P121, What is the devotional path, "जनि लिपटो रे प्यारे जग परदेशवा,...'' महर्षि मेंहीं पदावली भजन अर्थ सहित
महर्षि मेंहीं पदावली / 121
प्रभु प्रेमियों ! संतवाणी अर्थ सहित में आज हम लोग जानेंगे- संतमत सत्संग के महान प्रचारक सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज के भारती (हिंदी) पुस्तक "महर्षि मेंहीं पदावली" जो हम संतमतानुयाइयों के लिए गुरु-गीता के समान अनमोल कृति है। इस कृति के 121वां पद्य "जनि लिपटो रे प्यारे जग परदेशवा,....'' का शब्दार्थ, भावार्थ और टिप्पणी के बारे में। जिसे पूज्यपाद लालदास जी महाराज, पूज्यपाद संतसेवी जी महाराज और पूज्यपाद श्रीधर दास जी महाराज नेे किया है।
इस Santmat इसमें आप न तो पानी में चलने वाले मार्ग, न ही जमीन के अंदर चलने वालीं रास्तों, न ही समुद्र में चलने वाली राहों, न ही अंतरिक्ष उड़ान के बारे में, न ही अन्तरिक्ष सैर करने के उपायों के बारे में जानेंगे; बल्कि इसमें जानेंगे भक्ति मार्ग, भक्ति मार्ग क्या है, भक्ति का मार्ग, भक्ति भजन, भक्ति का स्वरूप,भक्ति सागर,प्रभु भक्ति का भजन, प्रभु का भक्ति गीत,प्रभु का मिलन,प्रभु का भक्त,प्रभु भक्ति के गीत,प्रभु की भक्ति, प्रभु की भक्ति कैसे करें,प्रभु भक्ति में मन को लगाए,प्रभु की आवाज,प्रभु प्राप्ति, प्रभु प्राप्ति के साधन,प्रभु प्राप्ति के उपाय,प्रभु प्राप्ति का रास्ता, उपाय प्रभु की प्राप्ति,भगवान प्राप्ति के उपाय,ईश्वर प्राप्ति के उपाय,ईश्वर प्राप्ति के मार्ग।
इस पद्य के पहले वाले पद्य को पढ़ने के लिए
यहां दबाएं।संसार की वास्तविक स्थिति की जानकारी देते गुरुदेव। |
What is the devotional path, "जनि लिपटो रे प्यारे जग परदेशवा,.
सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज जी कहते हैं- हे प्यारे भाइयों ! यह संसार प्रदेश है-- अपना देश नहीं । इसमें आसक्त मत होओ; यहां कुछ भी सुख नहीं है।.What is the devotional path, "जनि लिपटो रे प्यारे जग परदेशवा,...'.. इस विषय में पूरी जानकारी के लिए इस पद का शब्दार्थ, भावार्थ और टिप्पणी किया गया है । उसे पढें-
पदावली भजन 121 और शब्दार्थ, भावार्थ। |
पदावली भजन 121 का टिप्पणी। |
पूज्यपाद संतसेवीजी महाराज द्वारा किया गया टीका-
ईश्वर प्राप्ति का प्रमाणिक मार्ग। |
संतो द्वारा प्रमाणित ईश्वर प्राप्ति का रास्ता |
ईश्वर प्राप्ति का सच्चा मार्ग |
इस भजन के बाद वाले पद्य को पढ़ने के लिए यहां दबाएं।
प्रभु प्रेमियों ! "महर्षि मेंहीं पदावली शब्दार्थ, भावार्थ और टिप्पणी सहित" नामक पुस्तक से इस भजन के शब्दार्थ, भावार्थ और टिप्पणी द्वारा आपने जाना कि प्रभु प्राप्ति का रास्ता, उपाय प्रभु की प्राप्ति,भगवान प्राप्ति के उपाय,ईश्वर प्राप्ति के उपाय,ईश्वर प्राप्ति के मार्ग। इतनी जानकारी के बाद भी अगर आपके मन में किसी प्रकार का शंका या कोई प्रश्न है, तो हमें कमेंट करें। इस लेख के बारे में अपने इष्ट-मित्रों को भी बता दें, जिससे वे भी इससे लाभ उठा सकें। सत्संग ध्यान ब्लॉग का सदस्य बने। इससे आपको आने वाले पोस्ट की सूचना नि:शुल्क मिलती रहेगी। इस पद्य का पाठ किया गया है उसे सुननेे के लिए निम्नांकित वीडियो देखें
महर्षि मेँहीँ पदावली.. |
अगर आप 'महर्षि मेँहीँ पदावली' पुस्तक के अन्य पद्यों के अर्थों के बारे में जानना चाहते हैं या इस पुस्तक के बारे में विशेष रूप से समझना चाहते हैं तो
सद्गुरु महर्षि मेँहीँ परमहंस जी महाराज की पुस्तकें मुफ्त में पाने के लिए शर्तों के बारे में जानने के लिए 👉 यहां दवाएँ
---×---
P121, What is the devotional path, "जनि लिपटो रे प्यारे जग परदेशवा,...'' महर्षि मेंहीं पदावली भजन अर्थ सहित
Reviewed by सत्संग ध्यान
on
2/11/2018
Rating:
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
कृपया सत्संग ध्यान से संबंधित किसी विषय पर जानकारी या अन्य सहायता के लिए टिप्पणी करें।