नानक वाणी 37, Manushy ke Shareer mein kitane Shabd hote hain ।। पंचे शबद बजे मति गुरमति ।। भजन भावार्थ सहित
गुरु नानक साहब की वाणी / 37
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मनुष्य के शरीर में कितने शब्द होते हैं? How many words are there in human body?
शब्दार्थ - गजिआ - गर्जन करता है , पुकारता है । आदि प्रारंभ से , प्रकृति के बनने के पहले से । जुगादि युगों ( देश - काल ) के पहले से । बेसु - वेश , स्वरूप । जन - भक्त । धनु - धन्य । जितु - जिससे । पड़दा - पर्दा , आवरण । कजिआ खुलता है , कटता है ।
भावार्थकार- बाबा लालदास |
भावार्थ - शरीर के अंदर पाँच केन्द्रीय शब्द बजते हैं । बड़भागी गुरुमति ( गुरुमुख ) अनहद शब्दों के बाजे बजाते हैं अर्थात् अनहद शब्दों को प्रत्यक्ष करते हैं । वे आनंद की जड़ राम ( परमात्मा ) को सबमें देखते हैं । गुरुशब्द ( अनाहत नाद ) के द्वारा गोविन्द ( परमात्मा ) अंदर में गर्जन ( पुकार ) कर रहा है । प्रकृति के बनने के पहले से ही और युगों ( देश - काल ) के भी बनने के पहले से ही हरि ( परमात्मा ) का रूप एक - सा है । गुरुमति उस हरि - प्रभु ( परमात्मा ) को गुरुशब्द के द्वारा भजते हैं । हे दयालु प्रभो ! हरिनाम ( अनाहत नाद ) का दान दीजिये । हे हरि प्रभो ! भक्तों की लज्जा ( प्रतिष्ठा ) की रक्षा कीजिए । गुरु नानकदेवजी महाराज कहते हैं कि सभी लोग ' धन्य - धन्य ' कहते हुए ' गुरु - सतगुरु , गुरु - सतगुरु ' जपिये , जिन सद्गुरु से मिलने पर परमात्मा और जीव के बीच पड़ा हुआ अज्ञान का पर्दा खुल जाता है ॥७ ॥
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प्रभु प्रेमियों ! गुरु महाराज के भारती पुस्तक "संतवाणी सटीक" के इस लेख का पाठ करके आपलोगों ने जाना कि shareer ke andar kitane shabd banate hain? in shabdon ko kaun sun paata hai? anaahat shabd ka kya mahatv hai? paramaatma ko sabamen kaun dekh sakata hai? guru shabd kise kahate hain? paramaatma kaisa hai? paramaatma ka bhajan kaise kiya jaata hai? aradaas mein kya bolana chaahie? kaun bhakton kee laaj rakhata hai? paramaatma aur jee ka milan kaise hota hai? इतनी जानकारी के बाद भी अगर आपके मन में किसी प्रकार का शंका या कोई प्रश्न है, तो हमें कमेंट करें। इस लेख के बारे में अपने इष्ट मित्रों को भी बता दें, जिससे वे भी इससे लाभ उठा सकें। सत्संग ध्यान ब्लॉग का सदस्य बने। इससे आपको आने वाले पोस्ट की सूचना नि:शुल्क मिलती रहेगी। निम्न वीडियो में उपर्युक्त लेख का पाठ करके सुनाया गया है।
संतवाणी-सुधा सटीक |
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