भीखा वाणी 01, Wish you did not come from my mind, "मन तू राम से लै लाव..." भजन व्याख्याकार लाल दास जी महाराज
संत भीखा साहब की वाणी / 01
प्रभु प्रेमियों ! संतमत सत्संग के महान प्रचारक सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज के भारती (हिंदी) पुस्तक "संतवाणी सटीक" से संतभीखा साहब की वाणी की वाणी "मन तू राम से लै लाव...' भजन का शब्दार्थ, भावार्थ और टिप्पणी पढेंगे। जिसे पूज्यपाद लालदास जी महाराज ने लिखा है।
संत भीखा साहब और टीकाकार लाल दास जी महाराज |
इच्छा तू न गयी मेरे मन से Wish you did not come from my mind
संत भीखा साहब कहते हैं कि हे मेरे मन ! इच्छा तू न गयी मेरे मन से Wish you did not come from my mind तू सांसारिक माया मोह को त्यागकर परमात्मा में ध्यान लगाओ । क्योंकि यह संसार झूठा है । तुमको तो निशब्द पद तक पहुंचना है। तुम इस नश्वर संसार की तरफ क्यों देखता है, तुझे तो सभी दुखों से पार होकर परम प्रभु परमात्मा रूपी को परम सुख प्राप्त करना है। आइए उन्हीं के शब्दों में सुने-
संत भीखा साहब की वाणी भावार्थ सहित |
प्रभु प्रेमियों ! गुरु महाराज के भारती पुस्तक "संतवाणी सटीक" के इस लेख का पाठ करके आपलोगों ने जाना कि इच्छा मन को चंचल करती है, इसलिए उसे भक्ति की ओर भक्ति की महिमा का गुणगान करके, भक्ति भजन में ही लगाना चाहिए। Wish you did not come from my mind । इतनी जानकारी के बाद भी अगर आपके मन में किसी प्रकार का शंका या कोई प्रश्न है, तो हमें कमेंट करें। इस लेख के बारे में अपने इष्ट मित्रों को भी बता दें, जिससे वे भी इससे लाभ उठा सकें। सत्संग ध्यान ब्लॉग का सदस्य बने। इससे आपको आने वाले पोस्ट की सूचना नि:शुल्क मिलती रहेगी। निम्न वीडियो में उपर्युक्त लेख का पाठ करके सुनाया गया है।
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भीखा वाणी 01, Wish you did not come from my mind, "मन तू राम से लै लाव..." भजन व्याख्याकार लाल दास जी महाराज
Reviewed by सत्संग ध्यान
on
6/23/2019
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