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P104, All sin destroyer mantra "सतगुरु सतगुरु नितहि पुकारत,..." महर्षि मेंहीं पदावली अर्थ सहित।

महर्षि मेंहीं पदावली / 104

      प्रभु प्रेमियों ! संतवाणी अर्थ सहित में आज हम लोग जानेंगे- संतमत सत्संग के महान प्रचारक सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज के भारती (हिंदी) पुस्तक "महर्षि मेंहीं पदावली" जो हम संतमतानुयाइयों के लिए गुरु-गीता के समान अनमोल कृति है। इस कृति के 104वां पद्य  "सतगुरु सतगुरु नितहि पुकारत,...'  का शब्दार्थ, भावार्थ और टिप्पणी के  बारे में। जिसे पूज्यपाद लालदास जी महाराज नेे किया है।


इस Santmat meditations भजन (कविता, पद्य, वाणी, छंद) "सतगुरु सतगुरु नितहि पुकारत,..." में बताया गया है कि- समस्त पाप नाशक मंत्र 'सतगुरु सतगुरु' की पुकार करना है?गुरु मंत्र का सदैव जप करते रहने पर मन में पवित्रता आती जाती है और होते रहने वाले पापों की ओर से मनोवृति हटती जाती है। इत्यादि बातों के साथ-साथ निम्नलिखित प्रश्नें भी विचारनीय हैं- सत्संग ध्यान,महर्षि मेंहीं पदावली, भजन अर्थ सहित, कुप्पाघाट का भजन, सतगुरु सतगुरु नितहि पुकारत,सतगुरु सतगुरु बोल बंदे क्या लागे है मोल,बंदे सतगुरु सतगुरु बोल,सतगुरु सतगुरु सतगुरु,पाप नाश मंत्र,समस्त पाप नाशक मंत्र,पाप मुक्ति मंत्र,पाप निवारण मंत्र,प्रायश्चित मंत्र,समस्त पाप निवारण स्तोत्र,पाप प्रशमन स्तोत्र,दिव्य स्तोत्र,दारिद्रय नाशक मंत्र,पाप से मुक्ति के उपाय,समस्त पापनाशक स्तोत्र pdf,प्रायश्चित करने के उपाय।

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P104, All sin destroyer mantra "सतगुरु सतगुरु नितहि पुकारत,..." महर्षि मेंहीं पदावली अर्थ सहित। समस्त पाप नाशक मंत्र पर विचार विमर्श करते सदगुरुदेव और टीकाकार।
समस्त पाप नाशक मंत्र पर विचार करते सदगुरुदेव।

All sin destroyer mantra

सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज जी  कहते हैं- "'सद्गुरु! सद्गुरु!!' की सदा ही पुकार लगाते रहनेवाले का पाप-समूह घटता रहता है।...." इस विषय में पूरी जानकारी के लिए इस भजन का शब्दार्थ, भावार्थ और टिप्पणी किया गया है। उसे पढ़ें-

P104, All sin destroyer mantra "सतगुरु सतगुरु नितहि पुकारत,..." महर्षि मेंहीं पदावली अर्थ सहित। पदावली भजन नंबर 104 और शब्दार्थ।
पदावली भजन 104 और शब्दार्थ।

P104, All sin destroyer mantra "सतगुरु सतगुरु नितहि पुकारत,..." महर्षि मेंहीं पदावली अर्थ सहित। पदावली भजन 104 का भावार्थ टिप्पणी।
पदावली भजन 104 का भावार्थ टिप्पणी।

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प्रभु प्रेमियों ! गुरु महाराज के भारती पुस्तक "महर्षि मेंहीं पदावली" के भजन नं. 104 का शब्दार्थ, भावार्थ और टिप्पणी के द्वारा आपने जाना कि समस्त पाप नाशक मंत्र 'सतगुरु सतगुरु' की पुकार करना है?गुरु मंत्र का सदैव जप करते रहने पर मन में पवित्रता आती जाती है और होते रहने वाले पापों की ओर से मनोवृति हटती जाती है। इतनी जानकारी के बाद भी अगर आपके मन में किसी प्रकार का शंका या कोई प्रश्न है, तो हमें कमेंट करें। इस लेख के बारे में अपने इष्ट मित्रों को भी बता दें, जिससे वे भी इससे लाभ उठा सकें। सत्संग ध्यान ब्लॉग का सदस्य बने। इससे आपको आने वाले  पोस्ट की सूचना नि:शुल्क मिलती रहेगी। इस पद का पाठ किया गया है उसे सुननेे के लिए निम्नलिखित वीडियो देखें।




महर्षि मेंहीं पदावली, शब्दार्थ, भावार्थ और टिप्पणी सहित।
महर्षि मेँहीँ पदावली.. 
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P104, All sin destroyer mantra "सतगुरु सतगुरु नितहि पुकारत,..." महर्षि मेंहीं पदावली अर्थ सहित। P104, All sin destroyer mantra "सतगुरु सतगुरु नितहि पुकारत,..." महर्षि मेंहीं पदावली अर्थ सहित। Reviewed by सत्संग ध्यान on 2/29/2020 Rating: 5

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