P47, (ख) Surat-Shabd-Yoga and Santmat meditations "सुनिये सकल जगत के वासी।..." महर्षि मेंहीं पदावली अर्थ सहित।
महर्षि मेंहीं पदावली / 47
प्रभु प्रेमियों ! संतवाणी अर्थ सहित में आज हम लोग जानेंगे- संतमत सत्संग के महान प्रचारक सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज के भारती (हिंदी) पुस्तक "महर्षि मेंहीं पदावली" जो हम संतमतानुयाइयों के लिए गुरु-गीता के समान अनमोल कृति है। इस कृति के 47वां पद्य "सुनिये सकल जगत के वासी।।...' का शब्दार्थ, भावार्थ और टिप्पणी के बारे में। जिसे पूज्यपाद लालदास जी महाराज नेे किया है।
इस Santmat God भजन (कविता, पद्य, वाणी, छंद) "सुनिये सकल जगत के वासी।..." में बताया गया है कि- सूरत शब्द योग में पाँच ब्रह्म और पाँच शब्द,सुरति शब्द योग या सुरत शब्द मार्ग या सुरति शब्द,शब्द साधना, सुरत-शब्द-योग,ध्यान योग के प्रकार,ध्यान योग कैसे करे,योग एवं ध्यान की व्याख्या करें,ध्यान के प्रकारों की व्याख्या करें,ध्यान क्रिया,योग ध्यान से आपका क्या तात्पर्य है,ध्यान योग के फायदे,मनोविज्ञान में ध्यान के प्रकार,ध्यान को परिभाषित,ध्यान का महत्व,ध्यान की परिभाषा,ध्यान साधना,ध्यान और योग में क्या अंतर है,ध्यान करने के नियम और सावधानियां, meditation benefits,ध्यान कैसे लगायें,ध्यान तकनीक क्या है, आदि।
प्रभु प्रेमियों ! संतवाणी अर्थ सहित में आज हम लोग जानेंगे- संतमत सत्संग के महान प्रचारक सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज के भारती (हिंदी) पुस्तक "महर्षि मेंहीं पदावली" जो हम संतमतानुयाइयों के लिए गुरु-गीता के समान अनमोल कृति है। इस कृति के 47वां पद्य "सुनिये सकल जगत के वासी।।...' का शब्दार्थ, भावार्थ और टिप्पणी के बारे में। जिसे पूज्यपाद लालदास जी महाराज नेे किया है।
इस Santmat God भजन (कविता, पद्य, वाणी, छंद) "सुनिये सकल जगत के वासी।..." में बताया गया है कि- सूरत शब्द योग में पाँच ब्रह्म और पाँच शब्द,सुरति शब्द योग या सुरत शब्द मार्ग या सुरति शब्द,शब्द साधना, सुरत-शब्द-योग,ध्यान योग के प्रकार,ध्यान योग कैसे करे,योग एवं ध्यान की व्याख्या करें,ध्यान के प्रकारों की व्याख्या करें,ध्यान क्रिया,योग ध्यान से आपका क्या तात्पर्य है,ध्यान योग के फायदे,मनोविज्ञान में ध्यान के प्रकार,ध्यान को परिभाषित,ध्यान का महत्व,ध्यान की परिभाषा,ध्यान साधना,ध्यान और योग में क्या अंतर है,ध्यान करने के नियम और सावधानियां, meditation benefits,ध्यान कैसे लगायें,ध्यान तकनीक क्या है, आदि।
Surat-Shabd-Yoga and Santmat meditations
सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज जी कहते हैं- "हे समस्त संसार में निवास करने वाले मनुष्यों! मेरी बात ध्यान देकर सुनो। यह सारा संसार और इसमें रहनेवाले सभी प्राणी नाशवान् हैं। हे भाइयों ! यह संसार आकाश में ऊपर उठते हुए धुएं से बनने वाले महल की तरह नाशवान है; यह बड़े भारी भ्रम (मिथ्या ज्ञान) में भी डाल रखने वाला है।......." इस विषय में पूरी जानकारी के लिए इस भजन का शब्दार्थ, भावार्थ और टिप्पणी किया गया है। उसे पढ़ने के लिए
पदावली भजन 47 का भावार्थ। संतमत की बातें।
पदावली भजन 47 का भावार्थ। भोजन की व्यवस्था।
पदावली भजन 47 का भावार्थ और टिप्पणी। साधकों के परहेज
पदावली भजन 47 का टिप्पणियां। परमात्मा और लोकों का वर्णन।
पदावली भजन 47 की टिप्पणियां। गुरु सेवा का महत्व
इस भजन के बाद वाले पद्य को पढ़ने के लिए यहां दबाएं।
प्रभु प्रेमियों ! "महर्षि मेंहीं पदावली शब्दार्थ, भावार्थ और टिप्पणी सहित" नामक पुस्तक से इस भजन के शब्दार्थ, भावार्थ और टिप्पणी द्वारा आपने How do you meditate for the first time?What is the use of meditation?How do you clear your mind?What to think about while meditating इतनी जानकारी के बाद भी अगर आपके मन में किसी प्रकार का शंका या कोई प्रश्न है, तो हमें कमेंट करें। इस लेख के बारे में अपने इष्ट-मित्रों को भी बता दें, जिससे वे भी इससे लाभ उठा सकें। सत्संग ध्यान ब्लॉग का सदस्य बने। इससे आपको आने वाले पोस्ट की सूचना नि:शुल्क मिलती रहेगी। इस पद्य का पाठ किया गया है उसे सुननेे के लिए निम्नलिखित वीडियो देखें।
अगर आप 'महर्षि मेंहीं पदावली' पुस्तक के अन्य पद्यों के अर्थों के बारे में जानना चाहते हैं या इस पुस्तक के बारे में विशेष रूप से जानना चाहते हैं तो यहां दबाएं।
गुरु महाराज की सभी पुस्तकों एवं संतमत से प्रकाशित अन्य पुस्तकें एवं सत्संग ध्यान से संबंधित अन्य सामग्री के लिए हमारे सत्संग ध्यान ऑनलाइन स्टोर पर पधारने के लिए यहां दबाएं।
सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज जी कहते हैं- "हे समस्त संसार में निवास करने वाले मनुष्यों! मेरी बात ध्यान देकर सुनो। यह सारा संसार और इसमें रहनेवाले सभी प्राणी नाशवान् हैं। हे भाइयों ! यह संसार आकाश में ऊपर उठते हुए धुएं से बनने वाले महल की तरह नाशवान है; यह बड़े भारी भ्रम (मिथ्या ज्ञान) में भी डाल रखने वाला है।......." इस विषय में पूरी जानकारी के लिए इस भजन का शब्दार्थ, भावार्थ और टिप्पणी किया गया है। उसे पढ़ने के लिए
पदावली भजन 47 का भावार्थ। संतमत की बातें। |
पदावली भजन 47 का भावार्थ। भोजन की व्यवस्था। |
पदावली भजन 47 का भावार्थ और टिप्पणी। साधकों के परहेज |
पदावली भजन 47 का टिप्पणियां। परमात्मा और लोकों का वर्णन। |
पदावली भजन 47 की टिप्पणियां। गुरु सेवा का महत्व |
इस भजन के बाद वाले पद्य को पढ़ने के लिए यहां दबाएं।
प्रभु प्रेमियों ! "महर्षि मेंहीं पदावली शब्दार्थ, भावार्थ और टिप्पणी सहित" नामक पुस्तक से इस भजन के शब्दार्थ, भावार्थ और टिप्पणी द्वारा आपने How do you meditate for the first time?What is the use of meditation?How do you clear your mind?What to think about while meditating इतनी जानकारी के बाद भी अगर आपके मन में किसी प्रकार का शंका या कोई प्रश्न है, तो हमें कमेंट करें। इस लेख के बारे में अपने इष्ट-मित्रों को भी बता दें, जिससे वे भी इससे लाभ उठा सकें। सत्संग ध्यान ब्लॉग का सदस्य बने। इससे आपको आने वाले पोस्ट की सूचना नि:शुल्क मिलती रहेगी। इस पद्य का पाठ किया गया है उसे सुननेे के लिए निम्नलिखित वीडियो देखें।
अगर आप 'महर्षि मेंहीं पदावली' पुस्तक के अन्य पद्यों के अर्थों के बारे में जानना चाहते हैं या इस पुस्तक के बारे में विशेष रूप से जानना चाहते हैं तो यहां दबाएं।
गुरु महाराज की सभी पुस्तकों एवं संतमत से प्रकाशित अन्य पुस्तकें एवं सत्संग ध्यान से संबंधित अन्य सामग्री के लिए हमारे सत्संग ध्यान ऑनलाइन स्टोर पर पधारने के लिए यहां दबाएं।
P47, (ख) Surat-Shabd-Yoga and Santmat meditations "सुनिये सकल जगत के वासी।..." महर्षि मेंहीं पदावली अर्थ सहित।
Reviewed by सत्संग ध्यान
on
12/26/2019
Rating:
कोई टिप्पणी नहीं:
कृपया सत्संग ध्यान से संबंधित किसी विषय पर जानकारी या अन्य सहायता के लिए टिप्पणी करें।