Ad1

Ad2

P136, Easy way to avoid kaal, "गुरु हरि चरण में प्रीती हो...' महर्षि मेंहीं पदावली भजन अर्थ सहित

महर्षि मेंहीं पदावली / 136   

      प्रभु प्रेमियों ! संतवाणी अर्थ सहित में आज हम लोग जानेंगे- संतमत सत्संग के महान प्रचारक सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज के भारती (हिंदी) पुस्तक "महर्षि मेंहीं पदावली" जो हम संतमतानुयाइयों के लिए गुरु-गीता के समान अनमोल कृति है। इस कृति के 136 वें पद्य  "गुरु हरि चरण में प्रीती हो....''  का शब्दार्थ, भावार्थ और टिप्पणी के  बारे में। जिसे  पूज्यपाद लालदास जी महाराज,  पूज्यपाद संतसेवी जी महाराज और  पूज्यपाद श्रीधर दास जी महाराज नेे किया है।
इस Santmat Warning भजन (कविता, पद्य, वाणी, छंद) "गुरु हरि चरण में प्रीती हो.,..." में बताया गया है कि- काल से बचने का उपाय, सांसारिक दुखों से बचने का उपाय, सच्चा वैरागी होने का उपाय, कामदेव से बचने का उपाय, भक्ति में सफलता प्राप्त करने के उपाय, पापों से बचने का उपाय और अमित ज्ञानी होने का उपाय आदि।

इस भजन के पहले वाले पद्य को पढ़ने के लिए    यहां दबाएं।

P136, Easy way to avoid kaal, "गुरु हरि चरण में प्रीती हो...' महर्षि मेंहीं पदावली भजन अर्थ सहित। काल से बचने का उपाय पर चर्चा करते गुरुदेव।
काल से बचने का उपाय पर चर्चा करते गुरुदेव।


Easy way to avoid kaal, 

सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज जी  कहते हैं- कि ‌कछुवी की दृष्टि की तरह जिन भक्तों की सूरत सद्गुरु रूपी हरि के चरणों में लगी रहती है, उसका काल कुछ भी नहीं बिगाड़ सकता । अर्थात  काल के बुरे प्रभाव उसको प्रभावित नहीं कर सकता।.Easy way to avoid kaal, "गुरु हरि चरण में प्रीती हो. इस विषय में पूरी जानकारी के लिए इस पद का शब्दार्थ, भावार्थ और टिप्पणी किया गया है । उसे  पढ़े-
पूज्यपाद लाल दास जी महाराज द्वारा किया गया टीका-
P136, Easy way to avoid kaal, "गुरु हरि चरण में प्रीती हो...' महर्षि मेंहीं पदावली भजन अर्थ सहित। पदावली भजन नंबर 136 और शब्दार्थ।
पदावली भजन 136 और शब्दार्थ।

P136, Easy way to avoid kaal, "गुरु हरि चरण में प्रीती हो...' महर्षि मेंहीं पदावली भजन अर्थ सहित। पदावली भजन नंबर 136 का भावार्थ और टिप्पणी।
पदावली भजन नंबर 136  काभावार्थ और टिप्पणी

P136, Easy way to avoid kaal, "गुरु हरि चरण में प्रीती हो...' महर्षि मेंहीं पदावली भजन अर्थ सहित। पदावली भजन नंबर 136 का शेष टिप्पणी।
पदावली भजन नंबर 136 का शेष टिप्पणी।

पूज्यपाद संतसेवी जी महाराज द्वारा किया गया टीका-
P136, Easy way to avoid kaal, "गुरु हरि चरण में प्रीती हो...' महर्षि मेंहीं पदावली भजन अर्थ सहित। काल से बचाने वाला भजन।
काल से बचाने वाला भजन।

P136, Easy way to avoid kaal, "गुरु हरि चरण में प्रीती हो...' महर्षि मेंहीं पदावली भजन अर्थ सहित। काल से बचाने वाला कौन है?
काल से बचाने वाला कौन है?

P136, Easy way to avoid kaal, "गुरु हरि चरण में प्रीती हो...' महर्षि मेंहीं पदावली भजन अर्थ सहित। काल का भी काल कौन है?
काल का भी काल कौन है?
 पूज्यपाद श्रीधर दासजी महाराज द्वारा किया गया टीका-
P136, Easy way to avoid kaal, "गुरु हरि चरण में प्रीती हो...' महर्षि मेंहीं पदावली भजन अर्थ सहित। युग और काल धर्म क्या है?
युग और काल धर्म क्या है?

P136, Easy way to avoid kaal, "गुरु हरि चरण में प्रीती हो...' महर्षि मेंहीं पदावली भजन अर्थ सहित। काल और संत।
काल और संत।

P136, Easy way to avoid kaal, "गुरु हरि चरण में प्रीती हो...' महर्षि मेंहीं पदावली भजन अर्थ सहित। गुरु सेवक और काल।
गुरु सेवक और काल।

इस भजन के  बाद वाले पद्य को पढ़ने के लिए    यहां दबाएं।

प्रभु प्रेमियों !  "महर्षि मेंहीं पदावली शब्दार्थ, भावार्थ और टिप्पणी सहित" नामक पुस्तक  से इस भजन के शब्दार्थ, भावार्थ और टिप्पणी द्वारा आपने जाना कि काल से बचने का उपाय, सांसारिक दुखों से बचने का उपाय है गुरु के चरणों में अटूट प्रेम होना इतनी जानकारी के बाद भी अगर आपके मन में किसी प्रकार का शंका या कोई प्रश्न है, तो हमें कमेंट करें। इस लेख के बारे में अपने इष्ट-मित्रों को भी बता दें, जिससे वे भी इससे लाभ उठा सकें। सत्संग ध्यान ब्लॉग का सदस्य बने। इससे आपको आने वाले  पोस्ट की सूचना नि:शुल्क मिलती रहेगी। इस पद्य का पाठ किया गया है उसे सुननेे के लिए निम्नांकित वीडियो देखें।



महर्षि मेंहीं पदावली, शब्दार्थ, भावार्थ और टिप्पणी सहित।
महर्षि मेँहीँ पदावली.. 
अगर आप 'महर्षि मेँहीँ पदावली' पुस्तक के अन्य पद्यों के अर्थों के बारे में जानना चाहते हैं या इस पुस्तक के बारे में विशेष रूप से समझना चाहते हैं तो 

सत्संग ध्यान संतवाणी ब्लॉग की अन्य संतवाणीयों के अर्थ सहित उपलब्धता के बारे में अधिक जानकारी के लिए 👉यहाँ दवाएँ.

सद्गुरु महर्षि मेँहीँ परमहंस जी महाराज की पुस्तकें मुफ्त में पाने के लिए  शर्तों के बारे में जानने के लिए   👉  यहां दवाए

P136, Easy way to avoid kaal, "गुरु हरि चरण में प्रीती हो...' महर्षि मेंहीं पदावली भजन अर्थ सहित P136, Easy way to avoid kaal, "गुरु हरि चरण में प्रीती हो...' महर्षि मेंहीं पदावली भजन अर्थ सहित Reviewed by सत्संग ध्यान on 6/27/2019 Rating: 5

कोई टिप्पणी नहीं:

कृपया सत्संग ध्यान से संबंधित किसी विषय पर जानकारी या अन्य सहायता के लिए टिप्पणी करें।

Ads 5

Blogger द्वारा संचालित.