन में किसी प्रकार का शंका या कोई प्रश्न है, तो हमें कमेंट करें। इस लेख के बारे में अपने इष्ट-मित्रों को भी बता दें, जिससे वे भी इससे लाभ उठा सकें। सत्संग ध्यान ब्लॉग का सदस्य बने।। इससे आपको आने वाले पोस्ट की सूचना नि:शुल्क मिलती रहेगी। इस पद्य का पाठ किया गया है उसे सुननेे के लिए निम्नांकित वीडियो देखें। |
महर्षि मेँहीँ पदावली.. |
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P108, The significance of human birth from Guru Bhajan "गुरु को सुमिरो मीत,..." महर्षि मेंहीं पदावली अर्थ सहित।
Reviewed by सत्संग ध्यान
on
2/29/2020
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