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P01ग पदावली भजन नंबर 1 में बताया गया है कि सबसे बड़ा ईश्वर कौन है? सच्चा ईश्वर कौन है? ईश्वर स्वरूप

महर्षि मेँहीँ पदावली / 01 (ग)

     प्रभु प्रेमियों ! हमलोगों ने संतमत सत्संग की प्रातःकालीन स्तुति-प्रार्थना का प्रथम पद "सब क्षेत्र क्षर अपरा परा पर, औरु अक्षर पार में।" का शब्दार्थ , भावार्थ और टिप्पणी का प्रथम और द्वतीय भाग पढ़ चुके हैं । यहां इसके आगे का भाग पढ़ेंगे-

पदावली भजन नंबर 1ख  को पढ़ने के लिए   👉  यहां दबाएं।


ईश्वर स्वरूप पर व्याख्या करते हुए गुरुदेव
ईश्वर स्वरूप पर व्याख्या करते हुए गुरुदेव

सबसे बड़ा ईश्वर कौन है? सच्चा ईश्वर कौन है?

     प्रभु प्रेमियों ! सद्गुरु महर्षि मेँहीँ परमहंस जी महाराज के पदावली भजन के इस प्रथम पद को पढ़कर और इसके व्याख्या को समझकर आप ईश्वर स्वरूप संबंधित ज्ञान में इतना मजबूत हो  जाएंगे कि संसार में कोई भी आपको ईश्वर से संबंधित है ज्ञान में हरा नहीं पाएगा .  इस पद में ईश्वर से संबंधित हर तरह की बातों का चर्चा किया गया है .  आइए इसका जो व्याख्या और टीका किया गया है, उनमें क्या लिखा हुआ है, किस तरह से इस पद का व्याख्या किया गया है .  उस भाग को निम्न चित्रों में यहां देखेंगे और पढ़ेंगे--

     महर्षि मेँहीँ पदावली कृति का कई महापुरुषों के द्वारा टीका किया गया है. यहां हम पूज्य पाद श्री श्रीधर बाबा द्वारा किया गया टीका,  पूज्य पाद संतसेवी जी महाराज द्वारा किया गया टीका और पूज्य पाद लाल दास जी महाराज द्वारा  किया गया टीका के चित्र प्रस्तुत कर रहे हैं. प्रथम सदगुरु महाराज के प्रधान शिष्य पूज्य पाद स्वामी श्री श्रीधर दास जी महाराज के द्वारा किया गया टीका के चित्र प्रस्तुत कर रहे हैं--



पदावली भजन नंबर 1
महर्षि मेँहीँ पदावली, भजन नं. 1 अर्थ सहित चित्र 1

महर्षि मेँहीँ पदावली, भजन नं. 1 अर्थ सहित चित्र 2
महर्षि मेँहीँ पदावली, भजन नं. 1 अर्थ सहित चित्र 2

महर्षि मेँहीँ पदावली, भजन नं. 1 अर्थ सहित चित्र 3
महर्षि मेँहीँ पदावली, भजन नं. 1 अर्थ सहित चित्र 3

महर्षि मेँहीँ पदावली, भजन नं. 1 अर्थ सहित चित्र 4
महर्षि मेँहीँ पदावली, भजन नं. 1 अर्थ सहित चित्र 4
अब पूज्य पाद संतसेवी जी महाराज द्वारा किया गया टीका का दर्शन निम्न चित्र में करें-

महर्षि मेँहीँ पदावली, भजन नं. 1 अर्थ सहित चित्र 5
महर्षि मेँहीँ पदावली, भजन नं. 1 अर्थ सहित चित्र 5


महर्षि मेँहीँ पदावली, भजन नं. 1 अर्थ सहित चित्र 6
महर्षि मेँहीँ पदावली, भजन नं. 1 अर्थ सहित चित्र 6



महर्षि मेँहीँ पदावली, भजन नं. 1 अर्थ सहित चित्र 7
महर्षि मेँहीँ पदावली, भजन नं. 1 अर्थ सहित चित्र 7


महर्षि मेँहीँ पदावली के अंग्रेजी संस्करण में प्रकाशित चित्र निम्नांकित है-

महर्षि मेँहीँ पदावली, भजन नं. 1 अर्थ सहित चित्र 8
महर्षि मेँहीँ पदावली, भजन नं. 1 अर्थ सहित चित्र 8

महर्षि मेँहीँ पदावली, भजन नं. 1 अर्थ सहित चित्र 9
महर्षि मेँहीँ पदावली, भजन नं. 1 अर्थ सहित चित्र 9


महर्षि मेँहीँ पदावली, भजन नं. 1 अर्थ सहित चित्र 10
महर्षि मेँहीँ पदावली, भजन नं. 1 अर्थ सहित चित्र 10



महर्षि मेँहीँ पदावली, भजन नं. 1 अर्थ सहित चित्र 11
महर्षि मेँहीँ पदावली, भजन नं. 1 अर्थ सहित चित्र 11


महर्षि मेँहीँ पदावली, भजन नं. 1 अर्थ सहित चित्र 12
महर्षि मेँहीँ पदावली, भजन नं. 1 अर्थ सहित चित्र 12

महर्षि मेँहीँ पदावली, भजन नं. 1 अर्थ सहित चित्र 13
महर्षि मेँहीँ पदावली, भजन नं. 1 अर्थ सहित चित्र 13


महर्षि मेँहीँ पदावली, भजन नं. 1 अर्थ सहित चित्र 14
महर्षि मेँहीँ पदावली, भजन नं. 1 अर्थ सहित चित्र 14



आगे हैं--

पूज्य पाद बाबा श्री लालदास जी महाराज द्वारा किया गया टीका का चित्र जो इन सभी से विलक्षण है. उसे अवश्य पढ़ें उसमें सभी बातें विस्तार से बताया गया है-


पदावली भजन नं.1घ स्तुति-प्रार्थना का पहला पद्य "सब क्षेत्र क्षर,.." को शब्दार्थ, भावार्थ और टिप्पणी सहित पढ़ने के लिए     👉 यहां दबाएं।


संतमत सत्संग के प्रातः कालीन स्तुति प्रार्थना कैसे की जाती है इसे स्वामी युगलानंद जी महाराज के स्वर में सुनने के लिए     👉  यहां दबाएं । 


      प्रभु प्रेमियों !  "महर्षि मेँहीँ पदावली शब्दार्थ, भावार्थ और टिप्पणी सहित" नामक पुस्तक  से इस भजन के शब्दार्थ, भावार्थ और टिप्पणी द्वारा आपने जाना कि अगर कोई ईश्वर के स्वरूप को अपने बुद्धि-विचार से भी अच्छी तरह से समझ जाता है, तो उसे मृत्यु के बाद मनुष्य का ही शरीर प्राप्त होगा । वह दूसरी योनि में नहीं जाएगा  इतनी जानकारी के बाद भी अगर आपके मन में किसी प्रकार का शंका या कोई प्रश्न है, तो हमें कमेंट करें। इस लेख के बारे में अपने इष्ट-मित्रों को भी बता दें, जिससे वे भी इससे लाभ उठा सकें। सत्संग ध्यान ब्लॉग का सदस्य बने। इससे आपको आने वाले  पोस्ट की सूचना नि:शुल्क मिलती रहेगी। इस पद्य का पाठ किया गया है उसे सुननेे के लिए निम्नांकित वीडियो देखें।




महर्षि मेंहीं पदावली, शब्दार्थ, भावार्थ और टिप्पणी सहित।
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P01ग पदावली भजन नंबर 1 में बताया गया है कि सबसे बड़ा ईश्वर कौन है? सच्चा ईश्वर कौन है? ईश्वर स्वरूप P01ग  पदावली भजन नंबर 1 में बताया गया है कि सबसे बड़ा ईश्वर कौन है? सच्चा ईश्वर कौन है? ईश्वर स्वरूप Reviewed by सत्संग ध्यान on 10/27/2022 Rating: 5

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