P39, Visiting God with Dristiyog and nadanushandhan 'प्रभु तोही कैसे देखन पाऊं,...' महर्षि मेंहीं पदावली भजन अर्थ सहित
महर्षि मेंहीं पदावली /39
प्रभु प्रेमियों ! संतमत के महान प्रचारक पूज्यपाद सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज की (हिंदी) भारती पुस्तक 'महर्षि मेंही पदावली' हम संतमतानुयाईयों के लिए गुरु-गीता के समान अनमोल कृति है। इस कृति के 39 वें भजन-'प्रभु तोही कैसे देखन पाऊं,...' पद्य का शब्दार्थ, भावार्थ और टिप्पणी किया गया है। जिसे पूंज्यपाद संतसेवी जी महाराज और पूज्यपाद लालदास जी महाराज नेे किया है।
इस God भजन (कविता, पद्य, वाणी, छंद, भजन) 'प्रभु तोही कैसे देखन पाऊं,...' में बताया गया है कि- दृष्टियोग की क्रियाा कैसे करना चाहिए।आत्मा परमात्मा का रहस्य,आत्मा और परमात्मा का मिलन संयोग,आत्मा और परमात्मा का मिलन कैसे होता है,आत्मा और परमात्मा के बीच का अंतर,परमात्मा कहा है,परमात्मा का अर्थ,आत्मा परमात्मा की एकता का सिद्धांत,परमात्मा कौन है,परमात्मा का नाम,परमात्मा को परिभाषित करो,आत्मा का परमात्मा से मिलन कैसे होता है,परमात्मा की प्राप्ति, आदि।
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इस God भजन (कविता, पद्य, वाणी, छंद, भजन) 'प्रभु तोही कैसे देखन पाऊं,...' में बताया गया है कि- दृष्टियोग की क्रियाा कैसे करना चाहिए।आत्मा परमात्मा का रहस्य,आत्मा और परमात्मा का मिलन संयोग,आत्मा और परमात्मा का मिलन कैसे होता है,आत्मा और परमात्मा के बीच का अंतर,परमात्मा कहा है,परमात्मा का अर्थ,आत्मा परमात्मा की एकता का सिद्धांत,परमात्मा कौन है,परमात्मा का नाम,परमात्मा को परिभाषित करो,आत्मा का परमात्मा से मिलन कैसे होता है,परमात्मा की प्राप्ति, आदि।
इस पद्य के पहले वाले पद्य को पढ़ने के लिए
Visiting God with Dristiyog and Nadanushandhan
सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज कहते हैं कि ईश्वर का दर्शन कैसे किया जा सकता है? इस विषय में अपने इस भजन में उन्होंने बहुत ही अच्छा वर्णन किया हैं।.How to see God? 'प्रभु तोही कैसे देखन पाऊं,.... को अच्छी तरह समझने के लिए इस भजन का शब्दार्थ, भावार्थ और टिप्पणी पढ़ के हम लोग जानेंगे कि ईश्वर को कैसे देख सकते हैं? निम्न चित्र में पहलेेेे पूज्यपाद संतसेवी जी महाराज द्वारा किया गया शब्दार्थ, भावार्थ है और लास्ट चित्र में पूज्यपाद लाल दास जी महाराज द्वारा किया गया शब्दार्थ, भावार्थ और टिप्पणी है।
पदावली भजन 39, आचार्य संतसेवी द्वारा किया गया शब्दार्थ पदार्थ। |
पदावली भजन 39 लालदास द्वारा किया गया शब्दार्थ भावार्थ टिप्पणी |
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प्रभु प्रेमियों ! "महर्षि मेंहीं पदावली शब्दार्थ, भावार्थ और टिप्पणी सहित" नामक पुस्तक से इस भजन के शब्दार्थ, भावार्थ और टिप्पणी द्वारा आपने आत्मा परमात्मा का रहस्य,आत्मा और परमात्मा का मिलन संयोग,आत्मा और परमात्मा का मिलन कैसे होता है, इतनी जानकारी के बाद भी अगर आपके मन में किसी प्रकार का शंका या कोई प्रश्न है, तो हमें कमेंट करें। इस लेख के बारे में अपने इष्ट-मित्रों को भी बता दें, जिससे वे भी इससे लाभ उठा सकें। सत्संग ध्यान ब्लॉग का सदस्य बने। इससे आपको आने वाले पोस्ट की सूचना नि:शुल्क मिलती रहेगी। इस पद्य का पाठ किया गया है उसे सुननेे के लिए निम्नलिखित वीडियो देखें।
महर्षि मेँहीँ पदावली.. |
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P39, Visiting God with Dristiyog and nadanushandhan 'प्रभु तोही कैसे देखन पाऊं,...' महर्षि मेंहीं पदावली भजन अर्थ सहित
Reviewed by सत्संग ध्यान
on
11/19/2018
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