P59, How do you meditate? "सुखमन झलझल बिन्दु झलके।..." महर्षि मेंहीं पदावली अर्थ सहित।

महर्षि मेंहीं पदावली / 59

      प्रभु प्रेमियों ! संतवाणी अर्थ सहित में आज हम लोग जानेंगे- संतमत सत्संग के महान प्रचारक सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज के भारती (हिंदी) पुस्तक "महर्षि मेंहीं पदावली" जो हम संतमतानुयाइयों के लिए गुरु-गीता के समान अनमोल कृति है। इस कृति के 59वां पद्य  "सुखमन झलझल बिन्दु झलके।...'  का शब्दार्थ, भावार्थ और टिप्पणी के  बारे में। जिसे पूज्यपाद लालदास जी महाराज नेे किया है।
इस Santmat भजन (कविता, पद्य, वाणी, छंद) "सुखमन झलझल बिन्दु झलके।..." में बताया गया है कि- ध्यान करने के नियम, ध्यान कैसे करें?ध्यानाभ्यास कैसे करते है,ध्यान साधना कैसे करे,भगवान का ध्यान कैसे करें,परमात्मा का ध्यान कैसे करें,ध्यान कैसे करें महर्षि मेंही,ध्यान साधना विधि,ध्यान से चमत्कार,ध्यान क्रिया,ध्यान योग साधना,मेडिटेशन ध्यान,ध्यान क्या है,ध्यान का समय,ध्यान से लाभ, आदि बातें।

इस पद्य के  पहले वाले भाग को पढ़ने के लिए  
यहां दबाएं।

P59, How do you meditate? "सुखमन झलझल बिन्दु झलके।..." महर्षि मेंहीं पदावली अर्थ सहित। ध्यान मुद्रा में गुरुदेव।
ध्यान मुद्रा में गुरुदेव

How do you meditate? 

सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज जी  कहते हैं- "सुखमन (आज्ञाचक्रकेंद्रबिंदु) में चमकता हुआ बिंदु दिखाई पड़ता है। हे भाइयों ! अपनी आंखों की पलकों को बंद करके उसे देख लो। (उसे देखने का यत्न करो)।....." इस विषय में पूरी जानकारी के लिए इस भजन का शब्दार्थ, भावार्थ और टिप्पणी किया गया है। उसे पढ़ें-

P59, How do you meditate? "सुखमन झलझल बिन्दु झलके।..." महर्षि मेंहीं पदावली अर्थ सहित। पदावली भजन 59 और शब्दार्थ। ध्यान विधि।
पदावली भजन 59 और शब्दार्थ। ध्यान विधि।

P59, How do you meditate? "सुखमन झलझल बिन्दु झलके।..." महर्षि मेंहीं पदावली अर्थ सहित। पदावली भजन 59 का शब्दार्थ, भावार्थ और टिप्पणी।ध्यान अभ्यास।
पदावली भजन 59 का शब्दार्थ, भावार्थ और टिप्पणी। ध्यान अभ्यास।

P59, How do you meditate? "सुखमन झलझल बिन्दु झलके।..." महर्षि मेंहीं पदावली अर्थ सहित। पदावली भजन 59 का टिप्पणी समाप्त ।छंद वर्णन।
पदावली भजन 59 का टिप्पणी समाप्त। छंद वर्णन।


इस भजन के  बाद वाले पद्य को पढ़ने के लिए    यहां दबाएं।

प्रभु प्रेमियों !  "महर्षि मेंहीं पदावली शब्दार्थ, भावार्थ और टिप्पणी सहित" नामक पुस्तक  से इस भजन के शब्दार्थ, भावार्थ और टिप्पणी द्वारा आपने जाना कि ध्यान कैसे करें?ध्यानाभ्यास कैसे करते है,ध्यान साधना कैसे करे,भगवान का ध्यान कैसे करें,परमात्मा का ध्यान कैसे करें, इतनी जानकारी के बाद भी अगर आपके मन में किसी प्रकार का शंका या कोई प्रश्न है, तो हमें कमेंट करें। इस लेख के बारे में अपने इष्ट-मित्रों को भी बता दें, जिससे वे भी इससे लाभ उठा सकें। सत्संग ध्यान ब्लॉग का सदस्य बने। इससे आपको आने वाले  पोस्ट की सूचना नि:शुल्क मिलती रहेगी। इस पद्य का पाठ किया गया है उसे सुननेे के लिए निम्नांकित वीडियो देखें।




महर्षि मेंहीं पदावली, शब्दार्थ, भावार्थ और टिप्पणी सहित।
महर्षि मेँहीँ पदावली.. 
अगर आप 'महर्षि मेँहीँ पदावली' पुस्तक के अन्य पद्यों के अर्थों के बारे में जानना चाहते हैं या इस पुस्तक के बारे में विशेष रूप से समझना चाहते हैं तो 

सत्संग ध्यान संतवाणी ब्लॉग की अन्य संतवाणीयों के अर्थ सहित उपलब्धता के बारे में अधिक जानकारी के लिए 👉यहाँ दवाएँ.

सद्गुरु महर्षि मेँहीँ परमहंस जी महाराज की पुस्तकें मुफ्त में पाने के लिए  शर्तों के बारे में जानने के लिए   👉  यहां दवाए

P59, How do you meditate? "सुखमन झलझल बिन्दु झलके।..." महर्षि मेंहीं पदावली अर्थ सहित। P59, How do you meditate? "सुखमन झलझल बिन्दु झलके।..." महर्षि मेंहीं पदावली अर्थ सहित। Reviewed by सत्संग ध्यान on 1/03/2020 Rating: 5

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

कृपया सत्संग ध्यान से संबंधित किसी विषय पर जानकारी या अन्य सहायता के लिए टिप्पणी करें।

Blogger द्वारा संचालित.