P44, (क) The essence of saintmat meditation "संतमते की बात।..." महर्षि मेंहीं पदावली (अरिल) अर्थ सहित/सत्संग ध्यान
महर्षि मेंहीं पदावली / 44
प्रभु प्रेमियों ! संतवाणी अर्थ सहित में आज हम लोग जानेंगे- संतमत सत्संग के महान प्रचारक सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज के भारती (हिंदी) पुस्तक "महर्षि मेंहीं पदावली" जो हम संतमतानुयाइयों के लिए गुरु-गीता के समान अनमोल कृति है। इस कृति के 44वां पद्य "संतमते की बात।...' का शब्दार्थ, भावार्थ और टिप्पणी के बारे में। जिसे पूज्यपाद लालदास जी महाराज नेे किया है।
इस Saintmat भजन (कविता, पद्य, वाणी, छंद) "संतमते एक ही बात।..." में बताया गया है कि- संतमत क्या है,संतमत ध्यान,ध्यान की पूर्णता कैसे,कैसे करें ध्यान,ध्यान की व्याख्या,योग एवं ध्यान की व्याख्या,ध्यान के प्रकारों की व्याख्या,ध्यान की विशेषता,ध्यान की परिभाषा,ध्यान क्रिया,ध्यान प्रकार,ध्यान का महत्व,ध्यान का अर्थ और महत्व,ध्यान की अवस्था,संतमत भजन,संतमत का भजन,संतमत सत्संग भजन,संतमत सत्संग का भजन,संतमत परिचय,संतमत प्रवचन,संतमत सत्संग का प्रवचन,संतमत का सत्संग,संतमत की परिभाषा,संतमत किसे कहते हैं,हिन्दी संतमत pravachan, संतमत प्रकाश आदि।
इस पद्य के पहले वाले पद्य को पढ़ने के लिए
The essence of saintmat meditation
सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज जी कहते हैं- "साधकों की भलाई के लिए (संतमत) संतों के ज्ञान से संबंधित बातें अरिल पदों की रचना करके कहता हूं। जान लेने पर ये बातें साधकों को बड़भागी बनाएंगी।...." इस विषय में पूरी जानकारी के लिए इस भजन का शब्दार्थ, भावार्थ और टिप्पणी किया गया है। उसे पढ़ने के लिए-
पदावली भजन 44, संतमत साधना। |
पदावली भजन 44, संतमत मेडिटेशन। |
पदावली भजन 44, संतमत का सार। |
पदावली भजन 44 का शब्दार्थ। |
पदावली भजन 44 का शब्दार्थ। संतमत की बातें |
पदावली भजन 44 का शब्दार्थ । सत्संग की बातें। |
पदावली भजन 44 का भावार्थ। मेडिटेशन। |
इस पद्य के शेष भावार्थ और टिप्पणी को पढ़ने के लिए यहां दबाएं।
महर्षि मेँहीँ पदावली.. |
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P44, (क) The essence of saintmat meditation "संतमते की बात।..." महर्षि मेंहीं पदावली (अरिल) अर्थ सहित/सत्संग ध्यान
Reviewed by सत्संग ध्यान
on
12/24/2019
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