महर्षि मेंहीं पदावली / 83
प्रभु प्रेमियों ! संतवाणी अर्थ सहित में आज हम लोग जानेंगे- संतमत सत्संग के महान प्रचारक सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज के भारती (हिंदी) पुस्तक "महर्षि मेंहीं पदावली" जो हम संतमतानुयाइयों के लिए गुरु-गीता के समान अनमोल कृति है। इस कृति के 83वां पद्य "भजो हो गुरु चरण कमल...' का शब्दार्थ, भावार्थ और टिप्पणी के बारे में। जिसे पूज्यपाद लालदास जी महाराज नेे किया है।
इस Santmat meditations भजन (कविता, पद्य, वाणी, छंद) "सब भव भय भंजन।..." में बताया गया है कि- करुणा सिंधु गुरुदेव का भजन करने से हृदय की परिपूर्णता, अज्ञान का नाश, मनोविकार रूपी राक्षसों का संहार एवं भयंकर कराल काल से रक्षा होती है। इन बातों के साथ-साथ निम्नलिखित प्रश्नें भी विचारनीय हैं- गुरुदेव करुणा सिंधु करुणा कीजिए प्रार्थना, हे मेरे गुरुदेव करुणा सिंधु करुणा कीजिए भजन, हे मेरे गुरुदेव करुणा सिंधु करुणा कीजिए lyrics, हे मेरे गुरुदेव करुणा कीजिये,बंदउ गुरु पद कंज,निस्वार्थ प्रेम क्या है,प्रेम क्यों होता है,सच्चा प्रेम क्या है? गुरु का प्रेम क्या है? गुरु का सच्चा प्रेम क्या होता है,प्रेम status.
करुणा सिंधु गुरुदेव के भजन का चर्चा
Bhajan of Karuna Sindhu Gurudev
सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज जी कहते हैं- "हे भाई ! संसार के दुखों और अज्ञानता को दूर करनेवाले गुरु के चरण कमलों की भक्ति करो।....." इस विषय में पूरी जानकारी के लिए इस भजन का शब्दार्थ, भावार्थ और टिप्पणी किया गया है। उसे पढ़ें-
पदावली भजन 83 और शब्दार्थ।
पदावली भजन 83 का शब्दार्थ, भावार्थ टिप्पणी।
इस भजन के बाद वाले पद्य को पढ़ने के लिए यहां दबाएं।
प्रभु प्रेमियों ! गुरु महाराज के भारती पुस्तक "महर्षि मेंहीं पदावली" के भजन नं. 83 का शब्दार्थ, भावार्थ और टिप्पणी के द्वारा आप ने जाना कि करुणा सिंधु गुरुदेव का भजन करने से हृदय की परिपूर्णता, अज्ञान का नाश, मनोविकार रूपी राक्षसों का संहार एवं भयंकर कराल काल से रक्षा होती है। इतनी जानकारी के बाद भी अगर आपके मन में किसी प्रकार का शंका या कोई प्रश्न है, तो हमें कमेंट करें। इस लेख के बारे में अपने इष्ट मित्रों को भी बता दें, जिससे वे भी इससे लाभ उठा सकें। सत्संग ध्यान ब्लॉग का सदस्य बने। इससे आपको आने वाले पोस्ट की सूचना नि:शुल्क मिलती रहेगी। इस पद का पाठ किया गया है, उसे सुननेे के लिए निम्नलिखित वीडियो देखें।
महर्षि मेँहीँ पदावली..
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इस Santmat meditations भजन (कविता, पद्य, वाणी, छंद) "सब भव भय भंजन।..." में बताया गया है कि- करुणा सिंधु गुरुदेव का भजन करने से हृदय की परिपूर्णता, अज्ञान का नाश, मनोविकार रूपी राक्षसों का संहार एवं भयंकर कराल काल से रक्षा होती है। इन बातों के साथ-साथ निम्नलिखित प्रश्नें भी विचारनीय हैं- गुरुदेव करुणा सिंधु करुणा कीजिए प्रार्थना, हे मेरे गुरुदेव करुणा सिंधु करुणा कीजिए भजन, हे मेरे गुरुदेव करुणा सिंधु करुणा कीजिए lyrics, हे मेरे गुरुदेव करुणा कीजिये,बंदउ गुरु पद कंज,निस्वार्थ प्रेम क्या है,प्रेम क्यों होता है,सच्चा प्रेम क्या है? गुरु का प्रेम क्या है? गुरु का सच्चा प्रेम क्या होता है,प्रेम status.
करुणा सिंधु गुरुदेव के भजन का चर्चा |
Bhajan of Karuna Sindhu Gurudev
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पदावली भजन 83 का शब्दार्थ, भावार्थ टिप्पणी। |
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प्रभु प्रेमियों ! गुरु महाराज के भारती पुस्तक "महर्षि मेंहीं पदावली" के भजन नं. 83 का शब्दार्थ, भावार्थ और टिप्पणी के द्वारा आप ने जाना कि करुणा सिंधु गुरुदेव का भजन करने से हृदय की परिपूर्णता, अज्ञान का नाश, मनोविकार रूपी राक्षसों का संहार एवं भयंकर कराल काल से रक्षा होती है। इतनी जानकारी के बाद भी अगर आपके मन में किसी प्रकार का शंका या कोई प्रश्न है, तो हमें कमेंट करें। इस लेख के बारे में अपने इष्ट मित्रों को भी बता दें, जिससे वे भी इससे लाभ उठा सकें। सत्संग ध्यान ब्लॉग का सदस्य बने। इससे आपको आने वाले पोस्ट की सूचना नि:शुल्क मिलती रहेगी। इस पद का पाठ किया गया है, उसे सुननेे के लिए निम्नलिखित वीडियो देखें।
महर्षि मेँहीँ पदावली.. |
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P83, Bhajan of Karuna Sindhu Gurudev "भजो हो गुरु चरण कमल,...." महर्षि मेंहीं पदावली अर्थ सहित।
Reviewed by सत्संग ध्यान
on
2/11/2020
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