P58, What is Drishti Yoga? "प्रथम ही धारो, गुरु को ध्यान..." महर्षि मेंहीं पदावली भजन, अर्थ सहित

महर्षि मेंहीं पदावली /58

      प्रभु प्रेमियों ! संतवाणी अर्थ सहित में आज हम लोग जानेंगे- संतमत सत्संग के महान प्रचारक सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज के भारती (हिंदी) पुस्तक "महर्षि मेंहीं पदावली" जो हम संतमतानुयाइयों के लिए गुरु-गीता के समान अनमोल कृति है। इस कृति के 58 वें पद्य -"प्रथम ही धारो, गुरु को ध्यान,.." का शब्दार्थ, भावार्थ और टिप्पणी किया गया है। जिसे पूज्यपाद संंतसेवी जी  महाराज और पूज्यपाद लालदास जी महाराज नेे किया है।
इस पद के शब्दार्थ, भावार्थ और टिप्पणी को पढ़ने के बाद यह स्पष्ट हो जाता है कि दृष्टि योग साधन क्या है? और इसे कैसे करना चाहिए

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P58, What is Drishti Yoga? "प्रथम ही धारो, गुरु को ध्यान..." महर्षि मेंहीं पदावली भजन, अर्थ सहित।दृष्टि जो क्या है? पर विचार विमर्श करते संत।
दृष्टि योग क्या है? पर विचार विमर्श करते संत

What is Drishti Yoga

  सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज जी  कहते हैं--ईश्वर भक्ति के लिए दृष्टि योग एक अत्यंत आवश्यक साधन है। उस साधन को कैसे करना चाहिए? इस पद में बताया गया है। इस विषय में पूरी जानकारी के लिए इस पद का शब्दार्थ, भावार्थ और टिप्पणी पढ़ें-

P58, What is Drishti Yoga? "प्रथम ही धारो, गुरु को ध्यान..." महर्षि मेंहीं पदावली भजन, अर्थ सहित  । संतसेवी जी महाराज द्वारा लिखित अर्थ
संतसेवी जी महाराज द्वारा लिखित अर्थ 

P58, What is Drishti Yoga? "प्रथम ही धारो, गुरु को ध्यान..." महर्षि मेंहीं पदावली भजन, अर्थ सहित, लाल दास जी महाराज द्वारा लिखित अर्थ
लालदास जी महाराज द्वारा लिखित अर्थ

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महर्षि मेंहीं पदावली के पद 58 का अर्थ
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Drishti Yog के लिए यह प्रवचन भी देखें-
      प्रभु प्रेमियों ! गुरु महाराज के भारती पुस्तक "महर्षि मेंहीं पदावली" के भजन नं. 58 का शब्दार्थ, भावार्थ और टिप्पणी के द्वारा आप ने जाना कि ईश्वर भक्ति के लिए दृष्टि योग एक अत्यंत आवश्यक साधन है। उस साधन को कैसे करना चाहिएइतनी जानकारी के बाद भी अगर आपके मन में किसी प्रकार का शंका या कोई प्रश्न है, तो हमें कमेंट करें। इस लेख के बारे में अपने इष्ट मित्रों को भी बता दें, जिससे वे भी इससे लाभ उठा सकें। सत्संग ध्यान ब्लॉग का सदस्य बने। इससे आपको आने वाले  पोस्ट की सूचना नि:शुल्क मिलती रहेगी। इस पद का गायन किया गया है उसे सुननेे के लिए निम्नलिखित वीडियो देखें।



महर्षि मेंहीं पदावली, शब्दार्थ, भावार्थ और टिप्पणी सहित।
महर्षि मेँहीँ पदावली.. 
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P58, What is Drishti Yoga? "प्रथम ही धारो, गुरु को ध्यान..." महर्षि मेंहीं पदावली भजन, अर्थ सहित P58, What is Drishti Yoga? "प्रथम ही धारो, गुरु को ध्यान..." महर्षि मेंहीं पदावली भजन, अर्थ सहित Reviewed by सत्संग ध्यान on 1/07/2019 Rating: 5

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