महर्षि मेंहीं पदावली / 131
प्रभु प्रेमियों ! संतवाणी अर्थ सहित में आज हम लोग जानेंगे- संतमत सत्संग के महान प्रचारक सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज के भारती (हिंदी) पुस्तक "महर्षि मेंहीं पदावली" जो हम संतमतानुयाइयों के लिए गुरु-गीता के समान अनमोल कृति है। इस कृति के 131वां पद्य "प्रभु मिलने जो पथ धरि जाते,....'' का शब्दार्थ, भावार्थ और टिप्पणी के बारे में। जिसे पूज्यपाद लालदास जी महाराज, पूज्यपाद संतसेवी जी महाराज और पूज्यपाद श्रीधर दास जी महाराज नेे किया है।
इस Santmat Warning भजन (कविता, पद्य, वाणी, छंद) "प्रभु मिलने जो पथ धरि जाते,..." में बताया गया है कि- ईश्वर तक जाने का मार्ग या रास्ता क्या है? कहां है? वह कैसा दिखता है? उसकी प्राप्ति कैसे होती है? उस राह पर कैसे चलते हैं? इत्यादि बातों की विस्तृत चर्चा के साथ-साथ निम्नलिखित बातों पर भी कुछ-ना-कुछ जानकारी मिलेगी- भजन अर्थ सहित, कुप्पाघाट का भजन,प्रभु मिलने जो पथ धरि जाते, ईश्वर प्राप्ति का रास्ता,परमात्मा प्राप्ति मंत्र,परमात्मा की प्राप्ति के उपाय,भक्ति से ही परमात्मा की प्राप्ति,ईश्वर प्राप्ति का मार्ग,भगवान की प्राप्ति के उपाय,ईश्वर प्राप्ति का उपाय,ईश्वर की प्राप्ति कैसे हो सकती है,ईश्वर प्राप्ति कैसे हो,ईश्वर के बारे में,ईश्वर को पाने का सबसे सुगम मार्ग,ईश्वर को पाने का सबसे उत्तम और सरल उपाय,ईश्वर की प्राप्ति का उपाय,Easy Way To Get God Grace।
इस भजन के पहले वाले पद्य को पढ़ने के लिए यहां दबाएं।
ईश्वर प्राप्ति के मार्ग पर चर्चा करते गुरुदेव |
Path to god "प्रभु मिलने जो पथ धरि जाते,.
सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज जी कहते हैं- "जिस मार्ग को पकड़कर परमात्मा से मिलने के लिए जाया जा सकता है, उसको संतो ने शरीर के ही अंदर बतलाया है।...." इस विषय में पूरी जानकारी के लिए इस भजन का शब्दार्थ, भावार्थ और टिप्पणी किया गया है। उसे पढ़ें-
पदावली भजन नंबर 131 और शब्दार्थ। |
पदावली भजन नंबर 131 का भावार्थ और टिप्पणी। |
पूज्यपाद संतसेवीजी महाराज द्वारा किया गया टीका-
ईश्वर कहां मिलेंगे? |
ईश्वर प्राप्ति का मुख्य मार्ग। |
पूज्यपाद श्रीधर दासजी महाराज द्वारा किया गया टीका-
अंतर मार्ग से ईश्वर प्राप्ति। |
इस भजन के बाद वाले पद्य को पढ़ने के लिए यहां दबाएं।
प्रभु प्रेमियों ! गुरु महाराज के भारती पुस्तक "महर्षि मेंहीं पदावली" के भजन नं. 131 का शब्दार्थ, भावार्थ और टिप्पणी के द्वारा आपने जाना कि ईश्वर तक जाने का मार्ग या रास्ता क्या है? कहां है? वह कैसा दिखता है? उसकी प्राप्ति कैसे होती है? उस राह पर कैसे चलते हैं? इतनी जानकारी के बाद भी अगर आपके मन में किसी प्रकार का शंका या कोई प्रश्न है, तो हमें कमेंट करें। इस लेख के बारे में अपने इष्ट मित्रों को भी बता दें, जिससे वे भी इससे लाभ उठा सकें। सत्संग ध्यान ब्लॉग का सदस्य बने। इससे आपको आने वाले पोस्ट की सूचना नि:शुल्क मिलती रहेगी। इस पद का पाठ किया गया है उसे सुननेे के लिए निम्नलिखित वीडियो देखें।
महर्षि मेँहीँ पदावली.. |
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P131, Path to god "प्रभु मिलने जो पथ धरि जाते,..."।। महर्षि मेंहीं पदावली अर्थ सहित।
Reviewed by सत्संग ध्यान
on
3/07/2020
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