महर्षि मेंहीं पदावली / 11
प्रभु प्रेमियों ! संतवाणी अर्थ सहित में आज हम लोग जानेंगे- संतमत सत्संग के महान प्रचारक सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज के भारती (हिंदी) पुस्तक "महर्षि मेंहीं पदावली" जो हम संतमतानुयाइयों के लिए गुरु-गीता के समान अनमोल कृति है। इस कृति के 11 वें पद्य "तुम साहब रहमान हो,....'' का शब्दार्थ, भावार्थ और टिप्पणी के बारे में। जिसे पूज्यपाद लालदास जी महाराज नेे किया है।
इसमें आप न तो कृपया मेरे लिए प्रार्थना करें,please pray for me and my family न ही please pray for me i am sick, न ही prayer request के बारे में, न ही please pray for me in hindi के बारे में जानेंगे; बल्कि इसमें जानेंगे सतगुरु महर्षि मेंहीं विनती,सतगुरु की विनती, विनती, विनती सुनियो हे सद्गुरु स्वामी,विनती सुनिए नाथ हमारी, विनती करीले तोहसे, विनती करीले महावीर सदगुरु के, विनती सुन ले हमार, विनती सुनियौ हे महाराज, विनती करो,सतगुरु विनती, धन धन सतगुरु विनती, सतगुरु स्वामी की विनती, सतगुरु महाराज की विनती, सतगुरु महाराज की स्तुति-विनती।
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इसमें आप न तो कृपया मेरे लिए प्रार्थना करें,please pray for me and my family न ही please pray for me i am sick, न ही prayer request के बारे में, न ही please pray for me in hindi के बारे में जानेंगे; बल्कि इसमें जानेंगे सतगुरु महर्षि मेंहीं विनती,सतगुरु की विनती, विनती, विनती सुनियो हे सद्गुरु स्वामी,विनती सुनिए नाथ हमारी, विनती करीले तोहसे, विनती करीले महावीर सदगुरु के, विनती सुन ले हमार, विनती सुनियौ हे महाराज, विनती करो,सतगुरु विनती, धन धन सतगुरु विनती, सतगुरु स्वामी की विनती, सतगुरु महाराज की विनती, सतगुरु महाराज की स्तुति-विनती।
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गुरुदेव से विनती करते हुए सद्गुरु महर्षि मेंहीं और टीकाकार |
The request of Satguru Maharaj, "तुम साहब रहमान हो,...''
सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज जी कहते हैं-हे स्वामी गुरुदेव ! आप बड़े दयालु हैं, मुझ पर दया कीजिए। मैं संसार समुद्र में पढ़ा हुआ दुख पा रहा हूं, मुझे भक्ति रुपी नाव पर चढ़ाकर शीघ्र ही संसार-समुद्र के पार उतार दीजिए-- संसार-समुद्र के दूसरे किनारे लगा दीजिए।.The request of Satguru Maharaj, "तुम साहब रहमान हो,...''.. इस विषय में पूरी जानकारी के लिए इस पद का शब्दार्थ, भावार्थ और टिप्पणी किया गया है । उसे पढ़े-
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पदावली पद 11 शब्दार्थ |
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पदावली पद 11 का भावार्थ टिप्पणी |
प्रभु प्रेमियों ! "महर्षि मेंहीं पदावली शब्दार्थ, भावार्थ और टिप्पणी सहित" नामक पुस्तक से इस भजन के शब्दार्थ, भावार्थ और टिप्पणी द्वारा आपने जाना कि सतगुरु स्वामी की विनती, सतगुरु महाराज की विनती, सतगुरु महाराज की स्तुति-विनती। इतनी जानकारी के बाद भी अगर आपके मन में किसी प्रकार का शंका या कोई प्रश्न है, तो हमें कमेंट करें। इस लेख के बारे में अपने इष्ट-मित्रों को भी बता दें, जिससे वे भी इससे लाभ उठा सकें। सत्संग ध्यान ब्लॉग का सदस्य बने। इससे आपको आने वाले पोस्ट की सूचना नि:शुल्क मिलती रहेगी। इस पद्य का पाठ किया गया है उसे सुननेे के लिए निम्नांकित वीडियो देखें।
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P11, The request of Satguru Maharaj, "तुम साहब रहमान हो,...'' महर्षि मेंहीं पदावली भजन अर्थ सहित
Reviewed by सत्संग ध्यान
on
2/07/2018
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