महर्षि मेंहीं पदावली / 120
प्रभु प्रेमियों ! संतवाणी अर्थ सहित में आज हम लोग जानेंगे- संतमत सत्संग के महान प्रचारक सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज के भारती (हिंदी) पुस्तक "महर्षि मेंहीं पदावली" जो हम संतमतानुयाइयों के लिए गुरु-गीता के समान अनमोल कृति है। इस कृति के 120वां पद्य "क्या सोवत गफलत के मारे,....'' का शब्दार्थ, भावार्थ और टिप्पणी के बारे में। जिसे पूज्यपाद लालदास जी महाराज, पूज्यपाद संतसेवी जी महाराज और पूज्यपाद श्रीधर दास जी महाराज नेे किया है।
इस Santmat Warning भजन (कविता, पद्य, वाणी, छंद) "क्या सोवत गफलत के मारे,..." में बताया गया है कि- मन मुखी जीव आलस्य और असावधानी में माया के बस में पड़ा रहता है, इससे छूटाने के लिए गुरु उपदेश करते हैं और चेताते हैं। इत्यादि बातों के साथ-साथ निम्नलिखित प्रश्नें भी विचारनीय हैं- भजन अर्थ सहित, कुप्पाघाट का भजन, क्या सोवत गफलत के मारे,चेतावनी भजन, प्रभाती भजन,चेतावनी भजन हिंदी में, चेतावनी भजन वीडियो में,चेतावनी भजन कीर्तन,चेतावनी भजन महर्षि मेंहीं,चेतावनी भजन डाउनलोड,चेतावनी भजन चेतावनी,चेतावनी भजन mehi digital,चेतावनी भजन हिंदी लिरिक्स,चेतावनी भजन लिरिक्स,चेतावनी भजन लोगों ने यह भी खोजा,चेतावनी के भजन,चेतावनी भजन : सतसंग भजन, जीव।
इस पद्य के पहले वाले पद्य को पढ़ने के लिए
यहां दबाएं।भक्तों को चेताते हुए गुरुदेव। |
Warning hymns।। Prabhati
सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज जी कहते हैं- "हे मेरे मन या जीवात्मा! आलस्य-असावधानी (तमोगुण) के वशीभूत होकर तुम संसार में अज्ञानता की निद्रा में क्या सोए हुए हो! अब मनुष्य जन्म रूपी सवेरा हो गया है, इसलिए अज्ञानता की नींद से शीघ्र जगो।...." इस विषय में पूरी जानकारी के लिए इस भजन का शब्दार्थ, भावार्थ और टिप्पणी किया गया है। उसे पढ़ें-
पदावली भजन 120 और शब्दार्थ भावार्थ। |
पदावली भजन 120 का टिप्पणी। |
पूज्यपाद संतसेवीजी महाराज द्वारा किया गया ठीका-
पदावली का चेतावनी भजन। |
चेतावनी भजन अर्थ सहित। |
पदावली का प्रभाती भजन। |
इस भजन के बाद वाले पद्य को पढ़ने के लिए यहां दबाएं।
प्रभु प्रेमियों ! गुरु महाराज के भारती पुस्तक "महर्षि मेंहीं पदावली" के भजन नं. 120 का शब्दार्थ, भावार्थ और टिप्पणी के द्वारा आपने जाना कि मन मुखी जीव आलस्य और असावधानी में माया के बस में पड़ा रहता है, इससे छूटाने के लिए गुरु उपदेश करते हैं और चेताते हैं। इतनी जानकारी के बाद भी अगर आपके मन में किसी प्रकार का शंका या कोई प्रश्न है, तो हमें कमेंट करें। इस लेख के बारे में अपने इष्ट मित्रों को भी बता दें, जिससे वे भी इससे लाभ उठा सकें। सत्संग ध्यान ब्लॉग का सदस्य बने। इससे आपको आने वाले पोस्ट की सूचना नि:शुल्क मिलती रहेगी। इस पद का पाठ किया गया है उसे सुननेे के लिए निम्नलिखित वीडियो देखें।
महर्षि मेँहीँ पदावली.. |
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P120, Warning hymns।। Prabhati।। "क्या सोवत गफलत के मारे,..."।। महर्षि मेंहीं पदावली अर्थ सहित।।
Reviewed by सत्संग ध्यान
on
3/03/2020
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