P113, Search for sadhguru "आगे माई सतगुरु खोज करहु सब मिलिके।..." महर्षि मेंहीं पदावली अर्थ सहित।

महर्षि मेंहीं पदावली / 113

प्रभु प्रेमियों ! संतवाणी अर्थ सहित में आज हम लोग जानेंगे- संतमत सत्संग के महान प्रचारक सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज के भारती (हिंदी) पुस्तक "महर्षि मेंहीं पदावली" जो हम संतमतानुयाइयों के लिए गुरु-गीता के समान अनमोल कृति है। इस कृति के 113वां पद्य  "आगे माई सतगुरु खोज करहु सब मिलिके।....''  का शब्दार्थ, भावार्थ और टिप्पणी के  बारे में। जिसे पूज्यपाद श्रीधर दास जी महाराज और पूज्यपाद संतसेवी जी महाराज  नेे किया है।

इस Santmat meditations भजन (कविता, पद्य, वाणी, छंद) "आगे माई सतगुरु खोज करहु सब मिलिके,..." में बताया गया है कि- मनुष्य जन्म को सफल बनाने का एकमात्र उपाय है-- संत सतगुरु की खोज करके उनकी शरण ग्रहण करना। इत्यादि बातों के साथ-साथ निम्नलिखित प्रश्नें भी विचारनीय हैं- प्राचीन गुरु की विशेषताएं,गुरु बनाने के नियम,सच्चे गुरु को कैसे पहचाने,सच्चा गुरु किसे कहते हैं,सच्चा शिष्य,गुरु,गुरु की खोज कैसे करें,गुरु महात्म्य,सद्गुरु की खोज,कैसे चुनें अपना गुरु,सच्चे गुरु की खोज कैसे करे, sachche guru ki khoj kaise kare,गुरु की आवश्यकता क्यों है,आध्यात्मिक गुरु कों किस तरह पसंद करना चाहिए,गुरु की पहचान,गुरु के बताये रास्ते पर चल कर ही भगवान तक पहुँच,मानव जीवन में गुरु की आवश्यकता,गुरु की परिभाषा,गुरु बनाना क्यों जरूरी है,प्राचीन गुरु की विशेषता।

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P113, Search for sadhguru "आगे माई सतगुरु खोज करहु सब मिलिके।..." महर्षि मेंहीं पदावली अर्थ सहित। गुरु भक्ति में लीन संतसेवी जी महाराज
गुरु भक्ति में लीन संतसेवी जी महाराज



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सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज जी  कहते हैं- "हे माताओं ! सब कोई मिलकर सच्चे गुरु की खोज करो और उन्हें पाकर उनकी शरण ग्रहण करो । मनुष्य-जन्म को सफल बनाने का यही एक उपाय है।...." इस विषय में पूरी जानकारी के लिए इस भजन का शब्दार्थ, भावार्थ और टिप्पणी किया गया है। उसे पढ़ें-

P113, Search for sadhguru "आगे माई सतगुरु खोज करहु सब मिलिके।..." महर्षि मेंहीं पदावली अर्थ सहित। पदावली भजन नंबर 113.
पदावली भजन नंबर 113.

P113, Search for sadhguru "आगे माई सतगुरु खोज करहु सब मिलिके।..." महर्षि मेंहीं पदावली अर्थ सहित। पदावली भजन नंबर 113 और शब्दार्थ भावार्थ।
पदावली भजन नंबर 113 और  शब्दार्थ भावार्थ।

P113, Search for sadhguru "आगे माई सतगुरु खोज करहु सब मिलिके।..." महर्षि मेंहीं पदावली अर्थ सहित। पदावली भजन नंबर 113 का शेष भावार्थ।
पदावली भजन नंबर 113 का शेष भावार्थ।
पूज्यपाद श्रीधरदास जी महाराज द्वारा किया गया टीका-
P113, Search for sadhguru "आगे माई सतगुरु खोज करहु सब मिलिके।..." महर्षि मेंहीं पदावली अर्थ सहित। श्रीधर बाबा द्वारा किया गया भावार्थ।
श्रीधर बाबा द्वारा किया गया भावार्थ।

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प्रभु प्रेमियों ! गुरु महाराज के भारती पुस्तक "महर्षि मेंहीं पदावली" के भजन नं. 113 का शब्दार्थ, भावार्थ और टिप्पणी के द्वारा आपने जाना कि मनुष्य जन्म को सफल बनाने का एकमात्र उपाय है-- संत सतगुरु की खोज करके उनकी शरण ग्रहण करना। इतनी जानकारी के बाद भी अगर आपके मन में किसी प्रकार का शंका या कोई प्रश्न है, तो हमें कमेंट करें। इस लेख के बारे में अपने इष्ट मित्रों को भी बता दें, जिससे वे भी इससे लाभ उठा सकें। सत्संग ध्यान ब्लॉग का सदस्य बने। इससे आपको आने वाले  पोस्ट की सूचना नि:शुल्क मिलती रहेगी। इस पद का पाठ किया गया है उसे सुननेे के लिए निम्नलिखित वीडियो देखें।





महर्षि मेंहीं पदावली, शब्दार्थ, भावार्थ और टिप्पणी सहित।
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