P42, (क) Mysterious About Aatma. "नहीं थल नहीं जल नहीं वायु अग्नि।..." पदावली सटीक।

महर्षि मेंहीं पदावली / 42

      प्रभु प्रेमियों ! संतवाणी अर्थ सहित में आज हम लोग जानेंगे- संतमत सत्संग के महान प्रचारक सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज के भारती (हिंदी) पुस्तक "महर्षि मेंहीं पदावली" जो हम संतमतानुयाइयों के लिए गुरु-गीता के समान अनमोल कृति है। इस कृति के 42वां पद्य  "नहीं थल नहीं जल नहीं वायु अग्नि।...'  का शब्दार्थ, भावार्थ और टिप्पणी के  बारे में। जिसे पूज्यपाद लालदास जी महाराज नेे किया है।
इस God भजन (कविता, पद्य, वाणी, छंद) "नहीं थल नहीं जल नहीं वायु अग्नि।..." में बताया गया है कि- आत्मा क्या है? आत्मा कैसी दिखती है?आत्मा का स्वरूप क्या है,आत्मा की शक्ति,आत्मा को परिभाषित करो,'क्या आत्मा अमर हैं,विज्ञान ने खोज निकाला आत्मा का चौंकाने वाला रहस्य,आत्मा क्या हैं? क्या आत्माएं अच्छी या बुरी होती हैं? आत्मा और शरीर में क्या फर्क है Hindi में,आत्मा के बारे में 18 जानकारी, आत्मा, जीवात्मा और परमात्मा के बीच क्या अंतर है,क्या आत्मा है और परमात्मा एक है,आत्मा और परमात्मा का मिलन संयोग,आत्मा परमात्मा का रहस्य,आत्मा और परमात्मा के बीच का अंतर,परमात्मा का अर्थ, आदि।

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P42,  Mysterious About Aatma. "नहीं थल नहीं जल नहीं वायु अग्नि।..." पदावली सटीक। आत्मा के विषय में चर्चा करते गुरुदेव और टीकाकार
आत्मा के विषय में चर्चा करते गुरुदेव और टीकाकार

Mysterious About Atma

सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज जी  कहते हैं- "जो मिट्टी, जल, अग्नि, वायु और आकाश में से कुछ नहीं है; जो भ्रम (धोखे) में  डालनेवाली पांच तन्मात्राओं ( सूक्ष्म भूतों-- गंद, रस, रूप, स्पर्श और शब्द) में से कुछ नहीं है; जो त्रयगुणों और 14हों इंद्रियों में से कुछ नहीं है; जो अव्यक्त और अगम कहलाने वाली जड़ात्मिका मूल प्रकृति भी नहीं है; बल्कि जो इन सबसे ऊपर या भीन्न और परम तत्व का स्वरूप है, वही आत्म तत्व ( परमात्मा ) है; हां सचमुच वही आत्मतत्व ( आत्मा ) है।......" इस विषय में पूरी जानकारी के लिए इस भजन का शब्दार्थ, भावार्थ और टिप्पणी किया गया है। उसे पढ़ें-

P42,  Mysterious About Aatma. "नहीं थल नहीं जल नहीं वायु अग्नि।..." पदावली सटीक। पदावली भजन 42, आत्मा।
पदावली भजन 42, आत्मा।

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पदावली भजन 42, आत्मा की चर्चा।

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पदावली भजन 42, और शब्दार्थ।

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पदावली भजन 42 का शब्दार्थ।

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पदावली भजन 42, का शब्दार्थ और भावार्थ।
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प्रभु प्रेमियों !  "महर्षि मेंहीं पदावली शब्दार्थ, भावार्थ और टिप्पणी सहित" नामक पुस्तक  से इस भजन के शब्दार्थ, भावार्थ और टिप्पणी द्वारा आपने आत्मा क्या है? आत्मा कैसी दिखती है?आत्मा का स्वरूप क्या है,आत्मा की शक्ति, इतनी जानकारी के बाद भी अगर आपके मन में किसी प्रकार का शंका या कोई प्रश्न है, तो हमें कमेंट करें। इस लेख के बारे में अपने इष्ट-मित्रों को भी बता दें, जिससे वे भी इससे लाभ उठा सकें। सत्संग ध्यान ब्लॉग का सदस्य बने। इससे आपको आने वाले  पोस्ट की सूचना नि:शुल्क मिलती रहेगी। इस पद्य का पाठ किया गया है उसे सुननेे के लिए निम्नलिखित वीडियो देखें।



महर्षि मेंहीं पदावली, शब्दार्थ, भावार्थ और टिप्पणी सहित।
महर्षि मेँहीँ पदावली.. 
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P42, (क) Mysterious About Aatma. "नहीं थल नहीं जल नहीं वायु अग्नि।..." पदावली सटीक। P42, (क)  Mysterious About Aatma. "नहीं थल नहीं जल नहीं वायु अग्नि।..." पदावली सटीक। Reviewed by सत्संग ध्यान on 12/23/2019 Rating: 5

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