महर्षि मेंहीं पदावली / 37
प्रभु प्रेमियों ! संतवाणी अर्थ सहित में आज हम लोग जानेंगे- संतमत सत्संग के महान प्रचारक सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज के भारती (हिंदी) पुस्तक "महर्षि मेंहीं पदावली" जो हम संतमतानुयाइयों के लिए गुरु-गीता के समान अनमोल कृति है। इस कृति के 37 वें पद्य "प्रभु अकथ अनाम अनामय स्वामी....'' का शब्दार्थ, भावार्थ और टिप्पणी के बारे में। जिसे पूज्य पाद संतसेवी जी महाराज ने और पूज्यपाद लालदास जी महाराज नेे किया है।
इस सद्गुरु भजन (कविता, पद्य, वाणी, छंद, भजन) "प्रभु अकथ अनाम अनामय स्वामी,..." में बताया गया है कि- शास्त्रीय वर्णनानुसार ईश्वर कैसा है? भगवान कैसा है? गॉड कैसा है? ईश्वर का स्वरूप कैसा है? सबसे बड़ा ईश्वर कौन है,ईश्वर का स्वरूप,ईश्वर होने का प्रमाण,ईश्वर एक है,ईश्वर है या नहीं,ईश्वर व्यक्ति को उस समय क्यों नहीं रोकता,Alakh ki Aur,ईश्वर क्या है,What is god in Hindi, भगवन क्या है,what is god, DOES GOD EXIST,Alakh ki Aur,How do you define God,What makes God a God,What is the number of God,Who was the first God,What Is God Like - Personality Traits of God आदि बातें।
इस सद्गुरु भजन (कविता, पद्य, वाणी, छंद, भजन) "प्रभु अकथ अनाम अनामय स्वामी,..." में बताया गया है कि- शास्त्रीय वर्णनानुसार ईश्वर कैसा है? भगवान कैसा है? गॉड कैसा है? ईश्वर का स्वरूप कैसा है? सबसे बड़ा ईश्वर कौन है,ईश्वर का स्वरूप,ईश्वर होने का प्रमाण,ईश्वर एक है,ईश्वर है या नहीं,ईश्वर व्यक्ति को उस समय क्यों नहीं रोकता,Alakh ki Aur,ईश्वर क्या है,What is god in Hindi, भगवन क्या है,what is god, DOES GOD EXIST,Alakh ki Aur,How do you define God,What makes God a God,What is the number of God,Who was the first God,What Is God Like - Personality Traits of God आदि बातें।
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यहां दबाएं।सद्गुरु महर्षि मेंहीं टीकाकार |
How is god? "प्रभु अकथ अनाम अनामय स्वामी,
सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज जी कहते हैं- परम प्रभु परमात्मा कथन में नहीं आने योग्य, नाम-रहित वा शब्द+रहित, विकार-रहित और सब का स्वामी है।.How is god? "प्रभु अकथ अनाम अनामय स्वामी,....." ईश्वर का स्वरुप कैसा है? इसके बारे में अच्छी तरह जानने के लिए इस भजन पदार्थ को पूरे मन से पढ़ें-
पूज्य पाद संतसेवी जी महाराज द्वारा लिखित भावार्थ |
पूज्यपाद लालदास जी महाराज द्वारा लिखित शब्दार्थ भावार्थ |
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प्रभु प्रेमियों ! "महर्षि मेंहीं पदावली शब्दार्थ, भावार्थ और टिप्पणी सहित" नामक पुस्तक से इस भजन के शब्दार्थ, भावार्थ और टिप्पणी द्वारा जाना कि ईश्वर का स्वरूप कैसा है। इतनी जानकारी के बाद भी अगर आपके मन में किसी प्रकार का शंका या कोई प्रश्न है, तो हमें कमेंट करें। इस लेख के बारे में अपने इष्ट-मित्रों को भी बता दें, जिससे वे भी इससे लाभ उठा सकें। सत्संग ध्यान ब्लॉग का सदस्य बने। इससे आपको आने वाले पोस्ट की सूचना नि:शुल्क मिलती रहेगी। इस पद का पाठ किया गया है उसे सुननेे के लिए निम्नलिखित वीडियो देखें।
महर्षि मेँहीँ पदावली.. |
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P37, How is god? "प्रभु अकथ अनाम अनामय स्वामी,..." महर्षि मेंहीं पदावली भजन अर्थ सहित
Reviewed by सत्संग ध्यान
on
11/11/2018
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