महर्षि मेंहीं पदावली / 125
प्रभु प्रेमियों ! संतवाणी अर्थ सहित में आज हम लोग जानेंगे- संतमत सत्संग के महान प्रचारक सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज के भारती (हिंदी) पुस्तक "महर्षि मेंहीं पदावली" जो हम संतमतानुयाइयों के लिए गुरु-गीता के समान अनमोल कृति है। इस कृति के 125वां पद्य "दिन बीतता जावे आयु खुटावे,....'' का शब्दार्थ, भावार्थ और टिप्पणी के बारे में। जिसे पूज्यपाद लालदास जी महाराज, पूज्यपाद संतसेवी जी महाराज और पूज्यपाद श्रीधर दास जी महाराज नेे किया है।
इस Santmat Warning भजन (कविता, पद्य, वाणी, छंद) "दिन बीतता जावे आयु खुटावे,..." में बताया गया है कि- क्लास 9 एवं 10 के बच्चों को समय का सदुपयोग करने के लिए सिखाया जाता है, लेकिन सभी लोगों को समय का सदुपयोग कैसे करना है, इस बारे में इसमें विशेष रुप से बताया गया है। इन बातों के साथ-साथ निम्नलिखित बातों पर भी कुछ-ना-कुछ जानकारी मिलेगी- भजन अर्थ सहित, कुप्पाघाट का भजन, मनुष्य-शरीर का सदुपयोग,मानव शरीर इन हिंदी,मनुष्य के शरीर के किस अंग से ईश्वर-भक्ति होता है,मानव शरीर सही उपयोग क्या है,हमारा शरीर,शरीर क्या है,शारीरिक संरचना,मानव विकिपीडिया,देव दुर्लभ मनुष्य शरीर,सबसे दुर्लभ शरीर कौन सा है,देवी देवता भी मनुष्य जन्म के लिए लालायित है,क्या तुम मात्र एक शरीर हो, मनुष्य शरीर इतना दुर्लभ।
इस पद्य के पहले वाले पद्य को पढ़ने के लिए
मनुष्य की आयु और उपयोग पर चर्चा करते गुरुदेव |
When to hymn? 'दिन बीतता जावे आयु खुटावे,...
सद्गुरु महर्षि मेंहीं परमहंस जी महाराज जी कहते हैं-कि हे मेरे प्रिय जनों ! समय बीतता जा रहा है। भजन कीर्तन, ध्यान जो केवल मनुष्य शरीर से ही होने वाले हैं । उसको जल्दी कर लो। When to hymn? 'दिन बीतता जावे आयु खुटावे,.... इस विषय में पूरी जानकारी के लिए इस पद का शब्दार्थ, भावार्थ और टिप्पणी पढ़ें-
पदावली भजन नंबर 125 और शब्दार्थ। |
पदावली भजन नंबर 125 का भावार्थ और टिप्पणी। |
पूज्यपाद संतसेवीजी महाराज द्वारा किया गया टीका-
गुरु महाराज का भजन नंबर 125। |
समय का सही सदुपयोग भजन और अर्थ |
पूज्यपाद श्रीधर दासजी महाराज द्वारा किया गया टीका-
मनुष्य शरीर में मिले समय का सदुपयोग। |
इस भजन के बाद वाले पद्य को पढ़ने के लिए यहां दबाएं।
प्रभु प्रेमियों ! गुरु महाराज के भारती पुस्तक "महर्षि मेंहीं पदावली" के भजन नं. 125 का शब्दार्थ, भावार्थ और टिप्पणी के द्वारा आपने जाना कि सभी लोगों को समय का सदुपयोग कैसे करना है? भजन-ध्यान जितना जल्दी हो कर लेना चाहिए। इतनी जानकारी के बाद भी अगर आपके मन में किसी प्रकार का शंका या कोई प्रश्न है, तो हमें कमेंट करें। इस लेख के बारे में अपने इष्ट मित्रों को भी बता दें, जिससे वे भी इससे लाभ उठा सकें। सत्संग ध्यान ब्लॉग का सदस्य बने। इससे आपको आने वाले पोस्ट की सूचना नि:शुल्क मिलती रहेगी। इस पद का पाठ किया गया है उसे सुननेे के लिए निम्नलिखित वीडियो देखें।
महर्षि मेँहीँ पदावली.. |
अगर आप 'महर्षि मेँहीँ पदावली' पुस्तक के अन्य पद्यों के अर्थों के बारे में जानना चाहते हैं या इस पुस्तक के बारे में विशेष रूप से समझना चाहते हैं तो
सद्गुरु महर्षि मेँहीँ परमहंस जी महाराज की पुस्तकें मुफ्त में पाने के लिए शर्तों के बारे में जानने के लिए 👉 यहां दवाए।
---×---
P125, When to hymn? 'दिन बीतता जावे आयु खुटावे,...' महर्षि मेंहीं पदावली भजन अर्थ सहित
Reviewed by सत्संग ध्यान
on
6/10/2019
Rating:
जय गुरु महाराज
जवाब देंहटाएं