महर्षि मेंहीं पदावली / भजन नं. 107
प्रभु प्रेमियों ! संतवाणी अर्थ सहित में आज हम लोग जानेंगे- संतमत सत्संग के महान प्रचारक सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज के भारती (हिंदी) पुस्तक "महर्षि मेंहीं पदावली" जो हम संतमतानुयाइयों के लिए गुरु-गीता के समान अनमोल कृति है। इस कृति के 107 वां पद्य "चलू चलू चलू भाई, धरु गुरु पद धाई....'' का शब्दार्थ, भावार्थ और टिप्पणी के बारे में। जिसे पूज्यपाद श्रीधर दासजी महाराज, पूज्यपाद संतसेवीजी महाराज और पूज्यपाद लालदास जी महाराज, नेे किया है।
इस सतगुरु भजन ( कविता, पद्य, वाणी ) में गुरु किसे बनाना चाहिए,शिष्य कैसा होना चाहिए,गुरु और शिष्य के संबंध,गुरु किसे बनाना चाहिए,गुरु और शिष्य,गुरु शिष्य,गुरु के प्रति श्रद्धा,गुरु के गुण,व्हाट इस गुरु,गुरु पर कविता हिंदी में,गुरु का महत्व, आदि जिज्ञासावों का समाधान है ।
इस पद्य के पहले वाले पद्य को पढ़ने के लिए
यहां दबाएं।भक्तों को चेता ते हुए गुरुदेव। |
Must have unwavering faith in guru, "चलु चलु चलु भाई...''
सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज जी कहते हैं- "हे भाइयो ! शीग्रतापूर्वक चलकर गुरु चरणों की शरण ग्रहण करो और सभी शंका-संदेहों को छोड़कर गुरु-चरणों के सच्चे प्रेमी बनो।.Must have unwavering faith in guru, "चलु चलु चलु भाई.... " इस विषय में पूरी जानकारी के लिए इस पद का शब्दार्थ, भावार्थ और टिप्पणी किया गया है । उसे पढ़ें-
पदावली भजन 107 शब्दार्थ भावार्थ |
पदावली भजन 107 टिप्पणी |
इस भजन के बाद वाले पद्य को पढ़ने के लिए यहां दबाएं।
प्रभु प्रेमियों ! "महर्षि मेंहीं पदावली शब्दार्थ, भावार्थ और टिप्पणी सहित" नामक पुस्तक से इस भजन के शब्दार्थ, भावार्थ और टिप्पणी द्वारा आपने जाना कि गुरु के ऊपर पूर्ण विश्वास करके उनके चरणों मेंं अपना जीवन समर्पित करना चाहिए और ऐसा करने में किसी प्रकार का शंका नहीं होना चाहिए । इतनी जानकारी के बाद भी अगर आपके मन में किसी प्रकार का शंका या कोई प्रश्न है, तो हमें कमेंट करें। इस लेख के बारे में अपने इष्ट-मित्रों को भी बता दें, जिससे वे भी इससे लाभ उठा सकें। सत्संग ध्यान ब्लॉग का सदस्य बने।। इससे आपको आने वाले पोस्ट की सूचना नि:शुल्क मिलती रहेगी। इस पद्य का पाठ किया गया है उसे सुननेे के लिए निम्नांकित वीडियो देखें।
अगर आप 'महर्षि मेँहीँ पदावली' पुस्तक के अन्य पद्यों के अर्थों के बारे में जानना चाहते हैं या इस पुस्तक के बारे में विशेष रूप से समझना चाहते हैं तो सद्गुरु महर्षि मेँहीँ परमहंस जी महाराज की पुस्तकें मुफ्त में पाने के लिए शर्तों के बारे में जानने के लिए 👉 यहां दवाए। ---×--- |
P107 || चलु चलु चलु भाई || पदावली भजन अर्थ सहित || Must have unwavering faith in guru
Reviewed by सत्संग ध्यान
on
12/30/2017
Rating:
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
कृपया सत्संग ध्यान से संबंधित किसी विषय पर जानकारी या अन्य सहायता के लिए टिप्पणी करें।