P118, How to practice meditation "सूरत सम्हारो अधर चढ़ाओ,..." महर्षि मेंहीं पदावली अर्थ सहित।

महर्षि मेंहीं पदावली / 118

प्रभु प्रेमियों ! संतवाणी अर्थ सहित में आज हम लोग जानेंगे- संतमत सत्संग के महान प्रचारक सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज के भारती (हिंदी) पुस्तक "महर्षि मेंहीं पदावली" जो हम संतमतानुयाइयों के लिए गुरु-गीता के समान अनमोल कृति है। इस कृति के 118वां पद्य  "सूरत सम्हारो अधर चढ़ाओ,....''  का शब्दार्थ, भावार्थ और टिप्पणी के  बारे में। जिसे  पूज्यपाद लालदास जी महाराज,  पूज्यपाद संतसेवी जी महाराज और  पूज्यपाद श्रीधर दास जी महाराज नेे किया है।
इस Santmat meditations भजन (कविता, पद्य, वाणी, छंद) "सूरत सम्हारो अधर चढ़ाओ,..." में बताया गया है कि- ईश्वर, परमात्मा या गॉड का भजन या ध्यान कैसे किया जा सकता है? इसकी प्रमाणिक विधि क्या है? इत्यादि बातों के साथ-साथ निम्नलिखित प्रश्नें भी विचारनीय हैं- भजन अर्थ सहित, कुप्पाघाट का भजन, सूरत सम्हारो अधर चढ़ाओ, ध्यान अभ्यास कैसे करें,ध्यान कैसे करना है,मेडिटेशन कब करना चाहिए,ध्यान आसन क्या है,मैडिटेशन का मतलब क्या होता है,भगवान का ध्यान कैसे करें,ध्यान केंद्रित कैसे करें,ध्यान साधना कैसे करे,परमात्मा का ध्यान कैसे करें,ध्यान कैसे करें महर्षि मेंहीं,ध्यान साधना विधि,ध्यान केंद्रित करना,मेडिटेशन कैसे करें।

इस पद्य के  पहले वाले पद्य को पढ़ने के लिए  
यहां दबाएं।

P118, How to practice meditation "सूरत सम्हारो अधर चढ़ाओ,..." महर्षि मेंहीं पदावली अर्थ सहित।ध्यानाभ्यास कैसे करें? पर चर्चा करते गुरुदेव।
ध्यानाभ्यास कैसे करें? पर चर्चा करते गुरुदेव

How to practice meditation
सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज जी  कहते हैं- "शरीर और इंद्रिय-घाटों में बिखरी हुई चेतन-धारों को दृष्टियोग-अभ्यास के द्वारा आज्ञाचक्रकेंद्रबिंदु में समेटकर ब्रह्मांड में चढ़ाओ और झिलमिलाती हुई ज्योति को देखो।...." इस विषय में पूरी जानकारी के लिए इस भजन का शब्दार्थ, भावार्थ और टिप्पणी किया गया है। उसे पढ़ें-

P118, How to practice meditation "सूरत सम्हारो अधर चढ़ाओ,..." महर्षि मेंहीं पदावली अर्थ सहित। पदावली भजन 118 और शब्दार्थ भावार्थ व टिप्पणी।
पदावली भजन 118 और शब्दार्थ, भावार्थ व टिप्पणी।

P118, How to practice meditation "सूरत सम्हारो अधर चढ़ाओ,..." महर्षि मेंहीं पदावली अर्थ सहित। ध्यान अभ्यास का शुरुआत कैसे करें?
ध्यान अभ्यास का शुरुआत कैसे करें?

P118, How to practice meditation "सूरत सम्हारो अधर चढ़ाओ,..." महर्षि मेंहीं पदावली अर्थ सहित। ध्यान अभ्यास का शुरुआत का शेष।
ध्यान अभ्यास का शुरुआत का शेष।

P118, How to practice meditation "सूरत सम्हारो अधर चढ़ाओ,..." महर्षि मेंहीं पदावली अर्थ सहित। पदावली भजन 118 का पद्यार्थ।
पदावली भजन 118 और पद्यार्थ।

इस भजन के  बाद वाले पद्य को पढ़ने के लिए    यहां दबाएं।

प्रभु प्रेमियों ! गुरु महाराज के भारती पुस्तक "महर्षि मेंहीं पदावली" के भजन नं. 118 का शब्दार्थ, भावार्थ और टिप्पणी के द्वारा आपने जाना कि ईश्वर, परमात्मा या गॉड का भजन या ध्यान कैसे किया जा सकता है? इसकी प्रमाणिक विधि क्या है? इतनी जानकारी के बाद भी अगर आपके मन में किसी प्रकार का शंका या कोई प्रश्न है, तो हमें कमेंट करें। इस लेख के बारे में अपने इष्ट मित्रों को भी बता दें, जिससे वे भी इससे लाभ उठा सकें। सत्संग ध्यान ब्लॉग का सदस्य बने। इससे आपको आने वाले  पोस्ट की सूचना नि:शुल्क मिलती रहेगी। इस पद का पाठ किया गया है उसे सुननेे के लिए निम्नलिखित वीडियो देखें।  




महर्षि मेंहीं पदावली, शब्दार्थ, भावार्थ और टिप्पणी सहित।
महर्षि मेँहीँ पदावली.. 
अगर आप 'महर्षि मेँहीँ पदावली' पुस्तक के अन्य पद्यों के अर्थों के बारे में जानना चाहते हैं या इस पुस्तक के बारे में विशेष रूप से समझना चाहते हैं तो 

सत्संग ध्यान संतवाणी ब्लॉग की अन्य संतवाणीयों के अर्थ सहित उपलब्धता के बारे में अधिक जानकारी के लिए 👉यहाँ दवाएँ.

सद्गुरु महर्षि मेँहीँ परमहंस जी महाराज की पुस्तकें मुफ्त में पाने के लिए  शर्तों के बारे में जानने के लिए   👉  यहां दवाए
---×---
P118, How to practice meditation "सूरत सम्हारो अधर चढ़ाओ,..." महर्षि मेंहीं पदावली अर्थ सहित। P118, How to practice meditation "सूरत सम्हारो अधर चढ़ाओ,..." महर्षि मेंहीं पदावली अर्थ सहित। Reviewed by सत्संग ध्यान on 3/02/2020 Rating: 5

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

कृपया सत्संग ध्यान से संबंधित किसी विषय पर जानकारी या अन्य सहायता के लिए टिप्पणी करें।

Blogger द्वारा संचालित.