महर्षि मेंहीं पदावली / 102
प्रभु प्रेमियों ! संतवाणी अर्थ सहित में आज हम लोग जानेंगे- संतमत सत्संग के महान प्रचारक सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज के भारती (हिंदी) पुस्तक "महर्षि मेंहीं पदावली" जो हम संतमतानुयाइयों के लिए गुरु-गीता के समान अनमोल कृति है। इस कृति के 102वां पद्य "संतन मत भेद प्रचार किया,...' का शब्दार्थ, भावार्थ और टिप्पणी के बारे में। जिसे पूज्यपाद लालदास जी महाराज नेे किया है।
प्रभु प्रेमियों ! संतवाणी अर्थ सहित में आज हम लोग जानेंगे- संतमत सत्संग के महान प्रचारक सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज के भारती (हिंदी) पुस्तक "महर्षि मेंहीं पदावली" जो हम संतमतानुयाइयों के लिए गुरु-गीता के समान अनमोल कृति है। इस कृति के 102वां पद्य "संतन मत भेद प्रचार किया,...' का शब्दार्थ, भावार्थ और टिप्पणी के बारे में। जिसे पूज्यपाद लालदास जी महाराज नेे किया है।
इस Santmat meditations भजन (कविता, पद्य, वाणी, छंद) "संतन मत भेद प्रचार किया,..." में बताया गया है कि- संत सतगुरु क्या-क्या करते हैं? वे (संतमत) संतों की बातों का प्रचार करते हैं। अपने शिष्यों का कल्याण करते हैं। इत्यादि बातों के साथ-साथ निम्नलिखित प्रश्नें भी विचारनीय हैं- भजन अर्थ सहित, कुप्पाघाट का भजन, संत सतगुरु के कार्य,सतगुरु का अर्थ,गुरु और सद्गुरु,सतगुरु समान दाता संसार में नहीं,Satguru Ki Sangat Mein Kya Milta Hain,सच्चा सतगुरु कौन? खुद क्यों सतगुरु बन जाते है,Sacha satguru, सतगुरु के अद्भुत चमत्कार,सतगुरु के शब्द हमारा सुधार करते है,सुखद सत्संग,सतगुरु का ह्रदय कैसा होता है,Naam Daan लेने के बाद जीव अगर भटक जाए तो Satguru उसके साथ।
इस पद्य के पहले वाले पद्य को पढ़ने के लिए
शिष्य के लिए गुरु क्या-क्या करते हैं? इस पर चर्चा करते गुरुदेव।
What saints satgurus do?
सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज जी कहते हैं- "संतो के विचारों का प्रचार सतगुरु बाबा देवी साहब ने किया। पहले हम सब अज्ञानी होकर बाहर-ही-बाहर भटक रहे थे; किसी को शरीर के अंदर के मार्ग (ज्योति और नाद) पर चलने की युक्तियां (दृष्टियोग और शब्दयोग की उक्तियां) मालूम नहीं थी।...." इस विषय में पूरी जानकारी के लिए इस भजन का शब्दार्थ, भावार्थ और टिप्पणी किया गया है। उसे पढ़ें-
पदावली भजन नंबर 102 और शब्दार्थ भावार्थ।
पदावली भजन नंबर 102 का शेष भावार्थ और टिप्पणी।
इस Santmat meditations भजन (कविता, पद्य, वाणी, छंद) "संतन मत भेद प्रचार किया,..." में बताया गया है कि- संत सतगुरु क्या-क्या करते हैं? वे (संतमत) संतों की बातों का प्रचार करते हैं। अपने शिष्यों का कल्याण करते हैं। इत्यादि बातों के साथ-साथ निम्नलिखित प्रश्नें भी विचारनीय हैं- भजन अर्थ सहित, कुप्पाघाट का भजन, संत सतगुरु के कार्य,सतगुरु का अर्थ,गुरु और सद्गुरु,सतगुरु समान दाता संसार में नहीं,Satguru Ki Sangat Mein Kya Milta Hain,सच्चा सतगुरु कौन? खुद क्यों सतगुरु बन जाते है,Sacha satguru, सतगुरु के अद्भुत चमत्कार,सतगुरु के शब्द हमारा सुधार करते है,सुखद सत्संग,सतगुरु का ह्रदय कैसा होता है,Naam Daan लेने के बाद जीव अगर भटक जाए तो Satguru उसके साथ।
इस पद्य के पहले वाले पद्य को पढ़ने के लिए
शिष्य के लिए गुरु क्या-क्या करते हैं? इस पर चर्चा करते गुरुदेव। |
What saints satgurus do?
सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज जी कहते हैं- "संतो के विचारों का प्रचार सतगुरु बाबा देवी साहब ने किया। पहले हम सब अज्ञानी होकर बाहर-ही-बाहर भटक रहे थे; किसी को शरीर के अंदर के मार्ग (ज्योति और नाद) पर चलने की युक्तियां (दृष्टियोग और शब्दयोग की उक्तियां) मालूम नहीं थी।...." इस विषय में पूरी जानकारी के लिए इस भजन का शब्दार्थ, भावार्थ और टिप्पणी किया गया है। उसे पढ़ें-
पदावली भजन नंबर 102 और शब्दार्थ भावार्थ। |
पदावली भजन नंबर 102 का शेष भावार्थ और टिप्पणी। |
प्रभु प्रेमियों ! गुरु महाराज के भारती पुस्तक "महर्षि मेंहीं पदावली" के भजन नं. 102 का शब्दार्थ, भावार्थ और टिप्पणी के द्वारा आपने जाना कि संत सतगुरु क्या-क्या करते हैं? वे (संतमत) संतों की बातों का प्रचार करते हैं। अपने शिष्यों का कल्याण करते हैं। इतनी जानकारी के बाद भी अगर आपके मन में किसी प्रकार का शंका या कोई प्रश्न है, तो हमें कमेंट करें। इस लेख के बारे में अपने इष्ट मित्रों को भी बता दें, जिससे वे भी इससे लाभ उठा सकें। सत्संग ध्यान ब्लॉग का सदस्य बने। इससे आपको आने वाले पोस्ट की सूचना नि:शुल्क मिलती रहेगी। इस पद का पाठ किया गया है उसे सुननेे के लिए निम्नलिखित वीडियो देखें।
महर्षि मेँहीँ पदावली.. |
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P102, What saints satgurus do? "संतन मत भेद प्रचार किया,..." महर्षि मेंहीं पदावली अर्थ सहित।
Reviewed by सत्संग ध्यान
on
2/28/2020
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