P54, Where do you find God? "निज तन में खोज सज्जन,...'' महर्षि मेंहीं पदावली भजन अर्थ सहित

 महर्षि मेंहीं पदावली / 54

         प्रभु प्रेमियों ! संतवाणी अर्थ सहित में आज हम लोग जानेंगे- संतमत सत्संग के महान प्रचारक सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज के भारती (हिंदी) पुस्तक "महर्षि मेंहीं पदावली" जो हम संतमतानुयाइयों के लिए गुरु-गीता के समान अनमोल कृति है। इस कृति के 54 वें पद्य  "निज तन में खोज सज्जन,....''  का शब्दार्थ, भावार्थ और टिप्पणी के  बारे में। जिसे पूज्यपाद लालदास जी महाराज नेे किया है।
इस God भजन ( कविता, पद्य, वाणी ) में प्रभु प्राप्ति, प्रभु प्राप्ति के साधन,प्रभु प्राप्ति के उपाय,प्रभु प्राप्ति का रास्ता,भगवान प्राप्ति के उपाय,ईश्वर प्राप्ति के उपाय,ईश्वर प्राप्ति के मार्ग, आदि प्रश्नों के उत्तर दिया गया है।
इस पद्य के  पहले वाले भाग को पढ़ने के लिए  
यहां दबाएं।

P54, Where do you find God? "निज तन में खोज सज्जन,...''  महर्षि मेंहीं पदावली भजन अर्थ सहित। ईश्वर को कहां खोजे पर चर्चा करते गुरुदेव।
ईश्वर को कहां खोजें पर चर्चा करते गुरुदेव।

Where do you find God? 

सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज जी  कहते हैं- "हे सज्जनों ! परमात्मा की खोज अपने ही शरीर के अंदर करो, कहीं बाहरी जगत में नहीं। वह परमात्मा अपने शरीर के भी अंदर है, इसलिए उसकी खोज अपने ही शरीर में करो।.Where do you find God?  इस विषय में पूरी जानकारी के लिए इस पद का शब्दार्थभावार्थ और टिप्पणी किया गया है । उसे पढें-
P54, Where do you find God? "निज तन में खोज सज्जन,...''  महर्षि मेंहीं पदावली भजन अर्थ सहित। पदावली भजन 54 और शब्दार्थ, भावार्थ। ईश्वर कहां है?
पदावली भजन 54 और शब्दार्थ, भावार्थ। ईश्वर कहां है?

P54, Where do you find God? "निज तन में खोज सज्जन,...''  महर्षि मेंहीं पदावली भजन अर्थ सहित। पदावली भजन 54 का भावार्थ और टिप्पणी । ईश्वर को कहां खोजें?
पदावली भजन 54 का शब्दार्थ और टिप्पणी। ईश्वर को कहां खोजें?

इस भजन के  बाद वाले पद्य को पढ़ने के लिए    यहां दबाएं।

प्रभु प्रेमियों !  "महर्षि मेंहीं पदावली शब्दार्थ, भावार्थ और टिप्पणी सहित" नामक पुस्तक  से इस भजन के शब्दार्थ, भावार्थ और टिप्पणी द्वारा आपने जाना कि अगर ईश्वर को खोजना है, तो अपने शरीर के अंदर ही खोजो । शरीर के अंदर कैसे खोजना है? इसकी युक्ति है- मानस मानस, मानस ध्यान, दृष्टियोग और नादानुसंधान है ईश्वर प्राप्ति के उपाय,ईश्वर प्राप्ति के मार्ग,नाद उपासना,ब्रह्म नाद क्या है,नाद योग के लाभ इतनी जानकारी के बाद भी अगर आपके मन में किसी प्रकार का शंका या कोई प्रश्न है, तो हमें कमेंट करें। इस लेख के बारे में अपने इष्ट-मित्रों को भी बता दें, जिससे वे भी इससे लाभ उठा सकें। सत्संग ध्यान ब्लॉग का सदस्य बने। इससे आपको आने वाले  पोस्ट की सूचना नि:शुल्क मिलती रहेगी। इस पद्य का पाठ किया गया है उसे सुननेे के लिए निम्नांकित वीडियो देखें।



  महर्षि मेँहीँ पदावली भावार्थ सहित

महर्षि मेंहीं पदावली, शब्दार्थ, भावार्थ और टिप्पणी सहित।
महर्षि मेँहीँ पदावली.. 
अगर आप 'महर्षि मेँहीँ पदावली' पुस्तक के अन्य पद्यों के अर्थों के बारे में जानना चाहते हैं या इस पुस्तक के बारे में विशेष रूप से समझना चाहते हैं तो 

सत्संग ध्यान संतवाणी ब्लॉग की अन्य संतवाणीयों के अर्थ सहित उपलब्धता के बारे में अधिक जानकारी के लिए 👉यहाँ दवाएँ.

सद्गुरु महर्षि मेँहीँ परमहंस जी महाराज की पुस्तकें मुफ्त में पाने के लिए  शर्तों के बारे में जानने के लिए   👉  यहां दवाए

P54, Where do you find God? "निज तन में खोज सज्जन,...'' महर्षि मेंहीं पदावली भजन अर्थ सहित P54, Where do you find God? "निज तन में खोज सज्जन,...''  महर्षि मेंहीं पदावली भजन अर्थ सहित Reviewed by सत्संग ध्यान on 12/28/2017 Rating: 5

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

कृपया सत्संग ध्यान से संबंधित किसी विषय पर जानकारी या अन्य सहायता के लिए टिप्पणी करें।

Blogger द्वारा संचालित.