नानक वाणी 39 अंतरि गुरु आराधणा || सफलता दिलानेवाले आराधना कैसे करें || भजन अर्थ सहित

 गुरु नानक साहब की वाणी / 39

प्रभु प्रेमियों ! संतमत सत्संग के महान प्रचारक सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज की भारती (हिंदी) पुस्तक "संतवाणी सटीक" एक अनमोल कृति है। इस कृति में बहुत से संतवाणीयों को एकत्रित करके सिद्ध किया गया है कि सभी संतों का एक ही मत है।  इसी हेतु सत्संग योग एवं अन्य ग्रंथों में भी संतवाणीयों का संग्रह किया गया है। जिसका शब्दार्थ, भावार्थ और टिप्पणी अन्य महापुरुषों के द्वारा किया गया हैै। यहां संतवाणी-सुधा सटीक से संत सद्गरु बाबा  श्री गुरु नानक साहब जी महाराज   की वाणी का शब्दार्थ, भावार्थ और टिप्पणी बारे मेंं जानकारी दी जाएगी। जिसे पूज्यपाद लालदास जी महाराज ने लिखा है। 


इस भजन के पहले वाले भजन ''रामा रम रामो सुनि मनु भीजै ,....'' को भावार्थ सहित पढ़ने के लिए   यहां दबाएं  


Upasna kin ki karni chahie? per charcha karte satguru Baba Nanak Sahib

Who should be worshiped in the heart?हृदय में किनकी उपासना करनी चाहिए?

सदगुरु बाबा नानक साहब जी महाराज इस भजन (कविता, गीत, भक्ति भजन, पद्य, वाणी, छंद)  में बताया है कि- हृदय में किनकी उपासना करनी चाहिए? किनका जप-ध्यान करना चाहिए? साधकों को अपनी दिनचर्या में किन बातों को महत्व देना चाहिए? किनसे प्रेम करना चाहिए? वह कौन सा तत्व है जो केवल सद्गुरु ही दे सकते हैं? सद्गुरु किनको परमात्मा का दर्शन कराते हैं?  इन बातों की जानकारी  के साथ-साथ निम्नलिखित प्रश्नों के भी कुछ-न-कुछ समाधान पायेंगे। जैसे कि- राशि नाम के अनुसार इष्ट देव उपासना, कलयुग में कौन से भगवान की पूजा करनी चाहिए, इष्टदेव का मतलब, आराध्य देव और इष्ट देव में अंतर, उपासना का अर्थ क्या है, उपासना कशी करायची, मानवता की हो उपासना का क्या अर्थ है, उपासना in English, उपासना का पर्यायवाची, इष्ट देव किसे कहते है, आत्मकारक से इष्ट देव कैसे जाने, कुंडली से इष्ट देव कैसे जाने, सिंह राशि के इष्ट देव कौन है, कन्या राशि के इष्ट देव कौन है, तुला राशि के इष्ट देव कौन है, इष्ट देवी, इष्ट का अर्थ क्या है, आदि बातें। इन Who should be worshiped in the heart?  Who should chant?  What things should the seekers give importance to in their daily routine?  Who should love  What is the element that only the Sadguru can give?  To whom does the Sadhguru show the divine प्रश्नों को जानने के लिए गुरु वाणी का शब्दार्थ, भावार्थ और टिप्पणी किया गया है; उसे पढ़ें-  


 ॥ राग गुजरी , वार सलोक , महला ५॥

( शब्द 1 )

१ ॐ सतिगुर प्रसादि


अंतरि  गुरु आराधणा ,  जिहवा  जपि गुर नाउ ॥ 
नेत्री सतिगुरु पेखणा , स्रवणी सुनणा गुर नाउ ॥ 
सतिगुर सेती रतिआ ,         दरगह पाइझै ठाउ ।। 
कहु नानक किरपा करे ,    जिसनो एह वथु देइ ॥ 
     जग महि ऊतम काढ़ीअहि ,      बिरले केई केइ ॥१ ॥

शब्दार्थ - नाउ - नाम । पेखणा देखना । स्त्रवणी- श्रवण , कान , सुरत । गुर नाउ - गुरुनाम , अनाहत शब्द । सेती से । रतिआ रति , प्रेम । दरगह दरगाह , दरबारी ठाउ - ठाँव , ठाम , स्थान । जिसनो जिसको । वधु - वस्तु । काढ़ीअहि निकालता है । केई केइ - किसी - किसी को ही । ( अन्य शब्दों की जानकारी के लिए "संतमत+मोक्ष-दर्शन का शब्दकोश" देखें ) 



भावार्थ - अपने हृदय के अंदर सद्गुरु की आराधना ( पूजा ) करो और जिह्वा से उनके नाम का अथवा उनके द्वारा दिये गये शब्द ( मंत्र ) का जप करो ॥ आँखों से सद्गुरु के दर्शन करो अथवा मन से मानस ध्यान में सद्गुरु के स्थूल रूप के दर्शन करो और कान से गुरु का नाम सुनो अथवा सुरत से गुरुनाम ( अनाहत नाद ) का श्रवण करो - ध्यान करो । यदि सद्गुरु से अत्यन्त प्रेम हो , तो भक्त परमात्मा के दरबार ( परमात्म - पद , निःशब्द ) में स्थान पाता है । गुरु नानकदेवजी महाराज कहते हैं कि जिसको सद्गुरु कृपा करके वह वस्तु ( परमात्म - तत्त्व ) देते हैं , वह संसार में सर्वोत्तम है । सद्गुरु बिरले ही को - किसी - किसी को ही संसार - सागर से निकालते हैं ॥१ ॥ 


नोट- "गुरु पूजे सब देवन पूजा.." स्वामी लक्ष्मीपति जी महाराज ने कहा है। इसलिए सभी राशियों एवंं अन्य इष्टों की उपासना गुरु पूजा से हो जाती है.


इस भजन के बाद वाले भजन  ''नानक सतिगुरु भेटियै....''   को भावार्थ सहित पढ़ने के लिए   यहां दबाएं।


प्रभु प्रेमियों ! गुरु महाराज के भारती पुस्तक "संतवाणी सटीक" के इस लेख का पाठ करके आपलोगों ने जाना कि hrday mein kinakee upaasana karanee chaahie? kinaka jap-dhyaan karana chaahie? saadhakon ko apanee dinacharya mein kin baaton ko mahatv dena chaahie? kinase prem karana chaahie? vah kaun sa tatv hai jo keval sadguru hee de sakate hain? sadguru kinako paramaatma ka darshan karaate hain?   इतनी जानकारी के बाद भी अगर आपके मन में किसी प्रकार का शंका या कोई प्रश्न है, तो हमें कमेंट करें। इस लेख के बारे में अपने इष्ट मित्रों को भी बता दें, जिससे वे भी इससे लाभ उठा सकें। सत्संग ध्यान ब्लॉग का सदस्य बने। इससे आपको आने वाले पोस्ट की सूचना नि:शुल्क मिलती रहेगी। निम्न वीडियो में उपर्युक्त लेख का पाठ करके सुनाया गया है। 




नानक वाणी भावार्थ सहित

संतवाणी-सुधा सटीक, पुस्तक, स्वामी लाल दास जी महाराज टीकाकृत
संतवाणी-सुधा सटीक
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नानक वाणी 39 अंतरि गुरु आराधणा || सफलता दिलानेवाले आराधना कैसे करें || भजन अर्थ सहित नानक वाणी 39  अंतरि  गुरु आराधणा  ||  सफलता दिलानेवाले  आराधना कैसे करें  ||  भजन अर्थ सहित Reviewed by सत्संग ध्यान on 2/19/2021 Rating: 5

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