P96, Important role of Guru in human life "गुरु दीन दयाला नजर निहाला,..." महर्षि मेंहीं पदावली अर्थ सहित।

महर्षि मेंहीं पदावली / 96

      प्रभु प्रेमियों ! संतवाणी अर्थ सहित में आज हम लोग जानेंगे- संतमत सत्संग के महान प्रचारक सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज के भारती (हिंदी) पुस्तक "महर्षि मेंहीं पदावली" जो हम संतमतानुयाइयों के लिए गुरु-गीता के समान अनमोल कृति है। इस कृति के 96वां पद्य  "गुरु दीन दयाला नजर निहाला।,...'  का शब्दार्थ, भावार्थ और टिप्पणी के  बारे में। जिसे पूज्यपाद लालदास जी महाराज नेे किया है।

इस Santmat meditations भजन (कविता, पद्य, वाणी, छंद) "गुरु धन्य हैं गुरु धन्य हैं गुरु धन्य दाता दयाल,..." में बताया गया है कि- मनुष्य जीवन में गुरु की महत्वपूर्ण भूमिका क्या है? संत सद्गुरु अपने शिष्य के लिए क्या-क्या करते हैं? उनका प्रभाव कैसा है? इत्यादि बातों के साथ-साथ निम्नलिखित प्रश्नें भी विचारनीय हैं- गुरु का महत्व बताइए, जीवन में गुरु का महत्व nibandh, जीवन में गुरु का महत्व, जीवन में गुरु का महत्व इन हिंदी निबंध, विद्यार्थी जीवन में गुरु का महत्व, जीवन में गुरु का महत्व पर निबंध हिंदी में, जीवन में गुरु का महत्व इस विषय पर निबंध, जीवन में गुरु का महत्व speech, जीवन में गुरु का महत्व कविता, जीवन में गुरु का स्थान, गुरु और शिष्य का संबंध, गुरु की महिमा पर निबंध।

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P96, Important role of Guru in human life "गुरु दीन दयाला नजर निहाला,..." महर्षि मेंहीं पदावली अर्थ सहित। गुरु शिष्य के लिए क्या-क्या करते हैं? इस पर चर्चा करते गुरुदेव।
गुरु शिष्य के लिए क्या-क्या करते हैं? इस पर चर्चा करते गुरुदेव।



Important role of Guru in human life

सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज जी  कहते हैं- "गुरु दीन-हीन और नम्र लोगों पर दया करनेवाले, मात्र कृपादृष्टि डालकर खुशहाल कर देनेवाले और भक्तों की सभी इच्छाओं को पूर्ण करने वाले हैं।....." इस विषय में पूरी जानकारी के लिए इस भजन का शब्दार्थ, भावार्थ और टिप्पणी किया गया है। उसे पढ़ें-

P96, Important role of Guru in human life "गुरु दीन दयाला नजर निहाला,..." महर्षि मेंहीं पदावली अर्थ सहित। पदावली भजन 96 मूल पद्य
पदावली भजन 96

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पदावली भजन 96 का शब्दार्थ भावार्थ ।

P96, Important role of Guru in human life "गुरु दीन दयाला नजर निहाला,..." महर्षि मेंहीं पदावली अर्थ सहित। पदावली भजन 96 का टिप्पणी।
पदावली भजन 96 का टिप्पणी।

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प्रभु प्रेमियों ! गुरु महाराज के भारती पुस्तक "महर्षि मेंहीं पदावली" के भजन नं. 96 का शब्दार्थ, भावार्थ और टिप्पणी के द्वारा आपने जाना कि मनुष्य जीवन में गुरु की महत्वपूर्ण भूमिका क्या है? संत सद्गुरु अपने शिष्य के लिए क्या-क्या करते हैं? उनका प्रभाव कैसा है?? गुरु भक्ति कैसे करना चाहिए? इतनी जानकारी के बाद भी अगर आपके मन में किसी प्रकार का शंका या कोई प्रश्न है, तो हमें कमेंट करें। इस लेख के बारे में अपने इष्ट मित्रों को भी बता दें, जिससे वे भी इससे लाभ उठा सकें। सत्संग ध्यान ब्लॉग का सदस्य बने। इससे आपको आने वाले  पोस्ट की सूचना नि:शुल्क मिलती रहेगी। इस पद का पाठ किया गया है उसे सुननेे के लिए निम्नलिखित वीडियो देखें।




महर्षि मेंहीं पदावली, शब्दार्थ, भावार्थ और टिप्पणी सहित।
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