महर्षि मेंहीं पदावली / 43
प्रभु प्रेमियों ! संतवाणी अर्थ सहित में आज हम लोग जानेंगे- संतमत सत्संग के महान प्रचारक सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज के भारती (हिंदी) पुस्तक "महर्षि मेंहीं पदावली" जो हम संतमतानुयाइयों के लिए गुरु-गीता के समान अनमोल कृति है। इस कृति के 43वां पद्य "क्षेत्र क्षर अक्षर के पार में।...' का शब्दार्थ, भावार्थ और टिप्पणी के बारे में। जिसे पूज्यपाद लालदास जी महाराज नेे किया है।
इस God भजन (कविता, पद्य, वाणी, छंद) "क्षेत्र क्षर अक्षर के पार में।..." में बताया गया है कि- ईश्वर को कैसे देख सकते हैं,AKSHAR BRAHM YOG, केवल परम अक्षर ब्रह्म,अक्षर ब्रह्म,अक्षर ब्रह्म योग,अक्षर योग,अक्षर पुरुष कौन है,अक्षरं परमं ब्रह्म,परम अक्षर पुरुष,अक्षरम परमं ब्रह्म,पूर्ण ब्रह्म,पूर्ण ब्रह्म क्या है,पूर्ण ब्रह्म कौन है,पूर्ण ब्रह्म का ज्ञान,अक्षरम परम ब्रह्म, आदि।
इस पद्य के पहले वाले पद्य को पढ़ने के लिए
ईश्वर संबंधी विचार-विमर्श करते गुरुदेव और टीकाकार |
The way to see the God
सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज जी कहते हैं- "सभी शरीरों (क्षेत्रों) जड़ात्मक प्रकृति मंडलों और चेतन प्रकृति के पार में जो परम अलौकिक तत्व-- परमात्मा है, अपनी चेतनवृत्ति को सूक्ष्म और अंतर्मुख करके रात-दिन उसकी भक्ति करो।......." इस विषय में पूरी जानकारी के लिए इस भजन का शब्दार्थ, भावार्थ और टिप्पणी किया गया है। उसे पढ़ें-
पदावली भजन 45, ईश्वर को कैसे देखें? |
पदावली भजन 43, का शब्दार्थ भावार्थ। |
पदावली भजन 43 का टिप्पणियां |
पदावली भजन 45 का टिप्पणी। |
इस पद्य के बाद वाले पद्य को पढ़ने के लिए
प्रभु प्रेमियों ! "महर्षि मेंहीं पदावली शब्दार्थ, भावार्थ और टिप्पणी सहित" नामक पुस्तक से इस भजन के शब्दार्थ, भावार्थ और टिप्पणी द्वारा आपने ईश्वर को प्राप्त करने का सही तरीका,ईश्वर की प्राप्ति कैसे हो,, इतनी जानकारी के बाद भी अगर आपके मन में किसी प्रकार का शंका या कोई प्रश्न है, तो हमें कमेंट करें। इस लेख के बारे में अपने इष्ट-मित्रों को भी बता दें, जिससे वे भी इससे लाभ उठा सकें। सत्संग ध्यान ब्लॉग का सदस्य बने। इससे आपको आने वाले पोस्ट की सूचना नि:शुल्क मिलती रहेगी। इस पद्य का पाठ किया गया है उसे सुननेे के लिए निम्नलिखित वीडियो देखें।
महर्षि मेँहीँ पदावली.. |
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P43, The way to see the God "क्षेत्र क्षर अक्षर के पार में।..." महर्षि मेंहीं पदावली अर्थ सहित।
Reviewed by सत्संग ध्यान
on
12/24/2019
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