महर्षि मेंहीं पदावली / 94
प्रभु प्रेमियों ! संतवाणी अर्थ सहित में आज हम लोग जानेंगे- संतमत सत्संग के महान प्रचारक सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज के भारती (हिंदी) पुस्तक "महर्षि मेंहीं पदावली" जो हम संतमतानुयाइयों के लिए गुरु-गीता के समान अनमोल कृति है। इस कृति के 94वां पद्य "गुरु नाम गुरु नाम गुरु नाम जय गुरु नाम।,...' का शब्दार्थ, भावार्थ और टिप्पणी के बारे में। जिसे पूज्यपाद लालदास जी महाराज नेे किया है।
इस Santmat meditations भजन (कविता, पद्य, वाणी, छंद) "भजो भजो गुरुदेव हो भाई,..." में बताया गया है कि- गुरु नाम के जप से सभी इच्छाओं की पूर्ति होती है। इसकी विधिपूर्वक जाप की बड़ी महिमा है। गुरुनाम का जाप कैसे करना चाहिए? इन बातों के साथ-साथ निम्नलिखित प्रश्नें भी विचारनीय हैं- महर्षि मेंहीं पदावली, भजन अर्थ सहित, कुप्पाघाट का भजन,
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गुरुनाम महिमा पर चर्चा करते गुरुदेव
Guru name glory
सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज जी कहते हैं- "गुरुनाम ('गुरु' शब्द अथवा आदिगुरु परमात्मा का ध्वन्यात्मक नाम- सारशब्द) बड़ी महिमा वाला है। यह सभी इच्छाओं को पूर्ण कर देता है। इसलिए इसी का सदा भजन (जप या ध्यान) करो।....." इस विषय में पूरी जानकारी के लिए इस भजन का शब्दार्थ, भावार्थ और टिप्पणी किया गया है। उसे पढ़ें-
पदावली भजन 94 गुरुनाम महिमा भजन।
पदावली भजन 94 का शब्दार्थ भावार्थ।
पदावली भजन 94 का शेष भावार्थ और टिप्पणी।
प्रभु प्रेमियों ! संतवाणी अर्थ सहित में आज हम लोग जानेंगे- संतमत सत्संग के महान प्रचारक सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज के भारती (हिंदी) पुस्तक "महर्षि मेंहीं पदावली" जो हम संतमतानुयाइयों के लिए गुरु-गीता के समान अनमोल कृति है। इस कृति के 94वां पद्य "गुरु नाम गुरु नाम गुरु नाम जय गुरु नाम।,...' का शब्दार्थ, भावार्थ और टिप्पणी के बारे में। जिसे पूज्यपाद लालदास जी महाराज नेे किया है।
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सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज जी कहते हैं- "गुरुनाम ('गुरु' शब्द अथवा आदिगुरु परमात्मा का ध्वन्यात्मक नाम- सारशब्द) बड़ी महिमा वाला है। यह सभी इच्छाओं को पूर्ण कर देता है। इसलिए इसी का सदा भजन (जप या ध्यान) करो।....." इस विषय में पूरी जानकारी के लिए इस भजन का शब्दार्थ, भावार्थ और टिप्पणी किया गया है। उसे पढ़ें-
पदावली भजन 94 गुरुनाम महिमा भजन। |
पदावली भजन 94 का शब्दार्थ भावार्थ। |
पदावली भजन 94 का शेष भावार्थ और टिप्पणी। |
प्रभु प्रेमियों ! गुरु महाराज के भारती पुस्तक "महर्षि मेंहीं पदावली" के भजन नं. 94 का शब्दार्थ, भावार्थ और टिप्पणी के द्वारा आपने जाना कि गुरु नाम के जप से सभी इच्छाओं की पूर्ति होती है। इसकी विधिपूर्वक जाप की बड़ी महिमा है। गुरुनाम का जाप कैसे करना चाहिए? गुरु भक्ति कैसे करना चाहिए?। इतनी जानकारी के बाद भी अगर आपके मन में किसी प्रकार का शंका या कोई प्रश्न है, तो हमें कमेंट करें। इस लेख के बारे में अपने इष्ट मित्रों को भी बता दें, जिससे वे भी इससे लाभ उठा सकें। सत्संग ध्यान ब्लॉग का सदस्य बने। इससे आपको आने वाले पोस्ट की सूचना नि:शुल्क मिलती रहेगी। इस पद का पाठ किया गया है उसे सुननेे के लिए निम्नलिखित वीडियो देखें।
महर्षि मेँहीँ पदावली.. |
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P94, Guru name glory "गुरु नाम गुरु नाम गुरु नाम जय गुरु नाम,..." महर्षि मेंहीं पदावली अर्थ सहित।
Reviewed by सत्संग ध्यान
on
2/20/2020
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