महर्षि मेंहीं पदावली /68
प्रभु प्रेमियों ! संतमत के महान प्रचारक पूज्यपाद सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज की (हिंदी) भारती पुस्तक 'महर्षि मेंही पदावली' जो हम संतमतानुयाइयों के लिए गुरु-गीता के समान अनमोल कृति है। इस अनमोल कृति के 68 वें भजन-' 'यहि विधि जैबै भव पार,...' का शब्दार्थ, भावार्थ और टिप्पणी किया गया है। जिसे पूंज्य पाद संतसेवी जी महाराज और पूज्य पाद लालदास जी महाराज नेे किया है।
इसमें बताया गया है कि मोक्ष प्राप्ति के प्रमाणिक साधन कौन-सा है ? पिंड ब्रह्मांड के नक्शेे में सातवां दर्जा परम निर्वाण या मोक्ष का है। वहां तक जानेेे के लिए 4 तरह की साधनाएं करनी पड़ती है। मोक्ष प्राप्ति का उपाय प्रार्थना करके या मैसेज भेजकर नहीं प्राप्त किया जा सकता । मोक्ष प्राप्त करना साधारण काम नहीं है, इसे किसी पहुंचे हुए, सच्चे संत सद्गुरु से दीक्षा लेकर प्राप्त किया जा सकता है।
मोक्ष का रास्ता और सद्गुरु महर्षि मेंहीं |
Way to go to salvation, यहि विधि जैबै भव पार
सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज जी कहते हैं-कि मैं अपने सतगुरु बाबा देवी साहब के द्वारा बताए गए इन्हीं (दृष्टि योग और शब्द योग) के द्वारा मोक्ष धाम में पहुंच जाऊंगा। .Way to go to salvation, "यहि विधि जैबै भव पार.. इस विषय में पूरी जानकारी के लिए इस पद का शब्दार्थ, भावार्थ और टिप्पणी किया गया है । उसे पढ़े-
लाल दास जी महाराज द्वारा किया गया पदावली के 68 वें पद्य का टीका |
इस भजन के बाद वाले पद्य को पढ़ने के लिए यहां दबाएं।
प्रभु प्रेमियों ! गुरु महाराज के भारती पुस्तक "महर्षि मेंहीं पदावली" के भजन नं. 68 का शब्दार्थ, भावार्थ और टिप्पणी के द्वारा आप ने जाना कि मोक्ष प्राप्त करने का रास्ता दृष्टि योग क्या है? और इसे कैसे करना चाहिए। इतनी जानकारी के बाद भी अगर आपके मन में किसी प्रकार का शंका या कोई प्रश्न है, तो हमें कमेंट करें। इस लेख के बारे में अपने इष्ट मित्रों को भी बता दें, जिससे वे भी इससे लाभ उठा सकें। सत्संग ध्यान ब्लॉग का सदस्य बने। इससे आपको आने वाले पोस्ट की सूचना नि:शुल्क मिलती रहेगी। इस पद का पाठ किया गया है उसे सुननेे के लिए निम्नलिखित वीडियो देखें।
महर्षि मेँहीँ पदावली.. |
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P68, Way to go to salvation, "यहि विधि जैबै भव पार,...'' महर्षि मेंहीं पदावली भजन अर्थ सहित
Reviewed by सत्संग ध्यान
on
6/18/2019
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