P98, Description of various forms of Sadhguru "सतगुरू गुरुदेव गुरु,..." महर्षि मेंहीं पदावली अर्थ सहित।
महर्षि मेंहीं पदावली / 98
प्रभु प्रेमियों ! संतवाणी अर्थ सहित में आज हम लोग जानेंगे- संतमत सत्संग के महान प्रचारक सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज के भारती (हिंदी) पुस्तक "महर्षि मेंहीं पदावली" जो हम संतमतानुयाइयों के लिए गुरु-गीता के समान अनमोल कृति है। इस कृति के 98वां पद्य "सतगुरू गुरुदेव गुरु,...' का शब्दार्थ, भावार्थ और टिप्पणी के बारे में। जिसे पूज्यपाद लालदास जी महाराज नेे किया है।
इस Santmat meditations भजन (कविता, पद्य, वाणी, छंद) "सतगुरू गुरुदेव गुरु,..." में बताया गया है कि- संत सद्गुरु के विभिन्न रूप कौन-कौन से हैं?33 करोड़ देवी देवताओं सहित ब्रह्मा, विष्णु, महेश आदि ईश्वर कोटि के देवता रूप में गुरु भक्तों का कल्याण करते हैं। इत्यादि बातों के साथ-साथ निम्नलिखित प्रश्नें भी विचारनीय हैं- गुरु के विभिन्न रूप,गुरु का अर्थ बताइए,गुरु की आवश्यकता,गुरु शब्द का अर्थ हिंदी में,गुरु को परिभाषित करो,गुरु और शिष्य का संबंध,गुरु का अर्थ हिन्दी में,संस्कृत में गुरु शब्द,गुरु के लक्षण, गुरु के भजन, गुरु के भजन,गुरु के गाने,मैं तो गुरु के चरणों में,मिलते नहीं है भगवान गुरु के बिना।
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संत सद्गुरु के विभिन्न रूपों पर चर्चा करते गुरुदेव
Description of various forms of Sadhguru
सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज जी कहते हैं- "गुरु भक्तों को संसार-सागर से उद्धार या पार करने वाले हैं।अलौकिक प्रकाश गुरु का ही एक रूप है, जो भक्तों के हृदय में सदा जगमगाता रहता है। इसी तरह ब्रह्म प्रकाश का केंद्र सूर्यब्रह्म भी गुरु का ही रूप है, जो माया के पंच दूतों (काम, क्रोध, लोभ, मद और मत्सर को जला डालता है।....." इस विषय में पूरी जानकारी के लिए इस भजन का शब्दार्थ, भावार्थ और टिप्पणी किया गया है। उसे पढ़ें-
पदावली भजन 98 और शब्दार्थ।
पदावली भजन 98 का शब्दार्थ, भावार्थ और टिप्पणी।
पदावली भजन 98 का शेष टिप्पणी।
प्रभु प्रेमियों ! संतवाणी अर्थ सहित में आज हम लोग जानेंगे- संतमत सत्संग के महान प्रचारक सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज के भारती (हिंदी) पुस्तक "महर्षि मेंहीं पदावली" जो हम संतमतानुयाइयों के लिए गुरु-गीता के समान अनमोल कृति है। इस कृति के 98वां पद्य "सतगुरू गुरुदेव गुरु,...' का शब्दार्थ, भावार्थ और टिप्पणी के बारे में। जिसे पूज्यपाद लालदास जी महाराज नेे किया है।
इस Santmat meditations भजन (कविता, पद्य, वाणी, छंद) "सतगुरू गुरुदेव गुरु,..." में बताया गया है कि- संत सद्गुरु के विभिन्न रूप कौन-कौन से हैं?33 करोड़ देवी देवताओं सहित ब्रह्मा, विष्णु, महेश आदि ईश्वर कोटि के देवता रूप में गुरु भक्तों का कल्याण करते हैं। इत्यादि बातों के साथ-साथ निम्नलिखित प्रश्नें भी विचारनीय हैं- गुरु के विभिन्न रूप,गुरु का अर्थ बताइए,गुरु की आवश्यकता,गुरु शब्द का अर्थ हिंदी में,गुरु को परिभाषित करो,गुरु और शिष्य का संबंध,गुरु का अर्थ हिन्दी में,संस्कृत में गुरु शब्द,गुरु के लक्षण, गुरु के भजन, गुरु के भजन,गुरु के गाने,मैं तो गुरु के चरणों में,मिलते नहीं है भगवान गुरु के बिना।
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Description of various forms of Sadhguru
सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज जी कहते हैं- "गुरु भक्तों को संसार-सागर से उद्धार या पार करने वाले हैं।अलौकिक प्रकाश गुरु का ही एक रूप है, जो भक्तों के हृदय में सदा जगमगाता रहता है। इसी तरह ब्रह्म प्रकाश का केंद्र सूर्यब्रह्म भी गुरु का ही रूप है, जो माया के पंच दूतों (काम, क्रोध, लोभ, मद और मत्सर को जला डालता है।....." इस विषय में पूरी जानकारी के लिए इस भजन का शब्दार्थ, भावार्थ और टिप्पणी किया गया है। उसे पढ़ें-
पदावली भजन 98 और शब्दार्थ। |
पदावली भजन 98 का शब्दार्थ, भावार्थ और टिप्पणी। |
पदावली भजन 98 का शेष टिप्पणी। |
प्रभु प्रेमियों ! गुरु महाराज के भारती पुस्तक "महर्षि मेंहीं पदावली" के भजन नं. 98 का शब्दार्थ, भावार्थ और टिप्पणी के द्वारा आपने जाना कि संत सद्गुरु के विभिन्न रूप कौन-कौन से हैं?33 करोड़ देवी देवताओं सहित ब्रह्मा, विष्णु, महेश आदि ईश्वर कोटि के देवता रूप में गुरु भक्तों का कल्याण करते हैं। इतनी जानकारी के बाद भी अगर आपके मन में किसी प्रकार का शंका या कोई प्रश्न है, तो हमें कमेंट करें। इस लेख के बारे में अपने इष्ट मित्रों को भी बता दें, जिससे वे भी इससे लाभ उठा सकें। सत्संग ध्यान ब्लॉग का सदस्य बने। इससे आपको आने वाले पोस्ट की सूचना नि:शुल्क मिलती रहेगी। इस पद का पाठ किया गया है उसे सुननेे के लिए निम्नलिखित वीडियो देखें।
महर्षि मेँहीँ पदावली.. |
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P98, Description of various forms of Sadhguru "सतगुरू गुरुदेव गुरु,..." महर्षि मेंहीं पदावली अर्थ सहित।
Reviewed by सत्संग ध्यान
on
2/26/2020
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