गुरु नानक साहब की वाणी / 36
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शब्द साधन में चेतन शब्द का महत्व और महिमा Importance and glory of the word conscious in word instrument
शब्दार्थ - जीआ अंदरि - जीव के अंदर , हृदय के अंदर । जीउ शबदु जीवस्वरूपी शब्द , चेतन शब्द । आनेरु - अँधेरा , अंधा । नदरी पाइए नजर से पाइए , प्रत्यक्ष रूप से पाइए । करमि - करम , दया । परापति - प्राप्ति ।
भावार्थ - जीवों के अंदर या हृदय के अंदर चेतन शब्द ( अनाहत शब्द ) है । शब्द - साधना में उसी चेतन शब्द में सुरत का मिलाप होता है । उस शब्द को पाये बिना सारा संसार अंधकारमय है ( संसार के सारे लोग अज्ञानी बने हुए हैं ) । उस शब्द से ही परमात्मा प्रत्यक्ष होता है अथवा उस शब्द से ही संसार प्रकट हुआ है । कितने ही पंडित वेदादि धर्मग्रंथ पढ़ - पढ़कर थक गये और ज्ञान का बखान करते - करते अंत में मौन हो गये ; कितने ही भेषधारी ( हठयोगी ) शरीर को यौगिक क्रिया से शुद्ध कर - करके और तपस्वी तपस्या के द्वारा शरीर को पीड़ा दे - देकर थक गये ; परंतु उस शब्द के बिना किसी ने परमात्मा को नहीं पाया ; अंततः सभी रोते हुए - दुःखी होकर संसार से चल बसे ॥ गुरु नानकदेवजी महाराज कहते हैं कि सद्गुरु की दया मिलने पर ही कोई उस परमात्मा को प्रत्यक्ष रूप से प्राप्त करता है ॥२ ॥
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प्रभु प्रेमियों ! गुरु महाराज के भारती पुस्तक "संतवाणी सटीक" के इस लेख का पाठ करके आपलोगों ने जाना कि chetan shabd kahaan hai? sabd-saadhan mein kis shabd se soorat ka milaap hota hai? chetan shabd kee mahima kaisa hai? paramaatma kisase praapt hota hai? kya hathayog karane se aur ved padhane se paramaatma praapt hota hai? sadguru kee daya kee aavashyakata kyon hai? paramaatma ko kaun praapt kar sakata hai? इतनी जानकारी के बाद भी अगर आपके मन में किसी प्रकार का शंका या कोई प्रश्न है, तो हमें कमेंट करें। इस लेख के बारे में अपने इष्ट मित्रों को भी बता दें, जिससे वे भी इससे लाभ उठा सकें। सत्संग ध्यान ब्लॉग का सदस्य बने। इससे आपको आने वाले पोस्ट की सूचना नि:शुल्क मिलती रहेगी। निम्न वीडियो में उपर्युक्त लेख का पाठ करके सुनाया गया है।
संतवाणी-सुधा सटीक |
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