P63, Empirical description of meditation "सुष्मनियां में नजरिया थिर होइ।..." महर्षि मेंहीं पदावली अर्थ सहित।

महर्षि मेंहीं पदावली / 63

      प्रभु प्रेमियों ! संतवाणी अर्थ सहित में आज हम लोग जानेंगे- संतमत सत्संग के महान प्रचारक सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज के भारती (हिंदी) पुस्तक "महर्षि मेंहीं पदावली" जो हम संतमतानुयाइयों के लिए गुरु-गीता के समान अनमोल कृति है। इस कृति के 63वां पद्य  "सुष्मनियां में नजरिया थिर होइ।...'  का शब्दार्थ, भावार्थ और टिप्पणी के  बारे में। जिसे पूज्यपाद लालदास जी महाराज नेे किया है।
इस Santmat meditations भजन (कविता, पद्य, वाणी, छंद) "सुष्मनियां में नजरिया थिर होइ।..." में बताया गया है कि- पतंजली के योग दर्शन में, विवेकानंद के सहित्य में और श्रीमद्भागवतगीता में ध्यान की विधि का वर्णन है। इन वर्णनानुसार अभ्यास करने पर साधक को क्या-क्या अनुभूति होती है। इसका वर्णन सदगुरु महाराज कर रहे हैं।ध्यान के अनुभवयुक्त वर्णन, ध्यान में आध्यात्मिक अनुभव,ध्यान के खतरे,ध्यान के लक्षण,ध्यान में शरीर का हिलना,ध्यान साधना के अनुभव,ध्यान क्यों करें,योग और ध्यान के बीच अंतर,ध्यान से शक्ति,ध्यान के अनुभव निराले,ध्यान में होने वाले अनुभव, आदि बातें।


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P63, Empirical description of meditation "सुष्मनियां में नजरिया थिर होइ।..." महर्षि मेंहीं पदावली अर्थ सहित। योगाभ्यास के अनुभव पर चर्चा करते गुरुदेव।
योगाभ्यास के अनुभव पर चर्चा करते गुरुदेव



* जापानी का झेन और चीन का च्यान यह दोनों ही शब्द ध्‍यान  के अप्रभंश है। अंग्रेजी में इसे मेडिटेशन कहते हैं। 


* ध्यान शारीरिक स्तर, मानसिक स्तर, आध्यात्मिक स्तर और स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदे मंद है।
* ईश्वर की उपासना का सर्वोच्च तरीका ध्यान ही माना जाता है. बिंदु पर एकाग्र करना और उस पर टिके रहना  विंदुध्यान है।
* पतंजली के योग दर्शन में, विवेकानंद के सहित्य में और श्रीमद्भागवतगीता में ध्यान की विधि का वर्णन है। इन वर्णनानुसार अभ्यास करने पर साधक को क्या-क्या अनुभूति होती है। इसका वर्णन सदगुरु महाराज यहां कर रहे हैं। ध्यान के अनुभवयुक्त वर्णन, ध्यान में आध्यात्मिक अनुभव
* मेडिटेशन का उद्देश्य वास्तव मे कोई लाभ प्राप्त करना नहीं होना चाहिए, परंतु फिर भी इसकी सहायता से इंसान अपने उद्देश्य पर अपना ध्यान केन्द्रित करके अपने लक्ष्य की प्राप्ति कर सकता है।
* ध्यान अभ्यास शुरू करने के पहले किसी सच्चे गुरु से दीक्षा लेना अति आवश्यक है। नहीं तो इसमें कई तरह के नुकसान हो सकते हैं?

Empirical description of meditation


सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज जी  कहते हैं- "सुखमन (आज्ञाचक्रकेंद्रबिंदु) में दोनों आंखों की सम्मिलित दृष्टि-धार के स्थिर हो जाने पर तीसरे तिल (सुखमन-- आज्ञाचक्रकेंद्रबिंदु) का ज्योतिर्मय बिंदु अथवा तिल के समान बहुत छोटा ज्योतिर्मय बिंदु दिखाई पड़ने लग जाता है।....." इस विषय में पूरी जानकारी के लिए इस भजन का शब्दार्थ, भावार्थ और टिप्पणी किया गया है। उसे पढ़ें-
P63, Empirical description of meditation "सुष्मनियां में नजरिया थिर होइ।..." महर्षि मेंहीं पदावली अर्थ सहित। महर्षि मेंहीं पदावली भजन नंबर 63।
महर्षि मेंहीं पदावली भजन नंबर 63।

P63, Empirical description of meditation "सुष्मनियां में नजरिया थिर होइ।..." महर्षि मेंहीं पदावली अर्थ सहित। पदावली भजन 63 और शब्दार्थ, भावार्थ। योगाभ्यास के अनुभव।
पदावली भजन 63 और शब्दार्थ, भावार्थ। योगाभ्यास के अनुभव।

P63, Empirical description of meditation "सुष्मनियां में नजरिया थिर होइ।..." महर्षि मेंहीं पदावली अर्थ सहित। पदावली भजन 63 का शब्दार्थ, भावार्थ और टिप्पणी समाप्त।
पदावली भजन 63 का शब्दार्थ, भावार्थ और टिप्पणी समाप्त।

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प्रभु प्रेमियों !  "महर्षि मेंहीं पदावली शब्दार्थ, भावार्थ और टिप्पणी सहित" नामक पुस्तक  से इस भजन के शब्दार्थ, भावार्थ और टिप्पणी का पाठ द्वारा जाना कि Experiences during meditation, I have experiences during Meditation, 5 Signs You Went Deep Into Meditation, 4 Things Learned From 84 Years of Meditation इतनी जानकारी के बाद भी अगर आपके मन में किसी प्रकार का शंका या कोई प्रश्न है, तो हमें कमेंट करें। इस लेख के बारे में अपने इष्ट-मित्रों को भी बता दें, जिससे वे भी इससे लाभ उठा सकें। सत्संग ध्यान ब्लॉग का सदस्य बने। इससे आपको आने वाले  पोस्ट की सूचना नि:शुल्क मिलती रहेगी। इस पद का पाठ किया गया है उसे सुननेे के लिए निम्नलिखित वीडियो देखें।



महर्षि मेंहीं पदावली, शब्दार्थ, भावार्थ और टिप्पणी सहित।
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P63, Empirical description of meditation "सुष्मनियां में नजरिया थिर होइ।..." महर्षि मेंहीं पदावली अर्थ सहित। P63, Empirical description of meditation "सुष्मनियां में नजरिया थिर होइ।..." महर्षि मेंहीं पदावली अर्थ सहित। Reviewed by सत्संग ध्यान on 1/06/2020 Rating: 5

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