महर्षि मेंहीं पदावली / 20
प्रभु प्रेमियों ! संतवाणी अर्थ सहित में आज हम लोग जानेंगे- संतमत सत्संग के महान प्रचारक सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज के भारती (हिंदी) पुस्तक "महर्षि मेंहीं पदावली" जो हम संतमतानुयाइयों के लिए गुरु-गीता के समान अनमोल कृति है। इस कृति के 20 वें पद्य "गुरु मम सूरत को गगन पर चढ़ाना,....'' का शब्दार्थ, भावार्थ और टिप्पणी के बारे में। जिसे पूज्यपाद लालदास जी महाराज नेे किया है।इसमें आप न तो पानी में चलने वाली, न जमीन के अंदर चलने वाली, न समुद्र में चलने वाली, न ही अंतरिक्ष उड़ान के बारे में, न ही अन्तरिक्ष सैर के बारे में, बल्कि ध्यान क्रिया,ध्यान योग के प्रकार,ध्यान योग की साधना,ध्यान की व्याख्या,ध्यान साधना विधि,ध्यान योग क्या है? इससे संबंधित आंतरिक मार्ग के बारे में जानेंगे।
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ध्यानयोग पर चर्चा करते गुरुदेव |
Visit meditation yoga, "गुरु मम सुरत को गगन पर चढ़ाना,...''
सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज जी कहते हैं- हे गुरुदेव आप दया करके मेरी सूरत को आंतरिक ब्रहमांड में चढ़ा दीजिए और फिर वहां सत् ध्वनि (सत् ध्वनि--सारशब्द) की धारा भी पकड़ा दीजिए।.Visit meditation yoga, "गुरु मम सुरत को गगन पर चढ़ाना,...'.. इस विषय में पूरी जानकारी के लिए इस पद का शब्दार्थ, भावार्थ और टिप्पणी किया गया है । उसे पढ़े-
पदावली भजन 20 का शब्दार्थ भावार्थ |
पदावली भजन 20 का टिप्पणी |
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प्रभु प्रेमियों ! "महर्षि मेंहीं पदावली शब्दार्थ, भावार्थ और टिप्पणी सहित" नामक पुस्तक से इस भजन के शब्दार्थ, भावार्थ और टिप्पणी द्वारा आपने जाना किध्यान की व्याख्या,ध्यान साधना विधि, और ध्यान योग क्या है? इतनी जानकारी के बाद भी अगर आपके मन में किसी प्रकार का शंका या कोई प्रश्न है, तो हमें कमेंट करें। इस लेख के बारे में अपने इष्ट-मित्रों को भी बता दें, जिससे वे भी इससे लाभ उठा सकें। सत्संग ध्यान ब्लॉग का सदस्य बने।। इससे आपको आने वाले पोस्ट की सूचना नि:शुल्क मिलती रहेगी। इस पद्य का पाठ किया गया है उसे सुननेे के लिए निम्नांकित वीडियो देखें।
महर्षि मेँहीँ पदावली भावार्थ सहित
महर्षि मेँहीँ पदावली.. |
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P20, Visit meditation yoga, "गुरु मम सुरत को गगन पर चढ़ाना,...'' महर्षि मेंहीं पदावली भजन अर्थ सहित
Reviewed by सत्संग ध्यान
on
2/13/2018
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