P48, How to meditate on the divine "अधर डगर को सद्गुरु भेद बतावै।..." महर्षि मेंहीं पदावली अर्थ सहित।

महर्षि मेंहीं पदावली / 48

      प्रभु प्रेमियों ! संतवाणी अर्थ सहित में आज हम लोग जानेंगे- संतमत सत्संग के महान प्रचारक सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज के भारती (हिंदी) पुस्तक "महर्षि मेंहीं पदावली" जो हम संतमतानुयाइयों के लिए गुरु-गीता के समान अनमोल कृति है। इस कृति के 48वां पद्य  "अधर डगर को सद्गुरु भेद बतावै।...'  का शब्दार्थ, भावार्थ और टिप्पणी के  बारे में। जिसे पूज्यपाद लालदास जी महाराज नेे किया है।
इस Santmat God भजन (कविता, पद्य, वाणी, छंद) "अधर डगर को सद्गुरु भेद बतावै।..." में बताया गया है कि- meditation techniques for beginners,ध्यान योग के प्रकार,ध्यान योग कैसे करे,ध्यान करने की युक्तियां,ध्यान लगाने की विधि,दिव्य शक्ति प्राप्त करना,ध्यान क्यों करना चाहिए,ध्यान की ताकत,ध्यान से सिद्धि,सूक्ष्म ध्यान,ध्यान लगाना,लेटकर ध्यान,ध्यान के चमत्कारिक अनुभव,भगवान का ध्यान कैसे करें,ध्यान साधना विधि,ध्यान साधना कैसे करे,dhyan,ध्यान केंद्रित करना,परमात्मा का ध्यान कैसे करें,ध्यान कैसे लगाए,ध्यान साधना,ध्यान और योग में क्या अंतर है,ध्यान करने के नियम और सावधानियां, meditation benefits,ध्यान कैसे लगायें,ध्यान तकनीक क्या है, आदि।


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P48, How to meditate on the divine "अधर डगर को सद्गुरु भेद बतावै।..." महर्षि मेंहीं पदावली अर्थ सहित। ध्यान की युक्तियों पर चर्चा करते गुरुदेव और टीकाकार
धान की युक्तियों पर चर्चा करते गुरुदेव और टीकाकार



How to meditate on the divine

सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज जी  कहते हैं- "सद्गुरु अंतराकाश (ब्रह्मांड) के ज्योति और नादरूपी मार्गों पर चलने की युक्ति (दृष्टियोग और शब्दयोग की युक्तियां) या ध्यान करने की युक्ति बतलाते हैं।......." इस विषय में पूरी जानकारी के लिए इस भजन का शब्दार्थ, भावार्थ और टिप्पणी किया गया है। उसे पढ़ने के लिए
P48, How to meditate on the divine "अधर डगर को सद्गुरु भेद बतावै।..." महर्षि मेंहीं पदावली अर्थ सहित। पदावली भजन 48 और शब्दार्थ। भजन करने की युक्तियां।
पदावली भजन 48 ,और शब्दार्थ। ध्यान करने की युक्ति।

P48, How to meditate on the divine "अधर डगर को सद्गुरु भेद बतावै।..." महर्षि मेंहीं पदावली अर्थ सहित। पदावली भजन 48 का शब्दार्थ, भावार्थ और टिप्पणी । ध्यान कैसे करें?
पदावली भजन 48 का शब्दार्थ, भावार्थ और  टिप्पणी। ध्यान कैसे करें।

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प्रभु प्रेमियों !  "महर्षि मेंहीं पदावली शब्दार्थ, भावार्थ और टिप्पणी सहित" नामक पुस्तक  से इस भजन के शब्दार्थ, भावार्थ और टिप्पणी द्वारा आपने सुरति शब्द योग या सुरत शब्द मार्ग या सुरति शब्द,शब्द साधना, सुरत-शब्द-योग,ध्यान योग के प्रकार,ध्यान योग कैसे करे इतनी जानकारी के बाद भी अगर आपके मन में किसी प्रकार का शंका याक्ष कोई प्रश्न है, तो हमें कमेंट करें। इस लेख के बारे में अपने इष्ट-मित्रों को भी बता दें, जिससे वे भी इससे लाभ उठा सकें। सत्संग ध्यान ब्लॉग का सदस्य बने। इससे आपको आने वाले  पोस्ट की सूचना नि:शुल्क मिलती रहेगी। इस पद्य का पाठ किया गया है उसे सुननेे के लिए निम्नलिखित वीडियो देखें।




महर्षि मेंहीं पदावली, शब्दार्थ, भावार्थ और टिप्पणी सहित।
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P48, How to meditate on the divine "अधर डगर को सद्गुरु भेद बतावै।..." महर्षि मेंहीं पदावली अर्थ सहित। P48, How to meditate on the divine "अधर डगर को सद्गुरु भेद बतावै।..." महर्षि मेंहीं पदावली अर्थ सहित। Reviewed by सत्संग ध्यान on 12/27/2019 Rating: 5

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