गुरु नानक साहब की वाणी / 22
प्रभु प्रेमियों ! संतमत सत्संग के महान प्रचारक सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज की भारती (हिंदी) पुस्तक "संतवाणी सटीक" एक अनमोल कृति है। इस कृति में बहुत से संतवाणीयों को एकत्रित करके सिद्ध किया गया है कि सभी संतों का एक ही मत है। इसी हेतु सत्संग योग एवं अन्य ग्रंथों में भी संतवाणीयों का संग्रह किया गया है। जिसका शब्दार्थ, भावार्थ और टिप्पणी अन्य महापुरुषों के द्वारा किया गया हैै। यहां संतवाणी-सुधा सटीक से संत सद्गरु बाबा श्री गुरु नानक साहब जी महाराज की वाणी ''कर्ता भुगता करने जोग,....'' का शब्दार्थ, भावार्थ और टिप्पणी बारे मेंं जानकारी दी जाएगी। जिसे पूज्यपाद छोटेलाल दास जी महाराज ने लिखा है।
इस भजन (कविता, गीत, भक्ति भजन, पद्य, वाणी, छंद) में बताया गया है कि- ईश्वर की सामर्थ्य क्या है? ईश्वर सर्वशक्तिमान है। परमेश्वर वह सर्वोच्च परालौकिक शक्ति है जिसे इस संसार का सृष्टा और शासक कहते है । इन बातों की जानकारी के साथ-साथ निम्नलिखित प्रश्नों के भी कुछ-न-कुछ समाधान पायेंगे। जैसे कि- ईश्वर सर्वशक्तिमान है, ईश्वर की सामर्थ्य, ईश्वर की शक्ति, ईश्वर की शक्ति क्या है, ईश्वर की शक्ति कैसे प्राप्त करें, ईश्वर की दिव्य शक्तियों का संकेत, ईश्वर शक्ति, ईश्वर शक्ति क्या है, ईश्वर शक्ति वीडियो, ईश्वर का अस्तित्व - GYAN VIGYAN,ईश्वर का स्वरूप, क्या ईश्वर सत्य है, ईश्वर के अस्तित्व के प्रमाण, ईश्वर का शाब्दिक अर्थ, आदि। इन बातों को जानने के पहले, आइए ! सदगुरु बाबा नानक साहब जी महाराज का दर्शन करें।
What is the power of God?
सदगुरु बाबा नानक साहब जी महाराज कहते हैं कि " परमात्मा (ईश्वर) ही कोई कर्म करनेवाला , भोगनेवाला और भोग की वस्तु भी है अथवा कुछ भी करने में समर्थ है । करनेवाला और करानेवाला - सब कुछ वही है और आगे भी वही होगा ।.... " इसे अच्छी तरह समझने के लिए इस शब्द का शब्दार्थ, भावार्थ और टिप्पणी किया गया है; उसे पढ़ें-
सद्गुगुरु बाबा नानक साहब की वाणी
॥ महला १॥ ( शब्द ३ )
कर्ता भुगता करने जोग । करन करावनहारु सभु होगु ॥ आदि निरंजनु त्रिभवणु धनी । ताकी उपमा केतक गणी ॥ निर्गुण सर्गुण बिहु गुण ते दूरि । नानक अलिप्तु रहिआ भरपूरि ॥१४० ॥
शब्दार्थ - कर्ता - करनेवाला , बनानेवाला । भुगता = भोक्ता , भोगनेवाला । करने जोग - करनेयोग्य , करने में समर्थ । करावनहार करानेवाला । सभु - सभी । होगु - होगा । आदि सबसे पहले का । निरंजनु - निरंजन , माया - रहित । त्रिभवनु धनी – तीनों लोकों का मालिक । केतक - कितना । गणी - गिनायी जाए । निर्गुण - त्रय गुण - रहित , चेतन प्रकृति । सर्गुण सगुण , त्रय गुणों से युक्त , त्रय गुणों से बना हुआ , जड़ात्मिका प्रकृति । रहिआ = रह रहा है । अलिप्तु - निर्लेप , असंग , जो किसी में लिप्त ( आसक्त , बद्ध ) नहीं हो ।
भावार्थ -
परमात्मा (ईश्वर) ही कोई कर्म करनेवाला , भोगनेवाला और भोग की वस्तु भी है अथवा कुछ भी करने में समर्थ है । करनेवाला और करानेवाला - सब कुछ वही है और आगे भी वही होगा । वह सृष्टि का आदितत्त्व , माया - रहित और तीनों लोकों का स्वामी है । उसकी कितनी उपमाएँ ( उपमान ) गिनायी जाएँ अर्थात् उसकी किसी चीज से उपमा नहीं दी जा सकती । वह निर्गुण ( चेतन प्रकृति ) , सगुण ( जड़ात्मिका प्रकृति ) और त्रय गुणों से दूर ( ऊपर ) है । गुरु नानकदेवजी महाराज कहते हैं कि वह परमात्मा सबमें भरपूर होकर सबसे अलिप्त ( सबसे ऊपर ) हो रहा है ।। टिप्पणी - परमात्मा सृष्टि का बनानेवाला है । सृष्टिरूप उसका कार्य उसी का एक रूप है । वही अंशरूप से जीव होकर कर्मों का भोग भोगता है । कोई भी उसी की शक्ति से कुछ करता है । ( प्राण - संगली , भाग २ , अध्याय ८ ) ।
टीका- स्वामी लालदास जी |
प्रभु प्रेमियों ! गुरु महाराज के भारती पुस्तक "संतवाणी सटीक" के इस लेख का पाठ करके आपलोगों ने जाना कि ईश्वर की सामर्थ्य क्या है? ईश्वर सर्वशक्तिमान है। परमेश्वर वह सर्वोच्च परालौकिक शक्ति है जिसे इस संसार का सृष्टा और शासक कहते है । इतनी जानकारी के बाद भी अगर आपके मन में किसी प्रकार का शंका या कोई प्रश्न है, तो हमें कमेंट करें। इस लेख के बारे में अपने इष्ट मित्रों को भी बता दें, जिससे वे भी इससे लाभ उठा सकें। सत्संग ध्यान ब्लॉग का सदस्य बने। इससे आपको आने वाले पोस्ट की सूचना नि:शुल्क मिलती रहेगी। निम्न वीडियो में उपर्युक्त लेख का पाठ करके सुनाया गया है।
नानक वाणी भावार्थ सहित
संतवाणी-सुधा सटीक |
अगर आप 'संतवाणी-सुधा सटीक"' पुस्तक से महान संत सद्गुरु श्री नानक साहब जी महाराज के अन्य पद्यों को अर्थ सहित जानना चाहते हैं या इस पुस्तक के बारे में विशेष रूप से जानना चाहते हैं तो यहां दबाएं।
सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज की पुस्तकें मुफ्त में पाने के लिए शर्तों के बारे में जानने के लिए. यहां दवाए।
नानक वाणी 22, What is the power of God । कर्ता भुगता करने जोग । भजन भावार्थ सहित -बाबा लालदास
Reviewed by सत्संग ध्यान
on
8/06/2020
Rating:
कोई टिप्पणी नहीं:
कृपया सत्संग ध्यान से संबंधित किसी विषय पर जानकारी या अन्य सहायता के लिए टिप्पणी करें।