Ad1

Ad2

गो.तुलसी दास 01, The process of making man, "लाभ कहां मानुष तन पाये..." चेतावनी भजन, भावार्थ सहित

गो. तुलसीदास जी की वाणी / 01

प्रभु प्रेमियों ! संतमत सत्संग के महान प्रचारक सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज के भारती (हिंदी) पुस्तक "संतवाणी सटीक" से गोस्वामी तुलसीदास जी महाराज की वाणी "लाभ कहां मांनुस तन पाए'..' भजन का शब्दार्थ, भावार्थ और टिप्पणी पढेंगे। जिसे पूज्यपाद लालदास जी महाराज ने लिखा है। इसमें बताया गया है कि मनुष्य बार-बार जन्मने-मरने का दुख भी भूल जाता है। संत लोग बताते हैं कि मनुष्य जन्म अनमोल है। jeevan ki visheshta,क्या है। मनुष्य बनाने की विधि,मनुष्य बनाने की अध्यात्मिक क्रिया, मनुष्य बनाने की प्रक्रिया, मनुष्य में मनुष्यता बनाने की विधि, क्या है? 

गो.तुलसी दास 01,  The process of making man, "लाभ कहां मानुष तन पाये..." चेतावनी भजन, भावार्थ सहित। गोस्वामी जी महाराज पद्य लिखते हुए
गोस्वामी जी महाराज पद लिखते हुए

लाभ कहां मांनुस तन पाए The process of making man
    'लाभ कहां मानुष तन पाये' पद्य का भावार्थ है- मनुष्य बार-बार जन्मने-मरने का दुख भोगने के बाद भी भूल जाता है। भूल जाता है कि हमें देव दुर्लभ मनुष्य शरीर मिला हुआ है ।  इसका सही सदुपयोग भगवान का भजन करके मोक्ष प्राप्त करने में हैं, ना कि विषयों के साज-समार करने में, अगर इसी में लगा रहा, The process of making man नहीं किया तो मनुष्य शरीर से क्या फायदा उठाया? इस देव दुर्लभ शरीर से क्या फायदा उठाया? इसका क्या सदुपयोग किया?आइए गोस्वामी तुलसीदास जी महाराज के वचनों में पढ़ें-
गो.तुलसी दास 01,  The process of making man, "लाभ कहां मानुष तन पाये..." चेतावनी भजन, भावार्थ सहित। गोस्वामी तुलसीदास जी महाराज की वाणी अर्थ सहित
गोस्वामी तुलसीदास जी महाराज की वाणी अर्थ सहित

     प्रभु प्रेमियों ! गुरु महाराज के भारती पुस्तक "संतवाणी सटीक" के इस लेख का पाठ करके आपलोगों ने जाना कि   'लाभ कहां मांनुस तन पाए' मनुष्य शरीर पाने का असली लाभ क्या है । इतनी जानकारी के बाद भी अगर आपके मन में किसी प्रकार का शंका या कोई प्रश्न है, तो हमें कमेंट करें। इस लेख के बारे में अपने इष्ट मित्रों को भी बता दें, जिससे वे भी इससे लाभ उठा सकें। सत्संग ध्यान ब्लॉग का सदस्य बने। इससे आपको आने वाले  पोस्ट की सूचना नि:शुल्क मिलती रहेगी।


     अगर आप 'संतवाणी सटीक' पुस्तक से संत भीखा साहब अन्य पद्यों के अर्थों के बारे में जानना चाहते हैं या इस पुस्तक के बारे में विशेष रूप से जानना चाहते हैं तो    

गुरु महाराज की सभी पुस्तकों के लिए यहां दवाएं


गो.तुलसी दास 01, The process of making man, "लाभ कहां मानुष तन पाये..." चेतावनी भजन, भावार्थ सहित गो.तुलसी दास 01,  The process of making man, "लाभ कहां मानुष तन पाये..." चेतावनी भजन, भावार्थ सहित Reviewed by सत्संग ध्यान on 9/04/2018 Rating: 5

कोई टिप्पणी नहीं:

कृपया सत्संग ध्यान से संबंधित किसी विषय पर जानकारी या अन्य सहायता के लिए टिप्पणी करें।

Ads 5

Blogger द्वारा संचालित.