'सद्गुरु महर्षि मेंहीं, कबीर-नानक, सूर-तुलसी, शंकर-रामानंद, गो. तुलसीदास-रैदास, मीराबाई, धन्ना भगत, पलटू साहब, दरिया साहब,गरीब दास, सुंदर दास, मलुक दास,संत राधास्वामी, बाबा कीनाराम, समर्थ स्वामी रामदास, संत साह फकीर, गुरु तेग बहादुर,संत बखना, स्वामी हरिदास, स्वामी निर्भयानंद, सेवकदास, जगजीवन साहब,दादू दयाल, महायोगी गोरक्षनाथ इत्यादि संत-महात्माओं के द्वारा किया गया प्रवचन, पद्य, लेख इत्यादि द्वारा सत्संग, ध्यान, ईश्वर, सद्गुरु, सदाचार, आध्यात्मिक विचार इत्यादि बिषयों पर विस्तृत चर्चा का ब्लॉग'
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पलटू वाणी 04 नहीं मुख राम गाओगे || चेतावनी भजन में जप के महत्व का सटीक वर्णन
प्रभु प्रेमियों ! संतमत सत्संग के महान प्रचारक सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज के भारती (हिंदी) पुस्तक "संतवाणी सटीक" से संत श्री संत पलटू साहब की वाणी "नहीं मुख राम राम गाओगे..'' भजन का , भावार्थ पढेंगे। जिसे पूज्य बाबा श्री लालदास जी महाराज ने लिखा है।
इस वाणी के पहले की पोस्ट में "पिया है प्रेम का प्याला, ... " वाणी को अर्थ सहित पढ़ने के लिए 👉यहां दबाएं।
चेतावनी भजन में जप के महत्व का सटीक वर्णन
प्रभु प्रेमियों ! इस भजन में निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दिए गए हैं-- राम नाम जपना क्यों जरूरी है? जाप जपने से क्या होता है? यमदूत किसको पकड़ता है? बड़ा-बड़ा दु:ख क्या होता है? बड़े दुख से कौन छुड़ाता है? संसारिक काम में ज्यादा ध्यान देना चाहिए कि नहीं? साधु संतों की संगति क्यों करना चाहिए? धर्मराज क्या पूछता है? पलटू साहब क्यों रोते हैं? अगर आपको इन प्रश्नों के पलटू साहब जी महाराज से उत्तर चाहिए तो इस पोस्ट को पूरा पढें-
संत पलटू साहब की वाणी
( 4 )
नहीं मुख राम राम गाओगे । आगे दुख बड़ा पाओगे ॥१ ॥
राम बिन कौन तारेगा । पकड़ जमदूत मारेगा ॥ २॥
कबौं सत्संग ना कीन्हा । भूखे को नाहिं कुछ दीन्हा ॥३ ॥
माया औ मोह में झूले । कुटुम परिवार लखि फूले ॥ ४ ॥
पुछै धर्मराज जब भाई । वचन मुख नाही ं कछु आई ॥५ ॥
पलटू दास लखि रोया । सुघर तन पाय के खोया ॥६ ॥
भावार्थ- हे लोगो ! यदि तुम मुँह से राम का गुणगान नहीं करोगे अथवा मुँह से रामनाम का उच्चारण नहीं करोगे , तो आगे चलकर तुम्हें बड़ा भारी दुःख उठाना पड़ेगा ॥ १ ॥ कहो , राम के सिवा दूसरा कौन तुम्हारा उद्धार करेगा अर्थात् कोई नहीं । यदि तुम रामभक्ति से विहीन रहोगे , तो अंत समय में यमदूत तुम्हें पकड़कर दंड देंगे ॥२ ॥ तुमने न कभी साधु - संतों की संगति की और न कभी भूखे - प्यासे को ही कुछ खाने - पीने को दिया ( न कभी दीन - दुःखियों की कोई सहायता की ) ॥३ ॥ तुम जीवन - भर माया ( धन - संपत्ति , ऐश्वर्य ) और मोह ( ममत्व , आसक्ति , अज्ञानता ) में भूले हुए रहे ; तुम सदा अपने सगे - संबंधियों और परिवार के लोगों को देख - देखकर प्रसन्न होते रहे ॥४ ॥ जब तुमसे यमराज पूछेंगे कि कहो , तुमसे कौन - कौन से पुण्य कर्म हुए हैं , तो उस समय उत्तर देने के लिए तुम्हारे मुँह में एक भी शब्द नहीं आएगा ॥५ ॥ पुण्य - संत पलटू साहब कहते हैं कि सुंदर मानव - तन पाकर तुमने उसे सांसारिक सुखों में खो दिया , यह देखकर मुझे रुलाई आती है ॥ ६ ॥ ∆
आगे है-
( 5 ) ॥ साखी ॥
राम नाम जेहि मुखन तें , पलटू होय प्रकास । तिनके पद वन्दन करौं , वो साहिब मैं दास ॥१ ॥ राम नाम जेहि उच्चरै , तेहि मुख देहुँ कपूर । पलटू तिनके नफर की , पनही का मैं धूर ॥२ ॥ राम का मिलना सहज है , सन्त का मिलना दूर । पलटू सन्त के मिले बिनु , राम से परै न पूरि ॥३ ॥
संत पलटू साहब के दूसरे भजन "राम नाम जेहि मुखन तें" को अर्थ सहित पढ़ने के लिए 👉 यहां दबाएं।
भजन संग्रह अर्थ सहित पुस्तक में उपरोक्त वाणी निम्न चित्र की भांति प्रकाशित है-
प्रभु प्रेमियों ! गुरु महाराज के भारती पुस्तक "भजन संग्रह" के इस लेख का पाठ करके आपलोगों ने जाना कि जप का महत्व, नाम जप कैसे करें, मंत्र जप अनुष्ठान विधि, जप साधना अनुभव, मंत्र जप लाभ, गुरु मंत्र का जाप कैसे करें, चेतावनी शब्द, चेतावनी in हिंदी, चेतावनी भजन सुपरहिट,चेतावनी भजन की डायरी, इतनी जानकारी के बाद भी अगर आपके मन में किसी प्रकार का शंका या कोई प्रश्न है, तो हमें कमेंट करें। इस लेख के बारे में अपने इष्ट मित्रों को भी बता दें, जिससे वे भी इससे लाभ उठा सकें। सत्संग ध्यान ब्लॉग का सदस्य बने। इससे आपको आने वाले पोस्ट की सूचना नि:शुल्क मिलती रहेगी। निम्न वीडियो में उपर्युक्त लेख का पाठ करके सुनाया गया है।
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पलटू वाणी 04 नहीं मुख राम गाओगे || चेतावनी भजन में जप के महत्व का सटीक वर्णन
Reviewed by सत्संग ध्यान
on
12/04/2021
Rating: 5
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गुरु महाराज की शिष्यता-ग्रहण 14-01-1987 ई. और 2013 ई. से सत्संग ध्यान के प्रचार-प्रसार में विशेष रूचि रखते हुए "सतगुरु सत्संग मंदिर" मायागंज कालीघाट, भागलपुर-812003, (बिहार) भारत में निवास एवं मोक्ष पर्यंत ध्यानाभ्यास में सम्मिलित होते हुए "सत्संग ध्यान स्टोर" का संचालन और सत्संग ध्यान यूट्यूब चैनल, सत्संग ध्यान डॉट कॉम वेबसाइट से संतवाणी एवं अन्य गुरुवाणी का ऑनलाइन प्रचार प्रसार।
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